मध्य प्रदेश की राजधानी और झीलों का शहर भोपाल न सिर्फ़ एक ऐतिहासिक शहर है, बल्कि ये अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां की ख़ूबसूरत झीलें बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. इस ख़ुशनुमा शहर में आपको पुरानी धरोहरों के साथ-साथ आधुनिक वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलेगा. भोपाल को देश का सबसे साफ़-सुथरा व ग्रीनेस्ट शहर भी कहा जाता है.

आइये आज आपको इस ऐतिहासिक शहर की 10 ख़ूबसूरत जगहों के बारे में बताते हैं-  

1- सांची  

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भोपाल से 46 किमी दूर रायसेन ज़िले में स्थित ये छोटा सा गांव ‘सांची के स्तूप’ के लिए फ़ेमस है. सांची की असली पहचान यहां के ‘बौद्ध स्मारक’ के रूप में है. ये सभी ‘बौद्ध स्मारक’ प्रेम, विश्वास, शांति और साहस के प्रतीक माने जाते हैं. इस स्तूप को सम्राट अशोक महान ने बनवाया था. यूनेस्को ने साल 1989 में सांची को ‘विश्व धरोहर’ की सूची में शामिल किया था.

2- भीमबेटका की गुफाएं 

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भीमबेटका की गुफाएं भी रायसेन ज़िले में ही स्थित हैं. चारों ओर से विंध्य पर्वत से घिरी इन गुफाओं के दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियां शुरू हो जाती हैं. ऐसा माना जाता है कि ये स्थान महाभारत के भीम से भी संबन्धित है इसीलिए इसका नाम भीमबेटका पड़ा. बीते युग की दुनिया का हिस्सा महसूस करने के लिए भीमबेटका आदर्श जगह है. इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है.

3- अपर लेक 

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भोपाल झीलों का शहर माना जाता है, लेकिन अपर लेक यहां की पहचान है. इस कृत्रिम झील को एशिया की सबसे बड़ी झील के रूप में भी जाना जाता है. ये झील भोपाल वासियों के लिए पीने के पानी का मुख्य स्रोत है. शाम के समय इस इस ख़ूबसूरत झील को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.

4- वन विहार नेशनल पार्क 

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भोपाल घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए ‘वनविहार को नेशनल पार्क’ आकर्षण का मुख़्य केंद्र माना जाता है. करीब पांच किलोमीटर में फैले इस चिड़ियाघर में पर्यटकों को जानवरों का रेस्क्यू सेंटर भी देखने को मिलेगा. ये नेशनल पार्क एक तरफ पहाड़ी और दूसरी तरफ बड़ी झील से घिरा हुआ है.

5- ट्राइबल म्यूज़ियम

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भोपाल में स्थित ये म्यूज़ियम देश में एकमात्र ‘ट्राइबल म्यूज़ियम’ है. भोपाल के श्यामला पहाड़ी पर बने इस संग्रहालय की स्थापना का मुख़्य उद्देश्य मध्यप्रदेश की जनजातियों और उनकी जीवनशैली से लोगों को रु-ब-रु कराना है. इस म्यूजियम में छह जनजातियों की जीवनशैली को दर्शाया गया है जिनका प्रतीक चिन्ह ‘बिरछा’ है.

6- भोजपुर का शिव मंदिर 

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भोजपुर शिव मंदिर या भोजेश्वर मंदिर भोपाल से करीब 32 किमी दूर है. इस मंदिर का निर्माण राजा भोज ने करवाया था. जबकि कुछ लोगों का मानना है कि इसका निर्माण पांडवों ने किया था. यहां 22 फ़ुट ऊंचा एक शिवलिंग भी है.

7- रायसेन का किला 

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रायसेन का किला मध्यप्रदेश की शान माना जाता है. पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस किले का निर्माण बलुआ पत्थर किया गया है. इस किले में कुल नौ विशाल दरवाजे हैं. इसके पास ही कई प्राचीन गुफाएं भी हैं जो हमारे देश के प्राचीन इतिहास और संस्कृति को दर्शाते हैं. साल में एक बार लगने वाले ‘महाशिवरात्रि मेले’ के दौरान यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है.

8- ताज-उल-मस्जिद 

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8- ताज-उल-मस्जिद भोपाल की ‘ताज-उल-मस्जिद’ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है. इस भव्य मस्ज़िद का मुख्य दरवाजा 74 फ़ीट उंचा है. इसमें महिलाएं भी नमाज़ अदा कर सकती हैं. ये मस्ज़िद पर्यटकों के आकर्षण का मुख़्य केंद्र भी है.

9- गौहर महल 

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गौहर महल भोपाल की बड़ी झील के किनारे पर स्थित है. ये ख़ूबसूरत महल ‘कुदसिया बेगम’ के काल का है. जिसे भोपाल रियासत का पहला महल बताया जाता है. इस महल में आपको हिन्‍दु और मुग़ल कला का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा. इस महल में दीवान-ए आम और दीवान-ए-ख़ास हैं. 

10- बिरला म्यूज़ियम 

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बिरला म्यूज़ियम भोपाल पर्यटन विभाग का एक प्रमुख केंद्र है. इस म्यूज़ियम में पर्यटकों को देश के इतिहास के बारे में कई जानकारियां मिल जाएंगी. यहां पर 7वीं से लेकर 13वीं सदी के बीच की कई मूर्तियों को भी रखा गया है. यहां पर आपको दूसरी शताब्‍दी से पहले के सिक्‍के और पांडुलिपि भी देखने को मिल जायेंगे.  

तो दोस्तों कब जा रहे हो भोपाल की ट्रिप पर और आपको कैसी लगी हमारी ये कोशिश?