नींद जितनी ज़रूरी है, उसे उतना ही अनदेखा किया जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार, 7-8 घंटे की नींद लेना ज़रूरी है, पर बहुत कम लोग ही ऐसा करते हैं. लोग 4 घंटे की नींद लेकर समझते हैं इससे उनका काम चल जाएगा.
रिसर्च से पता चला है कि 6-7 घंटे से कम सोने वालों में आत्महत्या की प्रवृत्ति ज़्यादा होती है. इसके अलावा स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं की भी आशंकाएं बढ़ जाती हैं. Alzheimer’s Disease, Anxiety, Depression आदि होने की संभावनाएं कई गुना ज़्यादा हो जाती है.
कुछ लोगों को नींद आती नहीं, वहीं कुछ लोगों की जाती नहीं. सुबह उठने में आलस करने वाले अकसर मोबाइल में अलार्म लगा तो लेते हैं, मगर उठते नहीं. एक रिसर्च से पता चला है कि अलार्म घड़ी से नींद टूटने पर आपके हृदय-गति कई गुणा ज़्यादा बढ़ जाती है. पर इस अलार्म से भी ज़्यादा हानिकारक है Snooze बटन. जी वही Snooze बटन, जिसके सहारे आलसी लोग 5 मिनट और कर-कर के सोते रहते हैं.
Snooze करना, यानि कि 5,10,15 (Settings के अनुसार) मिनट बाद आपके अलार्म का फिर से बजना. यानि कि दिन में 3-4 बार आपके दिल की धड़कन का अचानक बढ़ जाना. अब इसे हफ़्ते, महीने और साल के हिसाब से सोचिये.
आपके दिल पर पहले ही क्या कम परेशानियां हैं, जो उसे और परेशान कर रहे हैं? भलाई इसी में है कि एक बार में उठ जाइये. काम पर जाने के लिए लेट भी नहीं होंगे और आपका दिल भी सेफ़ रहेगा.