कोरोना वायरस के चलते देशभर के स्कूल-कॉलेज अब भी बंद हैं. इस बीच छात्रों के नए सेशन भी शुरू हो गए हैं. ऐसे में छात्र ऑनलाइन पढ़ाई करके अपना कोर्स पूरा करने में लगे हुए हैं.

deccanherald

इस दौरान दूर दराज के गावों में कई छात्र ऐसे भी हैं जिनके पास न तो इंटरनेट की सुविधा है न ही उनके पास मोबाइल फ़ोन हैं. ग़रीबी के कारण जो बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें ‘मोहल्ला क्लास’ के ज़रिए पढ़ाया जा रहा है. शिक्षक गांव-गांव जाकर बच्चों को ‘मोहल्ला क्लास’ दे रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई में बाधा न आए इसके लिए टीचर कुछ भी करने को तैयार हैं.

twitter

इन दिनों छत्तीसगढ़ के एक छतरी वाले ये गुरूजी छात्रों के बीच ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी काफ़ी पसंद किए जा रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िला मुख्यालय से क़रीब 70 किलोमीटर दूर ग्राम सकड़ा में ‘प्राथमिक पाठशाला सकड़ा’ के शिक्षक रुद्र प्रताप सिंह राणा अपनी मोटरसाइकिल में ब्लैक बोर्ड, सूटकेस में किताबें, माईक, घंटी और बाइक पर बड़ी सी छतरी लगाकर बच्चों को पढ़ाने ‘मोहल्ला क्लास’ में पहुचते हैं. पढ़ाई के दौरान मास्टरजी फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पूरी तरह से पालन करते हैं.

twitter

शिक्षक रुद्र प्रताप सिंह राणा रोजाना क़रीब 40 किलोमीटर दूर पेंड्रा मरवाही ज़िले के ‘प्रारासी’ गांव से बच्चों को पढाने ‘सकड़ा’ गांव आते हैं. इस दौरान मास्टर जी सकड़ा गांव के आसपास गुरवापारा, पटेल पारा, स्कूल पारा, बिही पारा, मुहारी पारा में ‘मोहल्ला क्लास’ आयोजित कर बच्चों पढ़ाने का काम कर रहे हैं.

twitter

इस दौरान छतरी वाले ये मास्टरजी जिस भी मोहल्ले में क्लास देने जाते हैं, मोहल्ले में पहुंचते ही सबसे पहले अपनी मोटरसाइकिल स्टैंड पर खड़ी करके घंटी बजाते हैं. घंटी की आवाज़ सुनकर मोहल्ले के सभी बच्चे अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर स्कूल बैग के साथ झज्जे पर चटाई बिछाकर ‘मोहल्ला क्लास’ में शामिल होते हैं. इसके बाद सभी बच्चे पहले अपनी-अपनी जगहों पर खड़े होकर राष्टगान गाते हैं. इसके बाद ही पढ़ाई शुरू होती है.

twitter

रुद्र प्रताप सिंह राणा ने बताया कि, जिस दिन से मोहल्ला क्लास शुरू हुई है उस दिन से बच्चे भी बड़ी उत्सुकता के साथ क्लास में शामिल हो रहे हैं. बारिश हो या आंधी, बच्चे अपने घरों के बाहर झज्जे के नीचे बैठ कर पढ़ते हैं और मैं छाते के नीचे खड़े होकर उन्हें पढ़ाता हूं. मैं अपनी बाइक पर छतरी इसलिए लगाता हूं ताकि धूप और बारिश से बच सकूं. ग्रामीणों सहित बच्चों को मेरा ये अनोखा अंदाज़ बेहद पसंद आ रहा है.  

twitter