अगर आप खाने के शौक़ीन हैं और आपको अलग-अलग देशों और शहरों का खाना खाना पसंद है, तो आपने कई जगह का खाना खाया भी होगा और उसकी रेसिपी भी जाननी चाही होगी. ताकि घर आने के बाद आपको वैसा ही खाने को दोबारा मिले. मगर इस दौरान आपके दिमाग़ में उससे जुड़े कल्चर के बारे में जानने की इच्छा नहीं हुई होगी. क्योंकि ये बात दिमाग़ में आती ही नहीं है. 

cooking-sun

तो आज थोड़ा दिमाग़ के घोड़े दौड़ाते हैं और कुछ जगहों के फ़ूड कल्चर के बारे में जानने की कोशिश करते हैं. ये जानकर आपको काफ़ी अच्छा लगेगा.

1. जगन्नाथ मंदिर में 56 भोग का महाप्रसाद

iskcontimes

पुरी में जगन्नाथ मंदिर में रोज़ाना 56 तरह के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. इसमें पहला भोग जिसे गोपाल बल्लाव के रूप में जाना जाता है, वो सुबह 9 बजे लगाया जाता है. उसमें पेड़ा, कोरा, दही और कुछ फल होते हैं. इसके बाद दोपहर के भोग और शाम को 7 बजे संध्या भोग होता है. फिर दिन का समापन बदसीमर धूप के साथ होता है, जिसमें चांदी के बर्तन में में शुद्ध घी के साथ-साथ कई चीज़ें चढ़ाई जाती हैं. 

2. The Breakfast Of Champions At Kye Gompa

indiatimes

कई बड़े फ़ूड कल्चर्स में से एक है, तिब्बती साधुओं (Monk) का ब्रेकफ़ास्ट बटर टी और एक डिश. बटर टी को मक्खन और नमकीन चाय की पत्तियों में ताज़े दूध को मिलाकर बनाया जाता है. इसके साथ घी, मक्खन और चीनी को सत्तू में डालकर आटे के साथ बनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि चाय को सबसे पहले भूखे भूतों को पेश किया जाता है. इसके बाद साधु इसे खाते हैं.

3. Rice Beer & The Karbi Tribe Of Meghalaya

stalktr.net

कार्बी जनजाति के सबसे प्रसिद्ध खाद्य सामग्री में चावल की बियर है, जिसे देवताओं को चढ़ाने के लिए सबसी अच्छी चीज़ माना जाता है. कार्बी लोग अपने भगवान को चावल की बियर और मीट प्रसाद की तरह चढ़ाते हैं. चावल कार्बी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है और पोर्क, भैंस, चिकन, और मछली के साथ पकाया जाता है. इसके अतिरिक्त, बांस उनके खाने और जीवन शैली का एक प्रमुख घटक है, इसे खाया जाता है, पकाया जाता है, साथ ही इसे ईंधन के काम भी लाया जाता है. स्थानीय व्यंजन जिन्होंने हमारा ध्यान आकर्षित किया: सूअर का मांस और साग, बांस और सिकाडा की चटनी में पकाई जाने वाली मछली.  

4. The Fading Community Of Kolkata’s Jews & Shabbat

indiatimes

कोलकाता में यहूदियों का एक शबात नाम का आयोजन होता है, जो शुक्रवार की रात में शुरू होता है और शनिवार की रात तक चलता रहता है. इसकी शुरूआत रोटी के टुकड़े को नमक में डुबोकर एक कप वाइन पीकर करते हैं. इसके बाद खाने में Aloo Makallah of Hilbe, Zalata (खीरे का सलाद), Mahashas (भरवां सब्जियां) और भुना चिकन होता है. साथ ही चावल को मीट या कुब्बा की करी से खाते हैं. इसके अलावा मीट भरकर चावल के पकौड़े बनाए जाते हैं जिसे हरी चटनी से खाते हैं.

5. The Soul Food Of Udvada

indiatimes

जब पारसी खाद्य संस्कृति की बात आती है, तो गुजरात के तट पर स्थित छोटा सा शहर उदवाड़ा हमेशा से ही पारसी धर्म और समुदाय का केंद्र का ज़िक्र ज़रूर आता है. इस समुदाय की सबसे दिलचस्प खाद्य परंपराओं में से एक है, जोरास्ट्रियन मृत्यु समारोह. इसे चार भागों में आयोजित किया जाता है. बाज, अफ़रिंगन, फ़ारक्षी और स्टम. हालांकि, प्रसाद किसी भगवान या अग्नि को नहीं दिया जाता है, बल्कि भोजन उस व्यक्ति की आत्मा को चढ़ाया जाता है जो मर गया है. अंतिम संस्कार में गेहूं, गुलाब, चंदन, दूध और तांबे जैसी विशिष्ट सामग्री का उपयोग करते हैं.

कैसे लगे ये फ़ूड कल्चर हमें कमेंट बॉक्स में बताइएगा. Lifestyle से जुड़े और भी आर्टिकल ScoopwhoopHindi पर पढ़ें.