सालों से प्रकृति और इंसान के बीच एक जंग चल रही है. जब भी हम इंसान प्रकृति पर हावी होने की कोशिश करते हैं, वो हमें धड़ाम से नीचे गिरा देती है. नतीजन हम भूकंप, बाढ़, या प्रदूषण से जूझते रहते हैं. हमारी उलुलू-जुलूल हरक़तों से परेशान होकर नेचर हमें कई बार वॉर्निंग भी दे चुकी है. हालांकि, हम तो ठहरे ढीट. कहां किसी की सुनने में विश्वास रखते हैं.
पर शायद ये भूल जाते हैं कि प्रकृति हमसे ज़्यादा ढीट है. जब-जब इंसान ने उस पर हावी होने की कोशिश, उसने अपना असली रंग दिखा कर बाज़ी मार ली. इसका छोटा सा उदाहरण पेश कर रहे हैं. समय निकाल कर देखियेगा.
1. बेकार पड़ी चिमनी में ये हरियाली यूं ही नहीं आती.

2. ये अनोखा दृश्य जर्मनी का है.

3. अभी भी प्रकृति की कलाकारी पर संदेह है क्या?

4. Houtouwan का ये गांव कभी बेजान सा पड़ा था और अब देखिये

5. बांग्लादेश का पुराना शिव मंदिर कैसे खिल उठा.

6. नेचर भी हम सबसे यही कह रही है Stop.

7. ताइवान का रेलरोड ट्रैक कितना आकर्षक और ख़ूबसूरत दिख रहा है.
8. ये Island नेचर का बनाया हुआ है.

9. ये प्रकृति की रचना है.

10. ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने डिज़ाइन बनाया है.

11. ये कुदरत का करिश्मा है.

12. इसके बारे में क्या ख़़्याल है?

13. ब्रिज की ख़ूबसूरती बढ़ा दी.

14. क्या खेल है?

15. ये प्रकृति की ज़िद है.

16. प्रकृति की कलाकारी.

17. नेचर हमसे ज़्यादा ज़िद्दी है.

18. ये तो कल्पना से परे है.

19. प्रकृति की उस्तादी.

20. उस्तादी को सलाम.

तस्वीरें देख कर एक बात साफ़ है कि अगर इंसान ज़िद्दी है, तो प्रकृति हमसे बड़ी ज़िद्दी है. इसलिये जगह कोई भी हो, वो जीत कर ही लौटती है.