कला और संस्कृति का अद्भुत संगम है कोलकाता. हम सबने सुना है कोलकाता की दुर्गा पूजा के बारे में और उसे देखने की इच्छा भी हमारे मन में होती है. यहां पर चलने वाली हाथ गाड़ी और यहां का स्वादिष्ट खाना ऐसी कई चीज़ें हैं जो आप कोलकाता के बारे में जानते हैं. मगर इसका इतिहास बहुत कम ही लोग होंगे जिन्हें पता होगा.

आज हम आपको कोलकाता के उसी इतिहास से रू-बरू कराने जा रहे हैं, जो आपको वहां जाने से पहले ज़रूर जान लेना चाहिए. 

1. पहले कलकत्ता के नाम से जाना जाता था

2001 तक इसे कलकत्ता (Calcutta) के नाम से बुलाया जाता था. ये नाम इस शहर को ब्रिटिश हुक़ुमत ने दिया था, लेकिन अब इसका नाम कोलकाता (Kolkata) हो गया है. हालांकि, यहां रहने वाले बंगाली हमेशा से ही इसे कोलकाता बोलते आ रहे हैं.

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2. ब्रिटिश इंडिया की राजधानी थी

कलकत्ता शहर ब्रिटिश इंडिया की राजधानी हुआ करता था. क़रीब एक सदी तक कलकत्ता शहर ने ब्रिटिश इंडिया की राजधानी के रूप में काम किया है. ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्यालय यहीं था. इसके अलावा ब्रिटिश शासन के समय पर कलकत्ता कई ब्रिटिश क्षेत्रों की भी राजधानी बन गया था.

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3. कई नामों से जाना जाता है इसे

पहले कलकत्ता और अब कोलकाता के अलावा इस शहर को ‘The City Of Furious’ के नाम से भी जाना जाता है. साथ ही इसे देश की सांस्कृतिक और साहित्यिक राजधानी भी कहा जाता है, क्योंकि ये शहर देश के कई प्रसिद्ध साहित्यकारों का घर रहा है.

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4. बहुत बड़ा है ये शहर

क्षेत्रफल के हिसाब से कोलकाता, भारत का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. इसके अलावा ये देश का 7वां सबसे ज़्यादा आबादी वाला शहर भी है.   

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5. हावड़ा ब्रिज 

इसके इतिहास का बहुत ही अहम हिस्सा है हावड़ा ब्रिज. 74 साल पहले हुगली नदी पर बना ये ब्रिज हावड़ा और कोलकाता शहर को जोड़ता है. इसकी ख़ासियत है कि इस पुल में कोई नट-बोल्ट नहीं है और इसके बजाय पूरे ढांचे को चीरकर बनाया गया था. रोज़ इस पुल पर क़रीब 100,000 वाहन और 150,000 पैदल यात्रियों का आवागमन रहता है. हावड़ा ब्रिज दुनिया का सबसे व्यस्त Cantilever Bridge भी है.

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6. हावड़ा जंक्शन रेलवे स्टेशन

1854 में बना ये रेलवे स्टेशन भारत का सबसे पुराना और सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है. इस स्टेशन पर 23 प्लेटफ़ॉर्म हैं. इसके चलते इस स्टेशन में ट्रेन-हैंडलिंग क्षमता भी बहुत है. रोज़ आने-जाने वाले यात्रियों के प्रतिशत के हिसाब से इसे भारत का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन कहा गया है.

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7. ऐतिहासिक चाइनाटाउन

चीन से आकर भारत के कोलकाता में बसे कई चीनी लोगों की वजह से ये भारत का एकमात्र चाइनाटाउन है. कभी इस शहर में चीनी भारतीयों की आबादी क़रीब 20 हज़ार थी. यहां का टेरेटी बाज़ार और ओल्ड चाइनाटाउन सबसे ज़िंदादिल जगह है. यहां पर स्वादिष्ट इंडो-चाइनीज़ खाने के साथ चीनी दवाओं और जड़ी-बूटियों की बिक्री होती है.   

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8. ट्राम

सड़कों पर दौड़ती ट्राम कोलकाता की ख़ूबसूरती और तेज़ी का एहसास कराती हैं. ये शहर भारत का एकमात्र शहर है, जिसके पास ऑपरेटिंग ट्राम नेटवर्क है, जो एशिया में सबसे पुराना भी है. कोलकाता आने वाले पर्यटकों के लिए ये आकर्षण का केंद्र भी है.

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9. Book Capital है ये शहर

कोलकाता, दुनिया के सबसे बड़े बुक फ़ेयर में से एक की मेज़बानी करता है. साथ ही यहां दुनिया का सबसे बड़ा सेकेंड हेंड बुक्स (जब एक बुक को कई लोग पढ़ते हैं) का मार्केट भी है. इस शहर में ऐतिहासिक कॉलेज स्ट्रीट को किताबों की दुकानों से सजाया गया है, जहां क़िताबें बहुत सस्ती क़ीमत पर मिलती हैं. ये क़िताबें सभी शैलियों और भाषाओं में हैं. इनमें से कई स्टोर तो एक सदी से भी ज़्यादा पुराने हैं. 

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10. भारत का पहला समाचार-पत्र

भारत का पहला न्यूज़ पेपर, बंगाली राजपत्र, कोलकाता में प्रकाशित हुआ था. इसके अलावा 1780 में Weekly English Language का न्यूज़पेपर भी यहीं पर शुरू किया गया था, हालांकि, दो साल बाद ही ये पेपर बंद भी हो गया था.

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11. भारत की फ़ुटबॉल राजधानी भी है

जहां देश में लोग क्रिकेट के दीवाने हैं, उस देश में कोलकाता को फ़ुटबॉल की राजधानी भी कहा जाता है. दरअसल, 1898 में होने वाली कलकत्ता फ़ुटबॉल लीग, एशिया की सबसे पुरानी एसोसिएशन फ़ुटबॉल लीग थी और दुनिया की सबसे पुरानी फ़ुटबॉल प्रतियोगिता थी.

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12. ऐतिहासिक आर्मेनियाई समुदाय

कोलकाता में एक समृद्ध आर्मेनियाई समुदाय था. इस शहर में आज लगभग 150 आर्मेनियाई समुदाय के वंशज रहते हैं. 1821 में यहां आर्मेनियाई कॉलेज और Philanthropic Academy की स्थापना की गई थी. साथ ही 1724 में आर्मेनियाई चर्च ऑफ़ द होली नाज़रेथ भी बनाया गया था.

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13. हाथ गाड़ी

कोलकाता भारत का एकमात्र शहर है, जहां हाथ गाड़ी का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, ये सवारी बहुत ही विवादस्पद रही है. इसके चलते पहले जो सरकार थी उन्होंने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. मगर वर्तमान सरकार ने इन रिक्शा चालकों को जीवन चलाने और नए संसाधन उपलब्ध कराने के लिए कहा है. फ़िलहाल, ये हाथ रिक्शा उपयोग में हैं. 

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कैसा लगा कोलकाता का इतिहास बताइएगा ज़रूर. आगे भी हम आपको कई और शहरों और देशों के इतिहास से रू-ब-रू कराते रहेंगे. 

Source: theculturetrip