पिछले कुछ दिनों से देशभर में सोशल मीडिया पर, चाय की दुकानों पर, सड़क चलते मैंने आक्रोष, असहजता और असंतोष महसूस किया है. आपने भी किया ही होगा. कुछ घटनाओं ने समाज की जड़ें हिलाकर रख दी हैं.
जम्मू कश्मीर के कठुआ ज़िले में एक बच्ची के और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक लड़की के बलात्कार और रिपोर्ट न लिखे जाने के केस ने पूरे देश को झकझोर दिया. ये पहली बार था, जब किसी बलात्कार के साथ धर्म, राजनीति, जाति जैसी बातें भी जुड़ गईं और महिला सुरक्षा का विषय कहीं दब गया.
कठुआ और उन्नाव में पीड़ितों को इंसाफ़ दिलाने की मांग को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. सत्तापक्ष के लोगों की चुप्पी और विपक्ष के हौ-हल्ले से हम सभी.
कठुआ केस में पीड़ित बच्ची को इंसाफ़ दिलाने में जुटी हैं दीपिका सिंह राजावत. दीपिका ने पहले ये बताया था कि बार एसोसिएशन के साथी उनके खिलाफ़ हो गए हैं, उन्हें धमकियां दी जा रही हैं और केस न लेने के लिए कहा जा रहा है.

कल वक़ील दीपिका की ये तस्वीर ट्विटर पर साझा की गई.

एक तरफ़ जहां देश में बच्चियों के साथ दरिंदगी की अनगिनत घटनायें हमारे सामने हैं, वहीं दूसरी तरफ़ है ये तस्वीर. एक महिला जिसके चारों तरफ़ पुरुष खड़े हैं, लेकिन सभी उसे सम्मान की नज़रों से देख रहे हैं.
How often do we see a photograph like this? A confident, professional woman flanked by men who are not lecheroulsy staring at her. pic.twitter.com/x0fSa786bT
— Ashwaq Masoodi (@ashwaqM) April 17, 2018
ये अपने आप में ही एक सकारात्मक लहर है, एक सकारात्मक सोच है कि जहां एक तरफ़ देश में दरिंदगी है, तो वहीं दूसरी तरफ़ ऐसी महिलाएं भी हैं जो सच्चाई के लिए खड़ी हैं और उसका साथ देने वाले पुरुष भी हैं.
दीपिका कई लोगों के लिए एक सुपरवुमन हैं.
ट्विटर पर बहुत से लोगों ने दीपिका की हिम्मत की दाद दी है:
1. देश को दीपिका राजावत और श्वेतांबरी शर्मा जैसी निडर महिलाओं की ज़रूरत है. दीपिका, कठुआ केस में न्याय के लिए लड़ रही हैं और श्वेतांबरी, जम्मू-कश्मीर पुलिस के क्राइम ब्रांच द्वारा केस के लिए बनाई गई SIT की इकलौती महिला मेंबर हैं.

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ये बहादुर महिला #Asifa की वक़ील दीपिका राजावत है। जिसने अपनी जान की बाज़ी लगा कर आसिफ़ा के क़ातिलों को कठघरे में खींच लिया है
इन्होंने बताया कि बार एसोसिएशन के वक़ील इन्हें सोशल मीडिया पर धमकी दे रहे हैं फिर भी हिम्मत नहीं हारी, इस बहादुर महिला को मेरा सलाम 👍#JusticeforAsifa— faiyaz Ali Rabbani (@faiyaz_rabbani) April 18, 2018
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इसके अलावा, दीपिका ने बलात्कार के आरोपी एक जज को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया था.
दीपिका Voice For Rights नामक एक NGO भी चलाती हैं, जो बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करती है.
दीपिका, न्याय की इस लड़ाई में हम सब आपके साथ हैं.