गोवा की प्लैनिंग कर, उसे ड्रॉप करते रहना. ‘ये जवानी है दिवानी’ देख मनाली जाने का दृढ़ निश्चय कर लेने के बावजूद कभी मनाली के बॉर्डर तक भी ना पहुंच पाना. लेह-लद्दाख बाइक से जाने के लिए सेविंग्स करना लेकिन फिर उन पैसों का कहीं न कहीं ख़र्च हो जाना. ये बहुत से युवाओं की लाइफ़ की हक़ीक़त है.

ना जाने कितनी बार सोलो-ट्रिप, सोलो-ट्रिप की रट मन ही मन लगाई लेकिन ऑफ़िस के अलावा कहीं भी अकेले नहीं गए.

हमसे काफ़ी अलग है 23 वर्षीय विमल गीथानंदन की कहानी. विमल ने देश के 11 राज्यों की यात्रा बिना एक भी रुपये ख़र्च किये कर ली है.

अपने साथ एक टेंट, Sleeping Bag, 3 जोड़ी कपड़े और एक लैपटॉप, एक फ़ोन और एक पावर बैंक लेकर विमल जुलाई 2016 को आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से निकले.

विमल का कहना है कि उन्होंने मोटरसाईकल, कार, बस, ट्रक के ज़रिये 11 राज्यों की यात्रा की. उन्होंने अजनबियों की सहायता से ट्रेन द्वारा भी यात्रा की.

अपनी रोमांचक Solo Trip के बारे में विमल ने कहा,

मैं लोगों पर बहुत भरोसा करता हूं. मुझे ख़ुद पर भी यक़ीन है. इसलिये मैंने इसे एक Challenge की तरह लिया कि एक पैसा भी ख़र्च किये बिना पूरी यात्रा करनी है. मैंने सोच लिया था कि मैं बिना टिकट के ही ट्रैवेल करूंगा, मुझे पता है कि ये ग़लत है.

विमल ने 11 राज्यों- तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, गोवा, महाराष्ट्र, असम, मेघालय, नागालैंड और पश्चिम बंगाल की यात्रा की.

अपनी यात्रा के बारे में इस इंजीनियरिंग ड्रॉप-आउट ने बताया,

मैंने उस यात्रा के हर पल को जिया. मैं अकेले होने पर रोया और ऐसा करके मुझे लगा कि मैं सच में ज़िन्दा हूं. यात्रा को अकसर ख़ुशियों से जोड़ा जाता है. लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता. ये दुखी भी करता है और आपको अपनी Priorities समझ आती है.

विमल अकसर अपने दोस्तों को अकेले ट्रेवल करने के प्लैन्स बनाते सुनते. उसे लगा बातें करने से कुछ नहीं होगा, इसलिये उसने ख़ुद एक उदाहरण प्रस्तुत करने की सोची.

अपनी ट्रिप के पहले हिस्से में विमल अनंतपुर से बंगलुरू गए और पूरे दक्षिण भारत की यात्रा की. इसके बाद विमल ने महाराष्ट्र होते हुए असम, मेघालय, नागालैंड तक की यात्रा की. इसी बीच उसका परिवार अनंतपुर से बेंगलुरु शिफ़्ट हो रहा था, इसलिये उसे यात्रा बीच में छोड़कर परिवार की सहायता के लिए लौटना पड़ा.

अपने यात्रा के दौरान विमल एक ट्रक ड्राइवर से मिला, उस घटना के कुछ अंश,

रमज़ान के दौरान मैं अनंतपुर से बंगलुरू जा रहा था, यात्रा के दौरान मैं असग़र से मिला. वो ट्रक ड्राइवर और न्यूज़ सप्लाइर है. सड़क दुर्घटनाओं की तस्वीरें खींचकर न्यूज़वालों को भेजता है. मुझे इस तरह के प्रोफ़ेशन के बारे में बिल्कुल पता नहीं था. उसने मुझे लिफ़्ट दी. जब उसे पता चला कि मैं भूखा हूं तो उसने मेरे लिए खाना ख़रीदा, जब कि वो रोज़ा रख रहा था. इस घटना ने सोलो ट्रिप से जुड़ी मेरे सारे डर ख़त्म कर दिये.

विमल मानवता पर विश्वास करते हैं और उनकी यात्रा ने इस बात को साबित भी किया. इस यात्रा मैं उसके साथ बहुत सारे नए अनुभव हुए. केरल के मुन्नार में एक परिवार के पास सोने के लिए सिर्फ़ एक खाट थी उन्होंने वो विमल को दिया.

विमल अपने मां के साथ रहते हैं और अपनी मां को मनाना भी उसके लिए आसान नहीं था, लेकिन मां ने उसे यात्रा करने से नहीं रोका.

विमल घर लौटकर उन लोगों को अपने घर बुला रहे हैं जिन्होंने यात्रा के दौरान उनकी सहायता की थी.

अब विमल सेक्स वर्कर्स के लिए एक Social Enterprise सेट करना चाहते हैं. कोलकाता के सोनागाछी में सेक्स वर्कर्स की अवस्था देखने के बाद उसने ये निर्णय लिया है.