बौद्ध मठ आध्यात्म का स्रोत हैं. इन्हें बेहद पवित्र माना जाता है. आप भगवान को मानते हों या न हों मठ में प्रवेश करते ही आप सकारात्मक ऊर्जा महसूस करेंगे. भारत में कई बौद्ध मठ हैं. दुनियाभर के लाखों लोग हर साल इन मठों में सुकून और शांति ढूंढते हुए पहुंचते हैं.
भारत के 15 बौद्ध मठ-
1. Phuktal Monastery, Zanskar
भारत के अद्भुत मठों में से एक है Phuktal. ट्रेकिंग करके ही इस मठ तक पहुंचा जा सकता है. एक बार यहां पहुंच जाओ तो ख़ुद पर तो गर्व होगा ही साथ ही यहां का माहौल देखकर यहां से लौटने का मन नहीं होगा. बर्फ़ीले हिमालय की चोटियों से घिरे इस मठ तक पहुंचने के लिए एक Suspension Bridge क्रॉस करना पड़ता है. इस ब्रिज पर प्रेयर फ़्लैग्स लगे हुए हैं.
2. Rumtek Monastery, Sikkim
सिक्किम में 200 के लगभग मठ हैं और Rumtek सबसे बड़ा और मशहूर मठ है. ये मठ 9वीं शताब्दी में बनवाया गया था. ये मठ दुनियाभर के टूरिस्ट्स, तीर्थयात्रियों का खुली बांहों से स्वागत करता है. इस मठ में वर्कशॉप्स, पवित्र चैंटिंग का आयोजन किया जाता है. यहां आप ग्रुप मेडिटेशन में भी हिस्सा ले सकते हैं जिसका आयोजन मई और जून में किया जाता है.
3. Diskit Monastery, Leh
इस मठ की स्थापना 14वीं शताब्दी में हुई थी. इस क्षेत्र का ये सबसे पुराना और सबसे बड़ा मठ है. इसकी स्थापना Tserab Zangpo ने की थी. इस मठ के अंदर कई मंदिर हैं. मंगोल मिथकों से ये मठ काफ़ी प्रभावित है, इन मिथकों में एक एंटी-बौद्ध की कहानी है. इस मठ से नरूबा घाटी का बेहद सुंदर नज़ारा दिखता है. यहां Jampa Buddha की बहुत बड़ी प्रतिमा है.
4. Hemis Monastery, Ladakh
ये मठ लद्दाख के हेमिस में है. लेह घाटी से लगभग 44 किलोमीटर की दूरी पर है ये मठ. कहा जाता है कि ये मठ 11वीं शताब्दी में बनाया गया था, 1672 में लद्दाख के राजा Sengge Namgyal ने ये मठ दोबारा बनवाया. ये लद्दाख का सबसे बड़ा मठ है. यहां जाने का सबसे अच्छा समय है जून-जुलाई. इस दौरान भगवान पद्मासंभव को समर्पित हेमिस फ़ेस्टिवल का आयोजन किया जाता है.
5. Thiksey Monastery, Laddakh
लेह घाटी से 20 किलोमीटर की दूरी पर है ये मठ. सफ़ेद रंग के इस मठ की स्थापत्यकला देखते ही बनती है. 15वीं शताब्दी के मध्य में इस मठ को Pladen Sangpo ने बनवाया था. एक कहानी के अनुसार धार्मिक क्रिया कर्मों के दौरान 2 कौवे आये और अनुष्ठान में रखे गई दो थालियां उठा ले गये. Sangpo के शिष्य को वो थालियां Thiksey क्षेत्र में व्यवस्थित ढंग से रखीं मिलीं और Sangpo ने उसी क्षेत्र में मठ बनाने का निश्चय किया. यहां बुद्ध की कई प्रतिमाएं हैं और एक प्रतिमा 49 फ़ीट ऊंची है.
6. Mindrolling Monastery, Uttarakhand
ये मठ देहरादून में है. ये सिर्फ़ एक धार्मिक स्थल नहीं है बल्कि यहां एक बौद्ध इंस्टीट्यूट भी है जहां बौद्ध बच्चों को शिक्षा दी जाती है. यहां एक स्तूप है जो 56.4 मीटर ऊंचा है. इस स्तूप को देखकर यूं लगता है मानो ये कई कहानियां सुना रहा हो. यहां आप घूम-फिर सकते हैं, मेडिटेट कर सकते हैं.
7. Kye Monastery, Himachal Pradesh
ये स्पीती घाटी के सबसे पुराने मठों में से एक है. सन 2000 में इस मठ को 1000 साल पूरे हो गये. ये मठ काज़ा से 12 किलोमीटर की दूरी पर है. इस मठ ने मंगलों के कई हमले झेले और कई बार निर्माण की वजह से ये मठ किसी क़िले जैसा लगता है. इस मठ की बनावट में चीनी स्थापत्यकला का प्रभाव साफ़ देखा जा सकता है.
8. Tabo Monastery, Himachal Pradesh
ये मठ स्पीति घाटी में स्पीति नदी के किनारे, Tabo गांव के ऊपर स्थित है. ये भारत के सबसे पुराने मठों में से एक है. 996 ई में Rinchen Sandpo ने ये मठ बनवाया था. मठ के ज़्यादातर हिस्सों (दीवारों और छत पर भी) पर पेंटिंग्स बने हैं मठ में बनाये गये स्तूप 13वीं-15वीं शताब्दी में बनाए गए थे और आज भी इनकी स्थिति अच्छी है. इस मठ के अंदर कई गुफ़ाएं हैं इसलिए इस मठ को ‘हिमालय का अजंता’ भी कहा जाता है. लामा इन गुफ़ाओं का इस्तेमाल मेडिटेट करने के लिए करते हैं. बौद्ध धर्म के ज्ञान के अलावा, मठ में स्थित Sekrong School में संस्कृत, आर्ट्स, सोशल साइंस, सोशल स्टीडीज़, मैथ्स, हिन्दी, अंग्रेज़ी, इन्फ़ोर्मेशन टेक्नॉलॉजी और सामान्य ज्ञान की शिक्षा दी जाती है.
9. Tawang Monastery, Arunachal Pradesh
तवांग मठ भारत का सबसे बड़ा मठ है. हर साल हज़ारों श्रद्धालु इस मठ के दर्शन करने आते हैं. थोड़ी दूरी से देखने पर ऐसा लगता है मानो ये मठ चट्टान पर लटका हुआ हो! इस मठ का इंटीरियर भी उतना ही सुंदर है जितना की एक्सटीरियर. अगर आपने एक बार सुबह-सुबह भिक्षुओं को प्रार्थना करते हुए देख लिया तो आप वो नज़ारा ताउम्र नहीं भूलेंगे. उन पलों में सबकुछ निर्मल, शांत और पवित्र लगता है. इस मठ तक पहुंचने के लिए स्पेशल परमिट की ज़रूरत है.
10. Namdroling Nyingmapa Monastery, Karnataka
इस मठ की स्थापना Pema Norbu Rinpoche ने की थी. बौद्ध धर्म का ज्ञान पाने की इच्छा रखने वालों को इस मठ में ज़रूर जाना चाहिए. इस मठ में ही बने हुए Ngagyur Nyingma विश्वविद्यालय में छात्र दर्शन शास्त्र, लॉजिक, वाद विवाद भी सीखते हैं. तिब्बती नये साल के दौरान यहां हज़ारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं.
मौका मिलते ही इन मठों में जाएं, सुकून और शांति के साथ वापस लौटने की पूरी गारंटी है.
Source- Thrillophilia, Book Mundi