लखनऊ का Sheroes कैफ़े…

15 Acid Attack Survivors को सम्मान के साथ रोज़गार भी देता है. यहां Survivors को अपनी पिछली ज़िन्दगी भूलने की वजह मिली.

कुछ दिनों से ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि लखनऊ के गोमती नगर स्थित Sheroes कैफ़े को बंद कर दिया जाएगा. इस ख़बर को सुनते ही कैफ़े चलाने वालों के साथ-साथ आम जनता को भी झटका लगा.

उत्तर प्रदेश के ‘महिला कल्याण निगम’ ने Sheroes बंद करने का निर्णय लिया था. इस संस्था की Monitoring Committee ने कहा था, ‘इस यूनिट को चलाने की कोई वजह नहीं मिली है’.

कैफ़े बंद होने की ख़बर से ही यहां काम कर रही Survivors में दुख और चिंता की लहर दौड़ गई. कोई भी अपनी पिछली ज़िन्दगी में वापस नहीं जाना चाहता था और कैफ़े के रूप में उन्हें जीवन का नया मक़सद मिला था.

कैफ़े को बंद करने से रोकने के लिए सोशल मीडिया पर आम लोगों द्वारा कई कैंपेन चलाए गए.

HT के अनुसार, सोमवार को राज बब्बर भी इन Survivors से मिले थे. उन्होंने कैफ़े को बंद करने के सरकार के मनसूबों को नाक़ामयाब करने का आश्वासन दिया था.

News Click की एक रिपोर्ट के अनुसार,

रीता बहुगुणा जोशी ने Sheroes कैफ़े बंद न करने का आश्वासन दिया है.

इससे पहले भी रीता बहुगुणा कैफ़े की Survivors से मिलने गई थीं और कहा था कि Sheroes बंद नहीं होगा लेकिन इसके ठीक विपरीत कैफ़े को खाली करने का नोटिस भेज दिया गया.

Change.org

Sheroes Hangout Lucknow ने अपने फ़ेसबुक पर एक Press Release जारी किया है. इसमें कहा गया है कि रीता बहुगुणा की बातें झूठी हैं और ये #SaveSheroes कैंपेन को बंद करने की चाल है.

‘Sheroes’ के फ़ेसबुक पेज पर ये वीडियो भी डाला गया है:

समझ में नहीं आता कि क्या इस देश में ज़मीन की इतनी कमी हो गई है कि यहां Acid Attack Survivors को उनका कैफ़े चलाने की जगह या फ़ंड न दिया जा सके?