अपने देश में हम ये मान कर चलते हैं कि हमें कहीं भी घूमने की आज़ादी है. देश के कानून ने भी हमें ये मौलिक अधिकार दिया है कि हम कहीं भी घूम सकते हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (D) के अनुसार, भारतीय नागरिक पूरे भारत में कहीं भी बिना रोक-टोक के घूम सकते हैं.

अफ़सोस भारत में ही कुछ जगहें ऐसी भी हैं, जहां पर संविधान का भी राज नहीं चलता. अगर आप ये सोच रहे हों कि ये काम किसी प्रशासनिक अधिकारी या सरकार का है, तो आप ग़लत हैं. सरकार ऐसा कर ही नहीं सकती क्योंकि ऐसा करना असंवैधानिक होगा.

ये काम वहां बसने वाले कुछ लोगों का है जिन्होंने अपने फ़ायदे के लिए इस तरह के नियम बना रखे हैं. अगर आपको कुछ सार्वजनिक जगहों पर जाने से रोका जाता है तो आप कानून की मदद भी ले सकते हैं. सार्वजिनक स्थल जैसे होटल, धर्मशाला, अस्पताल, खेल के मैदान और ऐसी सारी जगहें जहां लोग आते-जाते है वहां किसी को कोई भी आने से नहीं रोक सकता. 

हम भारत के कुछ ऐसे होटल और जगहों के बारे में आपको बताएंगे जहां कई बार भारतियों को आने से रोक दिया जाता है. 

हम कुछ ऐसी भी जगहों की बात करेंगे जहां जाने या घूमने के लिए स्पेशल परमिट की ज़रुरत पड़ती है. 

1. कसोल

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कसोल हिमांचल प्रदेश में बसा छोटा सा गांव है. इस गांव को लोग मिनी इज़राइल के नाम से जानते हैं. इस गांव में हिंदुस्तानी हैं, पर न के बराबर. केवल वही लोग रहते हैं जिनके घर यहां हैं. ये भारतीय मकान मालिक केवल विदेशियों को ही रूम रेंट पर देते हैं. अगर कोई भारतीय यहां पर रुकना चाहे, तो गांव वाले उसे किराए पर रूम देने में आनाकानी करते हैं. 

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इसके पीछे किसी तरह का रंगभेद या नस्लभेद नहीं है बल्कि बिज़नेस है. विदेशी पर्यटक यहां महीनों तक टिक जाते हैं लेकिन भरतीय पर्यटक यहां ज़्यादा दिन रहते नहीं. होटल मालिकों को लगता है कि हिन्दुस्तानी पैसे भी कम देंगे और रहेंगे भी कम दिन. विदेशी पर्यटक यहां महीनों रहते भी हैं और पैसे भी ज़्यादा देते हैं.

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यहां पहाड़ी गांजा आसानी से उपलब्ध है इसलिए नशे के शौकीन लोगों के लिए ये जगह स्वर्ग है. हालांकि यह अवैध है, फिर भी धड़ल्ले से यहां बिकता है. सोचिये कुछ पैसों के लिए कोई अपने देशवासियों की इस तरह से उपेक्षा कैसे कर सकता है?

2. Uno-In Hotel, Bengaluru

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इस होटल में भारतीयों की एंट्री बैन थी. इसे 2012 में केवल जापानी लोगों के लिए बनाया गया था, लेकिन नस्लभेदी बर्ताव करने की वजह से 2014 में सील कर दिया.

3. गोवा के कुछ ‘Foreigners Only’ Beaches

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गोवा में ऐसे कई बीच हैं, जहां भारतीयों को जाने से रोकते हैं. कारण हर जगह अलग-अलग है.

अकसर कहा जाता है कि भारतीय विदेशी महिलाओं पर भद्दे कमेंट करते हैं. उनकी पोशाकों पर भी फ़ब्तियां कसते हैं जिसकी वजह से, भारतीयों को वहां जाने से रोका जाता है.

4. चेन्नई के कुछ लॉज

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यहां भी कुछ लॉज ऐसे हैं जहां बिना विदेशी पासपोर्ट के एंट्री नहीं मिलती. नेशनल हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां के अधिकारियों से ये बात छिपी नहीं है फिर भी यहां ऐसे होटल मनमानी कर रहे हैं.

5. पुडुचेरी के कुछ ‘Foreigners Only’ Beaches

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गोवा की तरह यहां भी कुछ बीच ऐसे हैं जहां भारतीयों का जाना मना है, लेकिन आधिकारिक तौर पर नहीं.

6. अंडमान और निकोबार के जनजातीय इलाके 

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यहां बसने वाली कई जनजातियां ऐसी भी हैं, जिनका रिश्ता आधुनिक जगत से नहीं है. इन जनजातियों के विषय में कहा जाता है, अगर बाहरी दुनिया कोई भी इंसान इनकी बस्तियों तक पहुंच जाए, तो ज़िंदा बाहर नहीं निकल सकता.

लेकिन प्रतिबंध का कारण केवल इतना ही नहीं है. इन इलाकों में रहने वाली कुछ जनजातियां आज भी आदिमानवों की तरह रहती हैं. कुछ फ़ोटोग्राफ़र्स छिपकर महिलाओं की तस्वीरें उतारते थे, जिसे मनचाहे दामों पर विदेशी पत्रिकाओं को बेच देते थे. यही नहीं इन इलाकों में महिलाओं के प्रति यौन हिंसा की कुछ ख़बरें आईं थीं. जिसके बाद इन क्षेत्रों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर बैन लगा दिया गया. 

7. पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों के आदिवासी इलाके 

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मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम के कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां जाने के लिए इन राज्यों से इनर लाइन परमिट लेनी पड़ती है. इसके बाद भी कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां जाने की इजाज़त नहीं मिलती. ऐसा अकसर उन क्षेत्रों में होता है जहां की जनजातियां स्वभाव से उग्र होती हैं.

8. कुछ उग्र नक्सल प्रभावित इलाके

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भारत के नक्सल प्रभावित इलाकों में भी आम जनता के जाने पर प्रतिबन्ध लगाया जाता है. इस प्रतिबन्ध की चपेट में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ इलाके हैं. यहां जाने से कई बार पत्रकारों को भी रोक दिया जाता है.

यह प्रतिबन्ध किसी कानून द्वारा नहीं लगाया गया है, बल्कि व्यक्ति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ये निर्णय लेता है.

9. कश्मीर की कुछ संवेदनशील जगहें 

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कश्मीर के Khaltse Sub-Division,rokahpa Area, Nubra Sub Division और Nyona Sub Division में भारतीयों का जाना प्रतिबंधित है. लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में प्रशासन से परमिट बनवाया जा सकता है.

10. कुछ अन्य संवेदनशील जगहें

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कुछ जगहों पर जहां दंगे और कर्फ़्यू जैसी परिस्थितियां हों, वहां भी आपको विधिक तौर पर रोका जा सकता है, चाहे वे जगहें पर्यटन स्थल ही क्यों न हों.

आप आज़ाद भारत के नागरिक हैं. कुछ संवेदनशील इलाकों को छोड़कर कोई आपको कहीं भी घूमने से नहीं रोक सकता. सरकारें तभी आपको घूमने से रोकती हैं, जब आपकी जान पर ख़तरा होता है. सरकार से इतर अगर कोई भी संस्था या व्यक्ति आपको रोकता है, तो आप वहां जाने के लिए कानून की मदद ले सकते हैं.