ऐसा नहीं है कि फ़ैशन का शौक़ सिर्फ़ आधुनिक लोगों को ही है. अतीत के पन्ने अगर पलटे जाएं, तो पता चलेगा कि फ़ैशन का भी अपना एक अलग इतिहास है. प्राचीन काल में भी लोग अन्य ज़रूरी चीज़ों के साथ-साथ अपने सजने-संवरने के तरीक़ों पर भी ध्यान देते थे. लेकिन, वर्तमान की उस समय सज़ने-संवरने के कई विचित्र तरीक़ों को अपनाया गया था. 

वहीं, कुछ प्रमाणों के आधार पर पता चलता है कि ऐसे अजीबो-ग़रीब फ़ैशन ट्रेंड अपनाने के पीछे कोई विशेष वजह भी होती थी. आइये, इस लेख के ज़रिए नज़र डालते हैं इतिहास में अपनाए गए 10 सबसे विचित्र और हैरान कर देने वाले फ़ैशन के तरीक़ों पर.  

1. बड़े गालों को रखने का फ़ैशन  

ranker

जानकर हैरानी होगी कि चीन में तांग राजवंश के दौरान मोटे शरीर, बड़े गाल और गोल चेहरे वाली महिलाओं का ज़्यादा ख़ूबसूरत माना जाता था. यही वजह थी कि उस दौरान अधिकतर महिलाएं इन चीज़ों का ख़ास ध्यान रखती थीं.  

2. हेयरलाइन को शेव करना   

ranker

पुनर्जागरण (Renaissance) काल के दौरान यूरोपीय महिलाओं में माथे का बड़ा और Curved दिखना भी एक फ़ैशन का तरीक़ा था. ऐसी महिलाओं को उस दौरान ज़्यादा ख़ूबसूरत माना जाता था. इसके लिए महिलाएं अपने हेयरलाइन को शेव कर लिया करती थीं.   

3. आइब्रो के रंग को बदलते रहना   

ranker

प्राचीन चीनी महिलाओं में आइब्रो के रंग को बदलते रहना भी एक फ़ैशन ट्रेंड था. इसके लिए वो काले, नीले व हरे रंगों का प्रयोग करती थीं. इसके अलावा, आइब्रो को ट्रेंड के अनुसार विभिन्न आकार भी दिया जाता था. जैसे हान साम्राज्य के दौरान नुकीले आइब्रो का ट्रेंड था.   

4. शरीर को आकर्षक बनाने के लिए ख़ास वस्त्र   

ranker

16वीं से 19वीं शताब्दी के दौरान विदेशी महिलाओं में Corset को पहनने का चलन था. उस दौरान ऐसे Corset भी पहने गए, जो कमर को पतला और स्तनों को ऊपर की ओर उठाने का काम करते थे. इसे धारण करने के बाद महिलाएं काफ़ी आकर्षक नज़र आती थीं. लेकिन, कई बार महिलाएं Corset को इतना कसकर बांध लेती थीं कि उन्हें सांस लेने में दिक़्क़त भी होने लग जाती थी.   

5. पैरों को रंगना    

ranker

कहा जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पैरों में पहनने वाले Pantyhose की कमी हो गई थी. इस वजह से उस दौरान महिलाओं ने पैरों को रंगना शुरू दिया था, जो कि उस दौरान एक फ़ैशन ट्रेंड बन गया था. 

6. लंबे नाखून रखने का फ़ैशन   

ranker

चीन में किंग राजवंश के दौरान पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में लंबे नाखून रखने का भी चलन था. महिलाएं और पुरुष अपने नाखूनों को 8 से 10 इंच बड़ा कर लिया करते थे.   

7. सिर के विभिन्न आकार   

ranker

ऐसा माना जाता है कि लगभग 1000 ईसा पूर्व से ही प्राचीन माया सभ्यता के लोगों ने अपने शिशुओं की खोपड़ी को विभिन्न आकार देना शुरू कर दिया था. इसके लिए बच्चे के सिर को विभिन्न उपकरणों से बांध दिया जाता था, जिससे खोपड़ी का आकार समय के साथ अपने आप बदल जाता था. वहीं, अगर कोई इसे नहीं करता था, तो उसे समाज से अलग माना जाता था. इसके अलावा, इसे सुंदरता का भी एक प्रतीक माना जाता था.    

8. पैरों का छोटा आकार   

ranker

इसे ‘Foot Binding’ कहा जाता था, जो कभी चीन का एक अजीबो-ग़रीब रिवाज़ हुआ करता था. इसके अंतर्गत बाल्यावस्था में लड़कियों के पैरों की उंगलियों को तलवों से कसकर बांध दिया जाता था. इससे हड्डियां टूट जाती थीं और पैरों की उंगलियां अंदर की ओर मुड़ जाती थीं. इससे आगे चलकर पैर छोटे नज़र आते थे.   

9. छोटे दांत रखने का फ़ैशन   

ranker

पुनर्जागरण (Renaissance) काल के दौरान कई अजीबो-ग़रीब फ़ैशन ट्रेड अपनाए गए. इनमें लंबी टांगों, चौड़े नितंब, पतली कमर और यहां तक कि छोटे दांत रखने का भी फ़ैशन अपनाया गया था.   

10. ब्यूटी पैचेज़   

ranker

18वीं शताब्दी के दौरान गालों पर ब्यूटी पैचेज़ लगाने का भी फै़शन था. ये कपड़े के बहुत ही छोटे टुकड़े होते थे, जो सितारों, गोल व चौकोर आकार के होते थे. वहीं, इसे गाल पर लगाने का स्थान भी मायने रखता था. जैसे शादीशुदा महिलाएं सीधे गाल पर ब्यूटी पैच लगाती थीं. सीधे गाल पर अविवाहित युवतियां इसे नहीं लगा सकती थीं.