जीने के लिए सांस लेना बहुत ज़रूरी होता है. मुंह धोते समय अचानक से कोई पानी डाल देते तो सांस सी रुक जाती है, वो एक-दो सेकेंड मानों जान सी चली जाती है. जब एक स्वस्थ इंसान 1-2 सेकेंड सांस न आना बर्दाश्त नहीं कर पाता तो अस्थमा पेशेंट के लिए ये कितनी बड़ी बात होगी. अस्थमा के मरीज़ों को धूल, मिट्टी और तेज़ ख़ुशबू वाले परफ़्यूम से बचना चाहिए. वैसे तो अस्थमा के दवाइयों के अलावा कई घरेलू उपचार हैं, जैसे अजवाइन, तुलसी, लैवंडर ऑयल, शहद, हल्दी, अदरक और कॉफ़ी.

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इनके साथ-साथ आप कुछ योगासन के ज़रिए भी अस्थमा को कम करने के साथ इसके अटैक आने की सम्भावना को कम कर सकते हैं. पूरे विश्व में मई महीने के पहले मंगल को ‘वर्ल्ड अस्थमा डे’ मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों के अस्थमा के प्रति जागरूक करना है. 

योगासान के बारे में जान लीजिए:

1. नाड़ी शोधन प्राणायाम

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अपने मन को तनावमुक्त रखने के लिए प्राणायाम से शुरुआत करें. इस योगा को करने से सांस लेने से संबंधी कई समस्यायें दूर होती हैं.

2. श्वासन

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अस्थमा के मरीज़ों के लिए श्वासन सबसे कारगर आसन है. इस आसन से चिंता और मानसिक तनाव दूर होता है और दिमाग़ शांत रहता है. 

3. अर्ध मत्स्येंद्रासन

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अर्ध मेरुदंड मरोड़ आसन ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुधारता है, जिससे अस्थमा की संभावना कम हो जाती है.

4. भुजंगासन

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भुजंगासन से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है. ये अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है. 

5. तितली आसन (बद्धकोणासन)

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तितली आसन को करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है. ये सांस की समस्या को दूर कर व्यक्ति को एनर्जेटिक रखता है जिससे अस्थमा में काफ़ी राहत मिलती है.

6. कपाल भाती प्राणायाम

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कपाल भाती प्राणायाम से मन को शान्ति मिलती है और नर्वस सिस्टम ठीक रहता है. इससे ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है. 

7. सेतुबंधासन

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सेतुबंधासन करने से फ़ेफड़े स्वस्थ रहते हैं. इससे थायरॉयड की समस्या कम होने के साथ-साथ पाचन में सुधार होता है. ये अस्थमा पेशेंट के लिए बहुत उपयोगी आसन है.

8. पवनमुक्तासन

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अस्थमा के रोगियों के लिए ये आसन इसलिए लाभदायक है क्योंकि इससे पाचन क्रिया में सुधार होने के साथ-साथ एसिडिटी की भी समस्या दूर होती है.

9. अधोमुख श्वानासन

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ये आसन मन को शांत कर तनाव को दूर करता है. इसलिए अस्थमा पेशेंट को इस आसन को नियमित रूप से करना चाहिए.

10. पूर्वोत्तानासन

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पूर्वोत्तानासन करने से सांस प्रणाली में सुधार होता है. साथ ही थायरॉयड ग्रंथि भी ठीक रहती है. ये आसन कलाई, हाथ, पीठ और रीढ़ को भी मज़बूत करता है.

अस्थमा के पेशेंट अगर रोज़ 15-20 मिनट इन आसानों को करें तो अस्थमा में काफ़ी ज़्यादा फ़ायदा होगा और अस्थमा अटैक आने की संभावना भी कम होगी.

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