ईसाई शादियों में आपने ब्राइड्समेड्स, दुल्हन की सहेलियों को एक जैसे कपड़े पहने हुए देखा ही होगा. 

Zola

बदलते दौर के साथ दूसरे धर्मों की शादियों में भी लड़कियां ऐसा करने लगी हैं.


दिमाग़ में कभी न कभी तो आया ही होगा कि आख़िर ये दुल्हन की सहेलियां एक जैसे कपड़े क्यों पहनती हैं?  

 ये है वजह? 


हम पुराने से नये ज़माने में तो आ गये पर पुराने ज़माने के कई रिवाज़ आज भी माने जाते हैं. पहले के ज़माने में दुल्हनों का शादी के स्टेज से ही अपहरण हो जाता था इसलिए ईसाई शादियों में दुल्हन, दूल्हे की बायीं तरफ़ खड़ी रहती है ताकी दायें हाथ से तलवारबाज़ी करके दूल्हा बदमाशों को भगा सके. 

एक वक़्त था जब ब्राइड्समेड्स न सिर्फ़ एक जैसे कपड़े पहनती थीं बल्कि दुल्हनों की तरह ही तैयार होती थीं. लेखिका Hanne Blank के मुताबिक़, ऐसा करने का असल कारण था बुरी शक्तियों को कन्फ़्यूज़ करना. ऐसी मान्यता थी कि दुल्हन को कोई काले जादू से नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकता है. 

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इन जगहों पर था ये रिवाज़ 


दुल्हन जैसा ही सजने का रिवाज़ होने के सुबूत रोम, चीन में मिलते हैं. कई बार दुल्हन बड़ी दूर से अपने दूल्हे के घर पहुंचती थी और रास्ते में डकैतों द्वारा उठा लिये जाने का डर रहता था. एक जैसे कपड़े पहनने से दुल्हन को पहचानने मुश्किल हो जाता. 

बीतते वक़्त के साथ ये क़ानून बन गया. कुछ रोमन वेडिंग कस्टम्स के मुताबिक़,शादी के विटनेस के तौर पर 10 लोगों को एक जैसे रंग के कपड़े पहनने होते हैं. दुल्हनों को अपना चेहरा ढकना होता है ताकी वो हर तरह की नज़र से बच सके. 

दौर बदला पर ये नियम नहीं. 1840 में जब रानी विक्टोरिया ने राजकुमार अल्बर्ट से शादी की तो उनकी 12 ब्राइड्समेड्स ने रानी से मिलते-जुलते कपड़े पहने थे.


ये कहना ग़लत नहीं होगा कि इतिहास में कई ब्राइड्समेड्स ने दुल्हन के लिए जान की बाज़ी लगाई है!