बहुत बार सुना है, क़ातिलाना हुस्न… ऐसा रूप जिसे देखकर इंसान, इंसान न रहे. ऐसी ही थी मिस्त्र की रानी क्लियोपैट्रा.
अक़सर सोशल मीडिया और इंटरनेट पर ‘जानिए रानी क्लियोपैट्रा के ब्यूटी सिक्रेट्स’, ‘ये ये लगाती थी रानी क्लियोपैट्रा’ जैसे लेख देखने को मिलते हैं. 2000 साल बाद भी उसकी बात हो रही है, यानी उसमें कुछ तो बात होगी.
कौन थी क्लियोपैट्रा?
क्लियोपैट्रा का नाम जितनी शिद्दत से हमने याद रखा है, उतना उनके माता-पिता का नहीं रखा. मिस्त्र में जन्मी क्लियोपैट्रा असल में वो मैसेडोनिया (ग्रीस) से थीं और कुछ इतिहासकारों का कहना है कि क्लियोपैट्रा के पूर्वज सिकंदर के साथ ही मिस्त्र पहुंचे थे और वहीं बस गए थे.
क्लियोपैट्रा का असल नाम
क्लियोपैट्रा का असली नाम क्लियोपैट्रा 7 था, यानी उससे पहले 6 और क्लियोपैट्रा मिस्त्र की धरती पर पैदा हो चुकी थीं और उनमें से एक सिकंदर की बहन भी थी.
ऐसे बनीं मिस्त्र की रानी
जब वो 14 साल की थी तब पिता, टोलेमी की मृत्यु हो गई और मिस्त्र की बागडोर क्लियोपैट्रा और उसके छोटे भाई के हाथों में आ गई. लेकिन क्लियोपैट्रा अकेले राज करना चाहती थी और मिस्त्र के लोग एक औरत को अपने नायक के रूप में देखना नहीं चाहते थे. नतीजा क्लियौपेट्रा से उसका राज्य छीन लिया गया. वो सीरिया भाग गई और 1 वर्ष बाद अपने भाई की सेना का सामना करने वापस मिस्त्र पहुंची.
सीज़र से मुलाक़ात
कहते हैं क्लियौपेट्रा ने एक कालीन में ख़ुद को लपेटकर सीज़र से मदद मांगने पहुंची थी. कालीन खुली और क्लियौपेट्रा सीज़र के कदमों पर जा गिरी. सीज़र को क्लियौपेट्रा से इश्क़ हो गया जो ताउम्र रहा.
सीज़र की सेना ने क्लियौपेट्रा की मदद की और वो फिर से मिस्त्र की रानी बन गई. कुछ वक़्त तक सीज़र मिस्त्र में ही रहा क्लियौपेट्रा ने सीज़र के बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम था टोलेनी सीज़र या सीज़ेरिओन.
मार्क एंटनी से मोहब्बत
सीज़र की हत्या के बाद रोम की सत्ता मार्क एंटनी के हाथों में आ गई. सीज़र की हत्या का बदला लेने में क्लियौपेट्रा ने मार्क एंटनी की मदद की थी. मार्क एंटनी ने सीज़र के हत्यारों को मार गिराया और क्लियौपेट्रा को मिलने बुलाया.
प्लुटार्क(एक लेखक जिसने क्लियौपेट्रा के बारे में बहुत कुछ लिखा) की कहानी के अनुसार मिस्त्र की रानी, देवी Isis की तरह तैयार होकर मार्क एंटनी से मिलने पहुंची. एंटनी एक नज़र में ही क्लियौपेट्रा के प्यार में पड़ गया. क्लियौपेट्रा और उसकी सत्ता की रक्षा का वादा कर दिया रोम के राजा मार्क एंटनी ने.
न वैसी ज़िन्दगी किसी की थी, न ही मौत
एक राजनैतिक समझौते के तहत मार्क एंटनी को ओक्टेवियन(सीज़र का रिश्तेदार) की बहन, ओक्टेविया से विवाह करना पड़ा था. लेकिन एंटनी क्लियौपेट्रा से प्रेम करता था और उसने सबके सामने ओक्टेविया से विवाह तोड़ लिया. ओक्टेवियन और रोम के सिनेट्स को ये लगने लगा कि मार्क एंटनी रोम के भूल गया है, इसीलिए उससे सत्ता छीन ली गई.
एंटनी और क्लियौपेट्रा को सबक सिखाने के लिए ओक्टेवियन ने युद्ध छेड़ दिया. लड़ाई के दौरान ही एंटनी ने ये अफ़वाह सुनी कि क्लियौपेट्रा ने आत्महत्या कर ली है. बिना सच्चाई जाने एंटनी ने अपनी तलवार से ही अपनी जान ले ली.
एंटनी को दफ़नाने और ओक्टेवियन से मिलने के बाद क्लियौपेट्रा ने ख़ुद को अपनी दो नौकरानियां के साथ कमरे में बंद कर लिया. उसकी मृत्यु को लेकर भी मता हैं, लेकिन ज़्यादातर इतिहासकारों और लेखकों का कहना है कि क्लियौपेट्रा ने एस्प नामक एक सांप से ख़ुद को डसवाया था.
कुछ इतिहासकारों के अनुसार, मरने से पहले क्लियौपेट्रा ने मरने के अलग-अलग तरीके मुल्ज़िमों पर आज़माकर ये देखा था कि सबसे कम दर्दनाक मौत किससे होती है.
नहीं मिली उसकी कब्र
क्लियौपेट्रा की इच्छा थी कि उसे एंटनी के पास ही दफ़नाया जाए. आज तक एंटनी और क्लियौपेट्रा की कब्र का कुछ पता नहीं चला है.
ये थी इतिहास के पन्ने में दर्ज एक ख़ूबसूरत रानी की कहानी. आपको कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं.