याद करिये, स्कूल के दिन. फ़िज़िक्स का लेक्चर चल रहा है, आपके मगज में आधे से ज़्यादा बातें नहीं घुस रहीं फिर भी आप कोशिश में लगे हैं. ऐसे में आपके ठीक पीछे बैठा हुआ लड़का, जम्हाई लेने लगता है. 5 मिनट बाद आप भी जम्हाई लेने लगते हैं, आपके साथ बैठा आपका बेस्ट फ़्रेंड भी, आपके आगे बैठे लोग भी. कुछ देर बाद देखा जाता है कि कई लोग जम्हाई लेने लगते हैं, इतने कि टीचर का ध्यान चला जाता है और सभी डांट सुनते हैं.

रिलेटेबल?
उस वक़्त तो हंसते-खेलते हुए इस घटना को इग्नोर कर दिया पर दिमाग़ में आया तो होगा ही कि सर्दी-खांसी की तरह जम्हाई कम्युनिकेबल कैसे है?

The Duke Centre for Human Genome Variation ने 2014 में एक स्टडी की और पाया कि इस पूरी घटना का ऐम्पैथी से कोई लेना देना नहीं है और बढ़ती उम्र के साथ एक-दूसरे को देखकर जम्हाई आने की संभावना भी कम हो जाती है.
शोधार्थियों को कन्टेजियस जम्हाई और ऐम्पैथी, बुद्धिमतता या वक़्त के बीच कोई रिलेशन नहीं मिला. शोधार्थियों ने ये पाया कि सिर्फ़ उम्र का ही कन्टेजियस जम्हाई पर प्रभाव पड़ता है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है लोग एक-दूसरे को देखकर जम्हाई नहीं लेते.