एक खिलाड़ी के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ है फ़िटनेस. कोई खिलाड़ी तभी बेहतर प्रदर्शन कर पाता है, जब वो पूरी तरह से फ़िट होता है. यही कारण है कि क्रिकेट या किसी अन्य खेल में अनफ़िट खिलाड़ी को टीम में जगह नहीं दी जाती. आजकल के युवाओं के मन में फ़िटनेस का नाम सुनते ही कई चेहरे आंखों के सामने तैर जाते हैं, जिनमें से जॉन अब्राहम, विराट कोहली और विद्युत् जामवाल जैसे बहुत फेमस हैं. अभी कुछ दिन पहले ही विराट कोहली ने सबके सामने अपनी फ़िटनेस का राज़ खोला. निश्चित तौर पर विराट कोहली खेल के साथ-साथ फ़िटनेस के मामले में भी बहुत ऊपर हैं. क्रिकेट के हर फ़ॉर्मेट में विराट ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.

आज के दौर के कई खिलाड़ी विराट के सुपरफ़िट होने का राज़ जानना चाहते हैं, उन्हीं के लिए विराट ने इसका खुलासा किया है. आज शानदार बॉडी के मालिक हमेशा से ऐसे नहीं थे. शुरू में वो अपनी फ़िटनेस के प्रति ज़्यादा सजग नहीं थे. उन्होंने फ़िटनेस को सीरियसली लेना शुरू किया पूर्व कोच डंकन फ्लेचर से बातचीत के बाद. भारतीय टीम के पूर्व कोच ने उन्हें अपने फ़िटनेस के प्रति सजग रहने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि डंकन ने उनसे कहा था कि क्रिकेट प्रोफ़ेशनल खेलों का सबसे अन प्रोफ़ेशनल खेल है. इसमें आपके बने रहने की सबसे बड़ी इकाई है आपकी फ़िटनेस. फिर कोहली को समझ में आया कि अगर गेम के तीनों फ़ॉर्मेट्स में बने रहना है, तो खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से फ़िट रखना ही होगा.

2012 से कोहली ने अपने ट्रेनिंग में बदलाव किया. इसके साथ ही स्वास्थ्य और फ़िटनेस के प्रति सजग हो गये. इस दौरान उनका ऑस्ट्रेलिया और बंग्लादेश का टूर्नामेंट बहुत बढ़िया रहा. पर आईपीएल में उन्हें जूझना पड़ा. उन्होंने अपने इस समस्या का कारण भी बताया है:

मेरी ट्रेनिंग बहुत भयानक थी. मैं कुछ भी खा लेता था और देर तक सोता रहता था. मुझे रोज़ ड्रिंक करने की आदत थी. ये एक डरावना माइंडसेट था. जब सीज़न ख़त्म हो गया, तो मैं बहुत ख़ुश हुआ. एक दिन जब मैं नहा रहा था, तब मैंने खुद को आईने में देखा. मेरा वजन पहले से 10-12 किलोग्राम बढ़ गया था. मैं खुद को प्रोफ़ेशनल खिलाड़ी महसूस नहीं कर रहा था. उसके अगले ही दिन से मैंने सब कुछ बदल दिया. मैं जिम में ज़्यादा वक़्त बिताने लगा. मैंने खाने-पीने में भी बहुत बदलाव किया.

इसके बाद विराट क्या कहते हैं, आप भी पढ़िये:

पहले दो महीनों तक तो मेरी हालत ऐसी थी कि जब मैं सोता था, तो मुझे लगता था कि मैं भूख के मारे अपनी बेडशीट खा जाऊंगा. मुझे स्वादिष्ट खाने की तलब होती थी. पर इस त्याग का मैंने जल्द ही नतीजा देखा. मैं खुद को मैदान पर ज़्यादा तेज़ और चुस्त महसूस करता था. मैं सोकर उठता था, तो मुझे काफ़ी एनर्जेटिक लगता था.

इसके बाद कोहली ने एक बार और अपने लाइफस्टाइल में बदलाव किया. उसके बाद जो हुआ, उसका भी अनुभव उन्होंने साझा किया है:

2015 में मैंने अपने ट्रेनिंग को फिर बदल दिया. मैंने Lifting, Snatching, Cleaning और Dead Lifting करना शुरु कर दिया. इसके नतीजे अविश्वसनीय थे. मुझे याद है कि श्रीलंका के खिलाफ़ एक मैच में मैं जब गेंद के पीछे भाग रहा था, तो मेरे पैरों में मुझे अजीब सी शक्ति का एहसास हो रहा था. मेरे मुंह से बस Wow निकला. इस बदलाव ने मेरे खेल को अलग लेवल पर पहुंचा दिया.

अब ये कहने की ज़रुरत ही नहीं है कि कोहली के हार्ड वर्क ने उन्हें आज विश्व के सबसे फ़िट खिलाड़ियों की लिस्ट में लाकर खड़ा कर दिया है. अब कोहली टीम के बाकी सदस्यों को भी फ़िट रहने की सलाह देते हैं.

विराट अभी भी हफ़्ते में पांच दिन जिम जाते हैं और करीब डेढ़ से दो घंटे वर्कआउट करते हैं. उनके वर्कआउट के रूटीन में Weight और Cardio का कॉम्बिनेशन शामिल है. अपना स्टैमिना और एनर्जी लेवल बढाने के लिए विराट Tech-Savvy वर्कआउट भी करते हैं. इसके अलावा अपने पेट को शेप में रखने के लिए और एक्स्ट्रा फ़ैट हटाने के लिए वो टेक्नोशेप की सहायता लेते हैं.

वर्कआउट से विराट में न सिर्फ़ शारीरिक चुस्ती आई है, बल्कि वो मैदान पर दिमाग को भी काफ़ी संयमित रख पाते हैं. उनकी एकाग्रता और सोचने की शक्ति पहले से बेहतर होती जा रही है. इससे उनका फ़ोकस भी बेहतर हो गया है.

खाने में विराट अब काफ़ी स्ट्रिक्ट रूल फ़ॉलो करते हैं. विराट घर का खाना ही खाते हैं. इसमें भी कई चीज़ें हैं, जो उन्होंने खुद को खाने से रोक रखा है. जंक फ़ूड तो उन्होंने कब से छोड़ दिया है. वो बस आर्गेनिक चीज़ें खाते हैं और ब्लैक कॉफ़ी पीते हैं. चीट डेज में भी वो अपनी डाइट का पालन करते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन वो न ही सिगरेट पीते हैं और न शराब पीते हैं. विराट बस मिनरल वाटर ही पीते हैं, ताकि पानी की बीमारियों से बच सकें.

यही तो एक असली स्पोर्ट्समैन की पहचान है. अपनी पसंद-नापसंद की चीज़ें अपने खेल के आगे त्याग देते हैं. अब तो आप जान ही गये होंगे कि ऐसे ही विराट उस मुकाम पर नहीं पहुंचे हैं. वाकई Legend बनना इतना आसान नहीं, बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं. हम आशा करते हैं कि विराट ऐसे ही फ़िट रहें और देश का मान बढ़ाते रहें.