अगर आप भी घूमने-फिरने के शौक़ीन हैं, तो उदयपुर एक ऐसा शहर है जो आपको बिलकुल भी निराश नहीं करेगा. ‘सिटी ऑफ़ लेक’ के नाम से मशहूर ये शहर किसी स्वप्न नगरी से कम नहीं है. भव्य महल, ख़ूबसूरत लेक, ऐतिहासिक मंदिर और रेगिस्तान का मिश्रण ही उदयपुर को अन्य शहरों से अलग बनाता है. उदयपुर की गिनती दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत शहरों में की जाती है. इसीलिए इसे भारत का यूरोप भी कहा जाता है. इस शहर को सन 1559 में महाराणा उदयसिंह ने बसाया था. उदयपुर एक समय में सिसोदिया राजवंश द्वारा शासित मेवाड़ राज्य की राजधानी हुआ करती थी.
तो चलिए आज आपको उदयपुर शहर की 13 ऐसी जगहों के बारे में बताते हैं, जो पर्यटकों के आकर्षण का मुख़्य केंद्र हैं-
1- राज महल (सिटी पैलेस)

सिटी पैलैस को उदयपुर की शान कहा जाता है. इस महल का निर्माण शहर के संस्थापक महाराणा उदय सिंह-द्वितीय ने करवाया था. ये राजस्थान का सबसे बड़ा महल है. ये महल इतना बड़ा है कि इसके अंदर 11 छोटे-छोटे महल बने हुए हैं. सन 1559 में सफ़ेद संगमरमर के पत्थरों से बना ये प्राचीन महल आज भी अपनी ख़ूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है.
2- फ़तेह सागर लेक

फ़तेह सागर लेक एक बेहद ही सुंदर कृत्रिम झील है जिसे महाराणा फ़तेह सिंह ने साल 1678 में बनवाई थी. ये उदयपुर के चार प्रमुख़ झीलों में से एक है. इसे शहर का गौरव मानी जाने वाली ये लेक नीले पानी और हरे भरे पेड़ों की वजह से ‘दूसरा कश्मीर’ के नाम से भी फ़ेमस है. इस झील के बीच में तीन छोटे टापू भी बने हुए हैं.
3- पिछोला लेक

पिछोला लेक उदयपुर शहर के आकर्षण का प्रमख केंद्र है. शहर के बीचों बीच स्थित इस लेक पर लेक पैलेस, जग मंदिर, मोहन मंदिर और अरसी विलास बने हुए हैं. ये उदयपुर की सबसे पुरानी और बड़ी लेक है.
4- लेक पैलेस

पिछोला लेक के टापू पर बने लेक पैलेस को दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत महलों में से एक माना जाता है. जिसे अब एक आलीशान 5 स्टार होटल के तौर पर जाना जाता है. इस होटल तक बोटिंग के ज़रिये जाया जाता है. इस प्रसिद्ध होटल में कई मशहूर हस्तियों की शादियां हो चुकी हैं.
5- जगदीश मंदिर

इस मंदिर की स्थापना 1651 ई.में हुई थी. इंडो-आर्यन शैली में बना ये मंदिर उदयपुर का सबसे बड़ा मंदिर है. इसका निर्माण 1651 में महाराणा जगत सिंह ने करवाया था. ये मंदिर सुबह 5 बजे से दोपहर 2 बजे तक फिर शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहता है.
6- मानसून पैलेस

एक समय में राज परिवार के निवास स्थान ‘मानसून पैलेस’ को ‘सज्जन घर’ के नाम से भी जाना जाता है. इसे सज्जन सिंह ने 19वीं शताब्दी में बनवाया था. सफ़ेद चमकदार मार्बल से बने इस पैलेस का आर्किटेक्चर बेहद शानदार है. इस महल की खिड़की से ठीक नीचे देखने पर पिछोला झील का शानदार नज़ारा दिखाई देता है.
7- नाथद्वारा मंदिर

उदयपुर से करीब 50 कि.मी दूर पर स्थित श्रीनाथजी का भव्य मंदिर है. श्रीनाथजी को भगवान श्रीकृष्ण का ही एक रूप माना जाता है. इस मंदिर में भगवान विष्णु की काले पत्थर से बनी एक मूर्ति है.
8- देवीगढ़ पैलेस

अरावली की पहाड़ियों पर स्थित 18वीं शताब्दी में बने इस महल में देलवारा के राजा का परिवार 20वीं शताब्दी तक रहा. आज ये एक आलिशान होटल में तब्दील हो चुका है.
9- सहेलियों की बाड़ी

‘सहेलियों की बाड़ी’ को महाराजा उदयसिंह ने ख़ासतौर पर शाही परिवार की महिलाओं के लिए बनवाया था. ताकि महिलाएं यहां पेड़-पौधे और फ़व्वारों के बीच आराम कर सकें. ये ख़ूबसूरत जगह भी पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं.
10- विंटेज कार संग्रहालय

सिटी पैलेस से करीब 2 किमी की दूरी पर स्थित इस संग्रहालय में आपको आलिशान विंटेज कारें देखने को मिल जाएंगी. वैसे तो यहां आपको यहां कई साल पुरानी विंटेज कारें दिख जाएंगी, लेकिन 1934 में बनी ‘रॉल्स रॉयल फ़ैंटम’ कार आकर्षण का मुख़्य केंद्र है.
11- गुलाब बाग

इस बाग में आपको गुलाब के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के फ़ूल भी देखने को मिल जायेंगे. यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए कई सारी चीज़ें हैं. आप चाहें तो बच्चों के साथ चिड़िया घर या फिर टॉय ट्रेन का आनंद भी ले सकते हैं.
12- एकलिंगजी मंदिर

ये मंदिर उदयपुर से करीब 20 कि.मी दूर कैलाशपुरी गांव में स्थित है. एक ज़माने में एकलिंगजी मेवाड़ के शासक हुआ करते थे. उन्हीं के नाम पर ये मंदिर बनाया गया है.
13- महाराणा प्रताप स्मारक

फ़तेह सागर झील के पास ही स्थित शूरवीर ‘महाराणा प्रताप स्मारक उदयपुर’ के दर्शनीय स्थलों में से एक है. महाराणा प्रताप ने स्वाधीनता के लिए संघर्ष कर लोकतंत्र की नींव रखी थी. वो सिर्फ़ मेवाड़ के लिए ही नहीं पूरे राष्ट्र के लिए आदर्श हैं.
14- शिल्पग्राम

ये एक कृत्रिम गांव है, जिसे 70 एकड भूमि में विकसित किया गया है. यहां आकर आपको ऐसा प्रतीत होगा जैसे किसी वास्तविक गांव की बाजार में खडे हों. घास फूस की झोपड़ियां, सड़कें, चबूतरे देखने का अलग अनुभव होगा. ये कृत्रिम गांव उयपुर के दर्शनीय स्थलों है.
क्या ख़रीदें?

उदयपुर में आपको हस्तशिल्प का सामान जैसे सजाने की चीज़ें, पेपर, कपड़े, पत्थर और लकड़ी पर बने चित्र मिल जाएंगे. जिन्हें आप सरकार द्वारा संचालित दुकानों से ख़रीदे सकते हैं.
कब जाएं?

उदयपुर घूमने के लिए सितंबर से लेकर मार्च तक का समय सबसे अनुकूल रहेगा. अप्रैल से लेकर अगस्त तक यहां तापमान 40 के पार पहुंच जाता है.
कैसे जाएं?

उदयपुर आप हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं. उदयपुर रेलवे स्टेशन देश के कई शहरों से जुड़ा हुआ है. सड़क मार्ग द्वारा दिल्ली से उदयपुर तकरीबन 12 घंटे में पहुंचा जा सकता है. इसके लिए कई प्रकार की निजी और सार्वजनिक बस सेवाएं आसानी से मिल जाएंगी.

इनके अलावा भी उदयपुर में घूमने-फ़िरने के लिए कांच गैलेरी, सज्जनगढ पैलेस, हल्दी घाटी, बागोर की हवेली, कर्णी माता मंदिर, नागदा, नाथद्वारा, कांकरोली, राजसमंद झील जैसी कई अन्य जगहें भी हैं.
तो दोस्तों देरी किस बात की है, पैकिंग करिये और निकल पड़िये ‘सिटी ऑफ़ लेक’ उदयपुर की ट्रिप पर.