अरे! ऐसी लड़कियां ‘रंडी’ होती हैं.’ भाई! कैसे वो कैसे हुई रंडी? जब 7 लड़कों के साथ सेक्स करती है, तो क्या देवी हुई? ऐसी ही लड़कियों का रेप होता है.’ रात के 10 बजे मैं और मेरे दोस्त इस बात पर आपसी बहस कर रहे थे. मैं बस उसे इतना ही समझाना चाह रहा था कि लड़की एक लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाए या फ़िर 7 लड़कों के साथ, ये उसकी मर्ज़ी है. यह अधिकार हमें किसी ने नहीं दिया है कि हम उसे ‘रंडी’ कह सकें. लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं था. वाद-विवाद के क्रम में हम ये भूल चुके थे कि हमें घर भी जाना है. उस समय मैं और मेरे दोस्त, दिल्ली के एक मीडिया संस्थान से पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे थे.

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‘रंडी’ शब्द लड़कियों के लिए ऐसे प्रयोग किया जाता है, जैसे हम किसी को ‘Hello’ कहते हैं. दरअसल, ये लड़कियों के कैरेक्टर को दिया गया एक तमगा होता है, जिसे हम अपने अनुसार ईनाम के स्वरुप दे देते हैं. हंस कर बात करना, छोटी स्कर्ट पहनना, कई लड़कों के साथ दोस्ती करना, रात में छत पर बात करना और बाइक पर लड़कों की तरह बैठना, अगर लड़कियां ऐसा करती हुए पाई गईं, तो मतलब ये है कि वो रंडी हैं. हालांकि, लड़कों को समाज ने हर मामले में विशेषाधिकार दे रखा है.

महिलाओं के मुद्दे पर बॉलीवुड हाल ही में दो मूवीज़ रिलीज़ हुई हैं, जिनमें महिला होने के अर्थ, संघर्ष, अधिकार और आज़ादी के बारे में बताया गया है.

मैं एक खानदानी लड़का हूं, मगर समाज के लिए अपवाद हूं, क्योंकि मेरी तीन बहनें और मेरी एक मां भी हैं. मैं वो सब कुछ नहीं कह और कर सकता हूं, जो खानदानी लड़के करते हैं. खानदानी लड़कों का मतलब बड़बोले, जिन्हें समाज में कुछ भी करने का सर्टिफिकेट प्राप्त है.
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हमारे समाज में लड़कों को कभी ‘रंडी’ नहीं कहा जाता है, क्योंकि हमें छूट है, लड़कियों को छेड़ने, उन पर फब्तियां कसने, उन्हें परेशान करने और उन्हें सेक्स के लिए अप्रोच करने की.

7 लड़कों से साथ सेक्स करने वाली लड़कियां रंडी कहलाती हैं, तो 7 लड़कियों के साथ संबंथ बनाने वाले लड़के गर्व क्यों करते हैं?

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शरीर पर मात्र नरमुंडों की माला धारण करने वाली मां काली को हम देवी के रूप में पूजते हैं, मगर किसी लड़की को उसके कथित भड़काऊ कपड़े के लिए उसे रंडी वाला तमगा दे देते हैं. हम उस दोगले समाज में रह रहे हैं, जहां हम अपनी बहन के लिए चाहते हैं कि रास्ते में उसे कोई ना छेड़े, बस में देखते ही कोई उसे बैठने के लिए सीट दे दे, रिक्शे वाला बिना बकवास किए, उसे सुरक्षित घर पहुंचा दें, लेकिन दूसरी तरफ हम बाकी लड़कियों के साथ कुछ भी करने का सर्टिफिकेट ले कर चलते हैं. न्यूटन का तीसरा सिद्धांत कहता है कि हर क्रिया के विरुद्ध एक प्रतिक्रिया होती है. कहने का मतलब बबूल रोपोगे, तो बबूल ही उगेगा, न कि आम. अगर आप लड़कियों का अपमान करेंगे, तो कोई और ‘पुरुष ‘आपकी बहन-बेटी का भी तो अपमान करेगा.

इसलिए अगर हमें सचमुच महसूस होता है कि हमारी बहनें या बेटियां सुरक्षित नहीं हैं और उन्हें वाज़िब सम्मान नहीं मिलता, तो अपने आस-पास मौजूद हर लड़की को इज्ज़त देनी होगी. तभी औरत के प्रति इस स्वस्थ सोच को आगे बढ़ाया जा सकेगा कि औरत, औरत होने से पहले एक इन्सान होती है और उसे भी जीवन में वो सब कुछ अपनी मर्ज़ी से करने का हक़ है, जो पुरुषों को है. किसी पुरुष को ये अधिकार कतई नहीं है कि वो उसे चरित्र प्रमाण पत्र दे.