इंडियन मार्किट में आज एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट उपलब्ध हैं. ग्राहकों के पास एक ही प्रोडक्ट के कई सारे ऑप्शन होते हैं. लेकिन नब्बे या उससे पहले के दशकों में ऐसा नहीं था. उस दौर में प्रोडक्ट की रेंज बेहद कम हुआ करती थी. कोई एक कंपनी ही सारे प्रोडक्ट बनाया करती थी. आज की तरह ग्राहकों को लुभाने के लिए विज्ञापनों की ज़रूरत भी नहीं पड़ती थी. बावजूद इसके हर प्रोडक्ट लोगों की पहली पसंद बन जाता था.
आज हम भारत में फ़ेमस 10 ऐसे प्रोडक्ट के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने भारतीय मार्किट पर राज किया है. इन प्रोडक्ट्स को हमने भारतीय समझकर काफ़ी पसंद भी किया है, लेकिन सच्चाई ये है कि ये प्रोडक्ट असल में देसी नहीं, बल्कि विदेशी हैं.
1- Bata
आज भी अधिकतर लोग ‘बाटा कंपनी’ को भारतीय समझते हैं. लेकिन ये सच नहीं है. इस कंपनी की शुरुआत 24 अगस्त 1894 को Tomas Bata ने Czech Republic में की थी. भारत में बाटा की शुरुआत आज़ादी से पहले सन 1931 में कोलकाता में हुई थी. पिछले 90 सालों बाटा भारत में सबसे लोकप्रिय ब्रांड बना हुआ है.
2- Maggi
2 मिनट में बन जाने वाली जिस मैगी को हम इतने प्यार से खाते हैं वो भारतीय नहीं विदेशी है. सन 1884 में स्विट्ज़रलैंड की रहने वाली Julius Maggi ने ‘Maggi Company‘ की नींव रखी थी. इसके बाद सन 1947 में स्विट्ज़रलैंड की ही ‘Nestle Company’ ने इसे ख़रीद ली. इसके बाद 28 मार्च 1959 को भारत में ‘Nestle India’ की शुरुआत हुई.
3- Bisleri
वर्तमान में ये भारत में एक बड़ा ब्रांड बन चुका है, लेकिन ये प्रोडक्ट भी पूरी तरह से भारतीय नहीं है. इसकी शुरुआत इटालियन बिज़नेसमैन Felice Bisleri ने की थी. इसके बाद सन 1969 में Felice Bisleri और भारतीय बिज़नेसमैन Jayantilal Chauhan ने मुंबई (भारत) में ‘बिसलेरी कंपनी‘ की शुरुआत की थी.
4- Lifebuoy
ये भी पढ़ें- वो 23 भारतीय ब्रांड्स जो कभी हमारे जीवन का हिस्सा थे, अफ़सोस अब हो गए हैं कहीं गुम
सन 1895 में ब्रिटिश कंपनी ‘यूनिलीवर’ ने इस साबुन की शुरुआत की थी. इसके बाद सन 1931 में ‘लीवर ब्रदर्स’ ने भारत में अपनी पहली सब्सिडरी कंपनी ‘हिंदुस्तान वनस्पति मैन्युफैक्चरिंग’ की शुरुआत की. बाद में इसका नाम बदलकर ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर’ कर दिया गया. इसी के तहत भारत में ‘लाइफ़बॉय‘ साबुन की शरुआत हुई.
भारत में हर घर का पर्याय बन चुका ये ब्रांड भी आश्चर्यजनक रूप से देसी नहीं है. कोलगेट अमेरिकन ग्रुप Colgate-Palmolive का एक प्रमुख ब्रांड है, जो उपभोक्ताओं के लिए ‘टूथपेस्ट’ बनाती है. कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड की शुरुआत सन 1937 में हुई थी. इसके बाद सन 1983 में कंपनी ने अपना पहला प्रोडक्ट ‘कोलगेट प्लस टूथब्रश’ पेश किया था.
भारत में पिछले कई दशकों से रेनॉल्ड्स के पेन काफ़ी लोकप्रिय हैं. लेकिन हैरानी वाली बात है कि ये ब्रांड भी भारतीय नहीं है. सन 1945 में सबसे पहले इसकी शुरुआत अमेरिकन बिज़नेसमैन Milton Reynold ने की थी. इसके बाद सन 1980 में Reynold Company ने भारत में कदम रखा और आज ये भारत का नंबर वन पेन ब्रांड है.
भारत में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ये एनर्जी ड्रिंक्स भी भारतीय नहीं हैं. ये ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर’ का प्रोडक्ट है. भारत में इसकी शुरुआत 1975 में हुई थी. लेकिन इसकी जड़ें स्विट्ज़रलैंड से जुडी हुई हैं.
8- Tide
पिछले 1 दशक में ये डिटर्जेंट ब्रांड लगभग हर भारतीय घर का हिस्सा बन चुका है, लेकिन ये प्रोडक्ट भी भारतीय नहीं है. Tide वास्तव में अमेरिकी कंपनी ‘Procter & Gamble’ का मशहूर प्रोडक्ट है. इसे सबसे पहले सन 1946 में अमेरिकन मार्केट में पेश किया गया था.
9- Vespa
वेस्पा स्कूटर का नाम सुनते ही बचपन की याद ताज़ा हो जाती है, जब पापा हमें इस पर बिठाकर स्कूल छोड़ने जाया करते थे. वेस्पा स्कूटर वास्तव में Piaggio Company द्वारा निर्मित एक इटालियन ब्रांड है. सन 1917 में जब कंपनी का लाइसेंस रद्द हो गया था तो भारतीय कंपनी बजाज ने भारत में वेस्पा स्कूटर बनाने के लिए लाइसेंस दिया था.
10- Surf Excel
भारत में ये डिटर्जेंट घर-घर में इस्तेमाल होता है, लेकिन ये पूरी तरह से भारतीय ब्रांड नहीं है. सन 1948 में सबसे पहले पाकिस्तान में ‘Surf’ ब्रांड की शुरुआत हुई थी. इसके बाद 1959 में इसे भारत में ‘Surf Excel Detergent’ नाम से लॉन्च किया गया था.
इनके अलावा भी कई ऐसे प्रोडक्ट्स है जो थे तो विदेशी, लेकिन भारत में काफ़ी मशहूर हुए.