Thanh जब केवल 5 साल की बच्ची थी, तब उसको उसके परिवार के साथ अच्छी ज़िन्दगी देने का वादा करके वियतनाम से बाहर ले जाकर बेच दिया गया था. इस बच्ची को 30 सालों तक दासी की तरह कैद करके रखा गया और Sex के लिए यूरोप सहित लन्दन में भी बेचा गया.

Thanh आज 35 साल की हो चुकी है और जबकि अब वो उस नरक से आज़ाद हो चुकी हैं, वो अपनी दर्दनाक कहानी बताने के लिए तैयार हैं. अब उसको पता चला कि उसके स्तन में एक गांठ है, जो कैंसर में बदल सकती है. लेकिन अब वो इस दर्दनाक कैद से पूरी तरह आज़ाद हो चुकी है और एक चैरिटी की मदद से अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रही है.

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उसकी दर्द से भरा उसका सफ़र वियतनाम से शुरू हुई थी जब वो केवल 5 साल की थी. उसको उसके परिवार समेत वियतनाम से चाइना लाया गया था. उसके परिवार को अच्छी और खुशहाल ज़िन्दगी देने का वादा भी किया गया था, पर उनको क्या पता था कि उनकी आने वाली ज़िन्दगी नरक से भी बदतर हो जायेगी. ये कहना गलत नहीं होगा कि उसकी ज़िन्दगी की ये यात्रा वास्तव में, आधुनिक गुलामी की शुरुआत थी. चाइना के बाद उसको रूस भेजा गया फलों के बागान में काम करने के लिए, और वहां से एक जंगल में बनी छावनी में बतौर सेक्स वर्कर फ्रांस भेजा गया.

इस दौरान Thanh ने एक बेटे को जन्म दिया और 11 साल बाद उसे उसके बेटे से अलग कर दिया गया. उसे एक Refrigerated Lorry में डालकर इंग्लैंड भेज दिया गया. लन्दन में उसको एक अंधेरे तहखाने में रखा गया, जहां पर पहले से ही सात लड़कियां और कैद थीं. वहां भी उसको जबरन देह व्यापार में धकेल दिया गया. ये सब उसके साथ तब तक होता रहा जब तक वो वहां से भाग नहीं निकली.

जब वो वहां से भागी थी, उस पल के बारे में बात करते हुए उसने ITV को बताया,

‘एक दिन, मुझे ऐसा लगा कि जिन्होंने मुझे कैद करके रखा था, वो टेबल पर रखी चाबी ले जाना भूल गए हैं. वहीं एक चाइनीज़ आदमी भी कैद था, उसने मुझसे पूछा कि तुम यहां से निकलना चाहती हो, भागना चाहती हो यहां से? मुझे अच्छे से याद है कि मैंने बोला हां और हम दोनों वहां से भाग निकले. मुझे याद है, मैंने अपने जूते भी नहीं पहने थे और मैं नंगे पैर ही वहां से भागी थी. हम लगातार एक घंटे तक भागते रहे.’

सालों तक उसके साथ हुए दुर्व्यवहार ने उसके पूरे शरीर पर अपने निशान छोड़ दिए थे. उसको इन सालों में ना जाने कितने आदमियों के साथ सोने के लिए मजबूर किया गया था, और इसी वजह से उसकी रीढ़ की हड्डी को भी बहुत नुकसान हो चुका था.

इतने संघर्षों के बाद अंततः वो अपने बेटे से मिली और अब अपनी नई ज़िन्दगी की शुरुआत कर रही है.

Thanh कहती है, ‘ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जो मैं करना चाहती हूं; मैं नौकरी करना चाहती हूं, एक बार फिर वियतनाम वापस जाना चाहती हूं और देखना चाहती हूं. इसके अलावा मैं अलग-अलग जगहों पर जाकर छुट्टियां बिताना चाहती हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि एक ना एक दिन मैं अपने ये सारे सपने ज़रूर पूरी करूंगी.’

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