आज की दौड़ती-भागती ज़िन्दगी में हम लोगों की जैसी लाइफ़स्टाइल हो गई है उसमें Anxiety (चिंता) होना बहुत आम बात है. रिश्तों में विश्वास की कमी , दूसरों से आगे निकलने की होड़ और Insecurity ये सब कहीं न कहीं इस Anxiety के कारण हैं. 2016 में आलिया भट्ट की एक फ़िल्म आई थी ‘Dear Zindagi’. इस फ़िल्म में आलिया ने एक ऐसी लड़की का किरदार निभाया था, जो छोटी-छोटी बातों की चिंता करती है और उस चिंता के कारण ग़लत फ़ैसले कर लेती है. Anxiety भी कुछ यही होती है.
आइए जानते हैं Anxiety के लक्षण क्या होते हैं?
1. ज़्यादा चिंता करना
छोटी-छोटी बातों को लेकर ज़्यादा चिंता करना Anxiety का ही लक्षण है. इसके चलते आप अपने महत्वपूर्ण कामों को अच्छी तरह से नहीं कर पाते हैं.
2. उत्तेजित होना
जब कोई बहुत परेशान होता है, तो उसका Sympathetic Nervous System बहुत तेज़ काम करने लगता है. जिसके कारण हार्ट बीट का बढ़ना, पसीना आना, कांपना और मुंह सूखना शुरू हो जाता है.
3. बेचैनी होना
बेचैनी होने पर असहजता और घबराहट होने लगती है, जो Anxiety का ही एक लक्षण है. और युवाओं में ज़्यादा देखने को मिलता है.
4. थकान होना
कभी-कभी हमें थकान महसूस होती है, इसलिएये जानना ज़रूरी है कि ये सामान्य फ़ीलिंग है या किसी चिंता की वजह से हो रहा है. अगर थकान का कारण सिर दर्द या घबराहट है, तो ये Anxiety का एक लक्षण है और ज़्यादा चिंता करने से नींद न आने के साथ-साथ तनाव भी होने लगता है.
5. ध्यान देने में मुश्किल
अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग चिंता से ग्रस्त हैं, उन्हें 90% मामलों में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है. कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि चिंता से याद्दाश्त पर भी असर पड़ता है.
6. चिड़चिड़ापन
एक स्टडी के अनुसार, Anxiety से पीड़ित युवा और मध्यम आयु वर्ग के वयस्कों को रोज़ दो बार से ज़्यादा चिड़चिड़ापन होता है.
7. मसल्स में तनाव
ज़्यादा दिनों तक मांसपेशियों में तनाव रहना भी Anxiety का एक लक्षण हैं.
8. सोने में समस्या होना
नींद में सोते-सोते गिर जाना या आधी रात में जग जाना भी Anxiety का एक लक्षण होता है.
9. Panic Attack
Anxiety से पीड़िता लोगों को Panic Attack होने लगते हैं, जिसके कारण हार्टबीट बढ़ना, पसीना आना, फ़िट्स आना, सांस की तकलीफ़, सीने में जकड़न, उल्टी और ख़ुद पर कंट्रोल नहीं रहता है.
10. सोशल नहीं होना
जिन लोगों को Anxiety होती है, वो सामाजिक स्थितियों से डरे रहते हैं, उन्हें लोगों के साथ उठने-बैठने में अच्छा नहीं लगता है. ऐसे लोगों को लगता है कि अगर वो सोशल होंगे तो लोग उन्हें जज करेंगे उनकी बातों को अहमियत नहीं देंगे.
अगर आप में ऐसे लक्षण दिख रहे हैं, तो सावधान हो जाइये और अपने डॉक्टर से कंसल्ट करिए.
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