संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, हमारे देश में हर रोज़ 20 करोड़ लोग भूखे पेट सोते हैं. इनका ज़िक्र तो हर किसी के भाषण में बढ़-चढ़कर होता है, लेकिन इस समस्या से निजात पाने के लिए बहुत कम ही लोग सामने आते हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक शख़्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हर रोज़ सैंकड़ों लोगों को मुफ़्त में भोजन देने का काम कर रहा है.

इनका नाम है अज़हर मकसूसी और ये हैदराबाद के दाबिरपुरा इलाके में रोज़ाना 300-400 भूखे लोगों का पेट भरते हैं. हर दिन हैदराबाद स्थित गांधी अस्पताल के पास भिखारी, कुड़ा बीनने वाले, मज़दूर आदि ग़रीब लोग इनका इंतज़ार करते हैं.
दुश्वारियों में बीता बचपन

मकसूसी उन लोगों को कभी निराश नहीं करते और दोपहर में नियमित रूप से उनकी थालियों में खाना पहुंचाते हैं. अज़हर का बचपन भी काफ़ी दुश्वारियों में बीता. जब वो 4 साल के थे, तब उनके पिता का देहांत हो गया था. आर्थिक तंगी की वजह से उनके परिवार को कई बार भूखे पेट सोना पड़ता था.

इसलिए छोटी उम्र में ही उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था. एक दिन जब वो काम से घर लौट रहे थे, तब उनकी नज़र एक महिला पर पड़ी. वो भूख के कारण बिलख रही थी. उसकी पीड़ा अज़हर आसानी से समझ रहे थे, इसलिए उन्होंने अपने पैसों से खाना ख़रीद कर उसे खिलाया.
अब दूसरे लोग भी करने लगे हैं मदद

ये साल 2011 की बात है, उसी दिन अज़हर ने ठान लिया था कि वो अपने सीमित संसाधनों से जितना हो सकेगा उतने लोगों का पेट भरेंगे. तभी से ये सिलसिला यूं ही जारी है. उनकी लगन देखकर अब दूसरे लोग भी उनकी मदद करने लगे हैं. कुछ लोग उन्हें राशन, तो कुछ खाना बांटने में अज़हर की मदद करने लगे हैं.

पिछले 5 सालों से ये नेक काम अनवरत जारी है. अब उनकी ये सेवा पास के राज्यों में भी फैल चुकी है. उनकी टीम अब कर्नाटक, झारखंड और असम में भी भूखे लोगों को फ़्री में खाना खिला रही है. इस तरह उनकी टीम हर रोज़ करीब 1000-1200 लोगों का पेट भर रही है.

अज़हर का कहना है कि इस काम को कर के उन्हें बहुत ख़ुशी और संतुष्टि मिलती है. वो अपनी इस पहल को देशभर में फैलाना चाहते हैं.