अगर आप यूरोप ट्रिप पर जाने की सोच रहे हैं और जेब इसकी इजाज़त नहीं दे रही है तो निराश न हों. भारत में ही कई ऐसी जगहें हैं जो आपके फ़ौरन ट्रिप का सपना पूरा कर सकती हैं. आज हम आपको भारत के ‘स्कॉटलैंड’ यानि कूर्ग की सैर पर ले जाने वाले हैं.
इस ख़ूबसूरत हिल स्टेशन को इंडिया का स्कॉटलैंड इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि ये अपनी बेशुमार ख़ूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. कर्नाटक के पश्चिमी घाट की वादियों में स्थित इस ख़ूबसूरत हिल स्टेशन पर हर साल देश-विदेश से आए पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है. नदी, झरने, पहाड़ और चाय के ख़ूबसूरत बागान ही कूर्ग की असली पहचान हैं. इसे कर्नाटक का ‘कश्मीर’ भी कहा जाता है.
अब इस ख़ूबसूरत हिल स्टेशन इतनी तारीफ़ कर ली है, तो ये बता भी दें कि आप कूर्ग में कहां-कहां घूम सकते हैं?
1- मंडलापट्टी
मंडलपट्टी की पहाड़ियां कूर्ग ज़िले के मदिकेरी शहर से लगभग 35 किमी की दूरी पर स्थित हैं. ये ख़ूबसूरत जगह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. हरे भरे पहाड़ लुभावने दृश्य, घास के विशाल मैदान और घने जंगल इस क्षेत्र को शानदार बनाते हैं. ट्रैकिंग के शौक़ीनों के लिए मंडलपट्टी एकदम सही जगह है. ट्रैकिंग से पहले अपने साथ खाने पीने संबंधी सभी आवश्यक सामग्री रख लें क्योंकि मंडलपट्टी में दुकानें नहीं हैं.
2- तिब्बती मठ
तिब्बती मठ जिसे स्वर्ण मंदिर के रूप में जाना जाता है, तिब्बती लोगों की संस्कृति और इतिहास का प्रतिनिधित्व करता है. ये जगह पर्यटक स्थल के तौर पर भी प्रसिद्ध है. ये मठ दिखने में बेहद आकर्षक है. यहां पर सोने की कई मूर्तियां भी हैं. तिब्बती एवं बौद्ध धर्म के लोगों के लिए ये एक पवित्र जगह मानी जाती है.
3- इरुप्पु फ़ॉल
इरुप्पु फ़ॉल कूर्ग की शान है. ब्रह्मगिरी रेंज में स्थित ये झरना पर्यटकों को ख़ूब आकर्षित करता है. इस ख़ूबसूरत झरने को ‘लक्ष्मण तीर्थ झरना’ के रूप में भी जाना जाता है. इरुप्पु फ़ॉल प्रमुख पर्यटकों के आकर्षण का मुख़्य केंद्र होने के साथ-साथ तीर्थ स्थान भी है. इस झरने के पास ही प्रसिद्ध शिव मंदिर और रामेश्वर मंदिर हैं. शिवरात्रि के दौरान यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. इसके अलावा भी यहां बुरूडे, निलाकंडी और एबी फ़ॉल्स भी हैं.
4- दुबारे एलीफ़ैंट कैंप
‘दुबारे एलीफ़ैंट कैंप’ में आप हाथियों की सवारी कर सकते हैं. ये सभी हाथी ट्रेंड होते हैं जो लोगों को किसी भी तरह का नुक्सान नहीं पहुंचाते. आप नदी में हाथियों के साथ नहा भी सकते हैं, इसके लिए आपको सुबह 9 बजे यहां पहुंचना होगा.
5- ओंकारेश्वर मंदिर
भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 1820 में राजा लिंगराजेन्द्र ने करवाया था. इस मंदिर में मुस्लिम काल की वास्तुकला का प्रभाव देखने को मिलता है. इस मंदिर के मध्य में एक गुंबद है इसके चारों कोनों पर चार बुर्ज हैं. जिस वजह से ये मंदिर कम दरगाह ज़्यादा लगता है. इस मंदिर का नाम ओमकारेश्वर इसलिए पड़ा क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि राजा के द्वारा इस मंदिर की शिवलिंग को काशी से लाया गया था.
6- ब्रह्मगिरी ट्रेक
अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो कूर्ग में आप ही के लिए है. ये ट्रेक ब्रह्मगिरी वन्यजीव अभयारण्य के भीतर है और जंगल, ग्रीनलैंड्स और नदियों को पार करते हुए आप एक अच्छी ट्रेकिंग का मज़ा ले सकते हैं. इस ट्रेक के चारों ओर इरुपू फ़ॉल, भगवान विष्णु का थिरुनलेलाय मंदिर और पक्कीपाठलम की गुफा भी है.
8- नागौरोले राष्ट्रीय उद्यान
‘नागौरोले राष्ट्रीय उद्यान’ देश के सबसे प्रसिद्ध वन्यजीव भंडारों में से एक है. इसके आकर्षण का मुख़्य कारण वनस्पति और जीवों की विविधता है. यहां कई तरह के जानवरों की प्रजातियां पाई जाती हैं. यहां पक्षियों की करीब 270 से अधिक प्रजातियां हैं.
9- तडियामंडल पीक
कूर्ग का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर तडियामंडल 1748 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इस जगह तक ट्रेकिंग करके जाना काफ़ी मुश्किल भी है. प्रकृति के मनोरम दृश्यों का लुत्फ़ उठाना है, तो फ़ोटोग्राफ़ी के लिए ये एक शानदार जगह है.
10- मदिकेरी किला
इस ख़ूबसूरत किले का इतिहास हमें 17वीं शताब्दी में वापस ले जायेगा, जब मडु राजा द्वारा कीचड़ का उपयोग करके इसे बनाया गया था. इसके बाद 1812 और 1814 के बीच इस किले को एक बार फिर से ईंट और मोर्टार की मदद से दोबारा बनाया गया था.
11- बारपोल नदी में ‘व्हाइट रीवर राफ़्टिंग’
कूर्ग की बारपोल नदी ‘व्हाइट रीवर राफ़्टिंग’ के लिए एक प्रसिद्ध स्थान है. जिसके परिणामस्वरूप कूर्ग पर्यटन में तेजी आई है. ये नदी अपनी सफ़ेद रैपिड्स और आसपास के सुंदर परिदृश्य के साथ एक शानदार अनुभव देता है. इस ख़ूबसूरत नदी में राफ़्टिंग करते समय आप ‘ब्रह्मगिरी वन्यजीव अभ्यारण्य’ के मनोरम दृश्यों का आनंद भी ले सकते हैं.
12- भागमंदला
भगमंदला कूर्ग का एक तीर्थ स्थल है जो कावेरी, कन्निके और सुज्योति नदियों के संगम पर स्थित है. इसे त्रिवेणी संगम के रूप में भी जाना जाता है. यहां हर साल हज़ारों तीर्थयात्री पवित्र डुबकी लगाने आते हैं.
13- मल्लल्ली फ़ॉल
कूर्ग के उत्तरी क्षेत्र में स्थित ये झरना यहां के रहस्यमई झरने के तौर पर जाना जाता है. बरसात के समय में ये झरना विकराल रूप ले लेता है. करीब 60 मीटर की ऊंचाई से गिरता हुआ पानी ज़मीन पर गिरने से पहले हवा में ही गायब हो जाता है. जिस कारण इस क्षेत्र में मौसम बेहद ठंडा बना रहता है.
क्या ख़रीदारी करें?
कूर्ग घूमने जाएं और ख़रीदारी न करें ऐसा कैसे हो सकता है. कूर्ग में आपको कई तरह की हैंडमेड चॉकलेट ख़रीदने को मिल जाएंगी. यहां आपको काली मिर्च, इलायची, दालचीनी, चाय और कॉफ़ी के बाज़ार भी देखने को मिलेंगे. अगर आपको एल्कोहल का शौक है, तो कूर्ग में बड़ी मात्रा में फलों से शराब बनाई जाती है. आप यहां की शराब को अपने घर भी ले जा सकते हैं और अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को तोहफ़े में दे सकते हैं.
कूर्ग का मौसम
मौसम चाहे कोई भी हो कूर्ग में साल भर तापमान करीब 14 से 15 डिग्री तक ही रहता है. अगर आप भी कूर्ग की ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो नबवंर से लेकर अप्रैल तक का समय सबसे शानदार रहेगा.
कूर्ग तक कैसे पहुंचे?
कूर्ग से सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन मैसूर है जो यहां से करीब 118 किमी की दूरी पर स्थित है. यहां का सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट ‘मंगलौर इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ है, जो यहां से करीब 160 किमी दूर है. मैसूर से डीलक्स बस, टैक्सी या फिर खुद कार से भी कुर्ग पहुंच सकते हैं.
कूर्ग पूरी दुनिया में अपनी कॉफ़ी की पैदावार के लिए भी जाना जाता है. ये भारत में कॉफ़ी उत्पादन का प्रमुख केंद्र है.