‘उसने ज़रूर छोटे कपड़े पहने होंगे’

‘वो रात में बाहर गई ही क्यों?’

‘भैया या पापा के साथ जाती, तो बच जाती बेचारी!’

‘बॉयफ़्रेंड के साथ घूमने से यही होता है!’

छेड़छाड़ या रेप Survivors के लिए कई लोग ऐसी बातें किया करते हैं. भारत में तो कई खाप पंचायतों ने ‘चाउमीन’, ‘मोबाईल फ़ोन’, ‘जीन्स, स्कर्ट’ आदि को भी रेप के कारण की सूची में शामिल कर लिया है.

एक छोटी सी बात जो आज भी लोगों की समझ में नहीं आती वो ये है,

रेप में सिर्फ़ एक इंसान की ग़लती होती है, रेपिस्ट की! न तो इसमें वक़्त की ग़लती होती है और न ही लड़कियों के कपड़ों की.

दिल्ली को दहला देने वाले 2012 के गैंगरेप केस में भी अपराधियों ने स्वीकारा था कि मृतका ने सलवार-कमीज़ पहनी थी.

इन सबके बीच अगर कपड़े कुछ बोल पाते तो कुछ ऐसा ही कहते:

आयरलैंड में भी एक रेप Survivor के कपड़ों पर प्रश्न किया गया. Indian Express के अनुसार, आयरलैंड के Cork शहर में में एक 27 साल के युवक को 17 साल की लड़की के बलात्कार के आरोप से मुक्त कर दिया गया. 

Elizabeth O’Connell ने Jury को लड़की के Underwear पर भी विचार करने का आग्रह किया. Elizabeth ने कहा,

आपको ये भी देखना होगा कि उसने कैसे कपड़े पहने थे. उसने एक लेस वाला Thong पहना था.

एक महिला द्वारा कहे गए ये शब्द किसी को भी सही नहीं लगे. आयरलैंड की संसद में भी इस बात से हलचल मच गई. सांसद Ruth Coppinger ने Underwear दिखाकर ‘पीड़िता की ही ग़लती होगी’ वाले Attitude को चुनौती दे डाली.

इसके बाद से ही आयरलैंड में महिलाएं सड़क पर उतर आईं और सवाल करने लगी कि कपड़े Consent का पैमाना हो सकते हैं?

NY Times
ABC News
Independent

जो सड़कों पर नहीं उतरीं उन्होंने ट्विटर, इंस्टाग्राम पर Lacy Underwear की तस्वीरें डालीं.

ऐसा पहली बार देखा गया है कि किसी रेप केस में ‘रेप Survivor की ही ग़लती है’, इस बात को साबित करने के लिए उसके Undergarments पर सवाल उठाया गया हो. ये पूरा मामला कई प्रश्नों को उठाता है.

हालांकि एक सवाल जो मुझे विचलित कर रहा है, वो ये कि क्या आम महिलाएं कपड़ों के ऊपर Undergarments पहनती हैं? जहां तक मैंने देखा है, ऐसा कुछ नहीं है. तो फिर इस तरह की बचकानी बात कोर्ट में कैसे कही जा सकती है?