हाल ही में एक नामी-गिरामी मीडिया पोर्टल पर एक आर्टिकल पढ़ा. आर्टिकल की हैडलाइन कुछ ऐसी थी ‘चुटकीभर नमक में मिलाएं ये 2 चीज़ें और सिर्फ़ 15 मिनट में पाएं सांवले रंग से निजात.’ इस ख़बर को एक पढ़े-लिखे दोस्त द्वारा फ़ेसबुक पर शेयर किया गया था, जिसके बाद इस तरह की मानसिकता पर चर्चा होने लगी थी. कोई इसे ‘हर इंसान की दिली इच्छा बता रहा था’, तो कुछ ऐसे भी थे, जो सीधा इस ख़बर का विरोध कर रहे थे. ख़ैर छोड़िये इन बातों को ये तो हमेशा से चलती आई हैं. असल मुद्दे पर आते हैं कि रंगभेद की नीति के लिए नेल्सन मंडेला से ले कर मार्टिन लूथर किंग तक लड़े, पर रंग भेद को ख़त्म न कर सके.
अन्य देशों को छोड़ कर हिंदुस्तान की ही बात करें, तो हम ख़ुद को भी रंगभेद नीति का शिकार पाते हैं. कालू, काले जैसे शब्द भले ही हमें आम लगते हों, पर असल में इन नामों को एक खास रंग के आदमी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. कुछ महीने पहले नोएडा में नाइजीरियाई लोगों पर जिस भीड़ ने हमला किया, वो इसी मानसिकता का शिकार थी. हिंदुस्तान में शायद ही कोई ऐसा लड़का होगा, जिसके सपने में आने वाली परी सांवले रंग की होगी. बचपन से ही वो ऐसी लड़की के ख़्वाब देखता है, जो दूध सी गोरी हो. पर क्या किसी का रंग ही उसकी किस्मत और उसके सपनों का निर्धारण करता है?
आज इसी सवाल का जवाब हम कुछ ऐसी शख़्सियतों के बीच ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, जो रंग के मामले में बेशक सांवली हों, पर बुलंदियों के मामले में कहीं आगे हैं. शायद इतने आगे कि वहां पहुंचने के लिए एक जन्म भी नाकाफ़ी हो.
सेरेना विलियम्स
सेरेना लॉन टेनिस की दुनिया में वो जाना-पहचाना नाम है, जिनकी एक झलक पाने के लिए दर्शकों की लम्बी कतारें लग जाती हैं. वीमेन टेनिस एसोसिएशन की रैंकिंग में सेरेना 2002 से ले कर तक 2017 तक पहले स्थान पर रही हैं.

नंदिता दास
नंदिता का नाम बॉलीवुड की उन एक्ट्रेसस में शुमार है, जो अपनी मेथड एक्टिंग के दम पर फ़िल्मों की रंगीन दुनिया में अपनी जगह बनाये हुए हैं. नंदिता ‘हज़ार चौरासी की मां’, ‘Earth’ और ‘फ़ायर’ जैसी बेमिसाल फ़िल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुकी हैं.

Halle Berry
‘जेम्स बॉन्ड’ और ‘एक्स मेन’ जैसी फ़िल्मों के ज़रिये लोगों के दिलों में अपनी जगह बना चुकी हॉलीवुड अभिनेत्री Halle Berry उन लोगों में से एक हैं, जिन्होंने अपने सपनों के आड़े अपने रंग को नहीं आने दिया. उनकी काबिलियत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो हॉलीवुड की सबसे ज़्यादा पगार पाने वाली एक्ट्रेस हैं. इसे साथ ही वो अपनी फ़िल्म Monster’s Ball के लिए ऑस्कर भी जीत चुकी हैं.

Oprah Winfrey
यूरोप और अमेरिका में Oprah Winfrey पहले ही एक जाना-पहचाना नाम है. हिंदुस्तान में इस नाम पर चर्चा उस समय शुरू हुई जब Oprah Winfrey ताजमहल को देखने के लिए आगरा पहुंची. Oprah का टेलीविज़न शो ‘The Oprah Winfrey Show’ अमेरिका का Highest-Rated टेलीविज़न प्रोग्राम था, जिसने सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था.

रिहाना
अपनी गायकी के ज़रिये हॉलीवुड में अपनी जगह बनाने वाली रिहाना आज एक सफ़ल अभिनेत्री और लेखक के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं. रिहाना की शख़्सियत का अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उनके नाम 8 Grammy Award, 12 बिलबोर्ड म्यूज़िक अवार्ड, 12 अमेरिकन म्यूज़िक अवार्ड और 8 People’s Choice Award हैं.

स्मिता पाटिल
स्मिता पाटिल उन अभिनेत्रियों में से थीं, जिन्होंने सांवले रंग के साथ बॉलीवुड में एंट्री ली, पर अपने अभिनय से सभी तरह की भ्रांतियों को तोड़ दिया. स्मिता ने 80 से ज़्यादा हिंदी और मराठी फ़िल्मों में काम किया और दो नेशनल समेत कई अवॉर्ड जीते.

प्रियंका चोपड़ा
साल 2000 में मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीत कर सुर्ख़ियों में आई प्रियंका चोपड़ा आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है. प्रियंका बॉलीवुड के उन कलाकरों में से एक हैं, जिन्होंने हॉलीवुड में भो अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया.

रानी मुखर्जी
सामान्य से नैन-नक्श लेकर जब रानी मुखर्जी ने बॉलीवुड में कदम रखा, तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन ये लड़की बॉलीवुड में एक्ट्रेस होने के मापदंडों को तोड़ कर नया कीर्तिमान लिखेगी.

Janet Jackson
जैक्सन परिवार की सबसे छोटी सदस्य Janet Jackson भी अपने परिवार की परम्परा को निभाते हुए सिंगिंग की दुनिया में आई. पिछले 30 सालों के दौरान Janet ने अपनी पहचान पॉपुलर कल्चर के आइडल के रूप में स्थापित कर ली है.

कर्णम मल्लेश्वरी
साल 2000 के सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने भारत के लिए वेट लिफ़्टिंग में कांस्य पदक जीता. इससे पहले भारत इस प्रतियोगिता की शुरुआत में ही बाहर हो जाया करता था.

पी वी सिंधु
पी वी सिंधु का नाम हिंदुस्तान की उन बेटियों में से एक है, जिन्होंने विश्व पटल पर देश का नाम रौशन किया. बैडमिंटन प्लेयर में देश के लिए पहला मेडल लाने वाली सिंधु इंटरनेशनल रेंक में 3 नंबर पर हैं.

कविता कृष्णन
ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन एसोसिएशन के सेक्रेटरी के पद पर तैनात कविता कृष्णन उन महिलाओं में से एक हैं, जो पुरुष प्रधान समाज की संकीर्ण सोच को तोड़ने का काम कर रही हैं. चाहे फिर महिला अधिकार से जुड़ा कोई मुद्दा हो या किसी अल्पसंख्यक के अधिकारों के हनन का मामला कविता अकसर ही इन्हें उठाती हुई दिखाई देती हैं.

ये लिस्ट यही ख़त्म नहीं होती, इस लिस्ट में कई ऐसी महिलाएं भी शामिल हैं, जो हर दिन रंग की दीवार को तोड़ते हुए कामयाबी की नई कहानी लिख रही हैं. इन महिलाओं की कामयाबी कहती है ‘आप अपनी सोच बदलें न बदलें. हम तो बदल गए हैं.’