आमतौर पर हमारी दिनचर्या ऐसी होती है, जिसे स्वस्थ जीवनशैली कदापी नहीं कहा सकता. खाने की पाबंदी और परहेज़ों को हम सामन्यत: नज़रअंदाज़ कर देते हैं. हम जानते हैं कि इस लापरवाही के परिणाम को भविष्य में हमे ही भुगतना है. फिर भी ‘तब की तब देख लेगें’ वाली मानसिकता हमें डुबो देती है. ठीक है, हम आपको लेक्चर नहीं देंगे कि ये मत कीजिए, वो मत कीजिए, अच्छा खाईए, इतने बजे उठ जाइए, उतने बजे सो जाइए… ये सब आप पहले भी बहुत सुन चुके होंगे. हम आपको कुछ हेल्दी हैकिंग टिप्स देने वाले हैं, जिनसे आप कम मेहनत में भी हेल्दी रह सकते हैं.
इनको अपने खाने मे शामिल कर लीजिए:
काला चना(प्रतिदिन 50 ग्राम)
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काले चना को खाने में कई तरीके से शामिल किया जा सकता है. सब्ज़ी के साथ, उबाल कर या भिगो कर. काले चने में Glycaemic Index(55) बहुत कम होता है, जिसकी वजह से ये पचाने में आसान होता है. चीनी में Glycaemic Index 70 के पार होता है, जिस वजह से उसे खाने से ख़ून में ग्लुकोज़ की मात्रा काफ़ी बढ़ जाती है. काला चना डायबटीज़ और हृदय के रोगियों के लिए काफ़ी लाभदायक होता है. हर रोज़ काला चना का 50 ग्राम सेवन भी स्वास्थयवर्धक है. काला चना प्रोटीन, कारबोहाइड्रेट और फाइबर का भी अच्छा स्रोत है.
लहसुन(प्रतिदिन 3-4)
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विटामिन C और B6, Manganese और Selenium लहसुन में भारी मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें मौजूद Allicin जो कि उच्च रक्तचाप, हाइ कोलस्ट्रोल और दिल से जुड़ी बिमारियों में असरदार होता है. लहुसन खाने से कुछ प्रकार के कैंसर और संक्रमण होने की आशंका कम हो जाती है. एक वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि प्रतिदिन तीन बार 200mg लहुसन पाउडर के सेवन से कई बिमारिया शरीर से दूर भागती हैं.
मेथी(प्रतिदिन 25 ग्राम)
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मेथी के सेवन से शरीर की प्रज्वलन कम होती है जिससे धमनियों के पतले होने की आशंका भी कम हो जाती है. मेथी में Glycaemic Index की मात्र काफ़ी कम होती है, जिस वजह से इसे पचाना आसान होता है. खाने से 15 मिनट पहले मेथी दाना या मेथी पत्ते के सेवन से लंबे समय तक खून में अत्यधिक ग्लुकोज़ की शिकायत नहीं होती.
मेथी के पत्ते और दाने दोनों Antacid की तरह काम करते हैं, जिससे खाना पचाने में सहुलियत होती है. गैस और कब्ज़ जैसी बिमारियां पास भी नहीं भटकती. माहवारी के दर्द के लिए भी मेथी बेहद असरदार है.
मेथी के घरेलु नुस्खे भी बहुत प्रचिलित हैं, गर्म कपड़े में मेथी बांध कर चोट लगी जगह पर सेकने से तत्काल राहत मिलती है.
आमला(प्रतिदिन एक आमला)
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आमला विटामिन का सबसे अच्छा स्रोत है, एक आमला में 3000 mg विटामिन C पाया जाता है. जो कि 20 संतरों के बराबर है. इम्युनिटी बढ़ाने में आमला को कोई जोड़ नहीं है. एक शोध के अनुसार, आमला दिल के मरीज़ों के लिए बेहद लाभदायक है और कई प्रकार की दवाई के साइड इफ़ेक्ट की आशंका को भी कम कर देता है. इसके अलावा आमला इन्फ़ेक्शन और रक्तचाप से लड़ने में भी सहायक है.
हल्दी(प्रतिदिन दो छोटी चम्मच)
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हल्दी की प्रज्वलरोधी शक्ति कई बीमारियों से एक साथ लड़ने में सहायक है. कैंसर, संक्रमण, अस्थमा तथा गैस से जुड़ी अन्य समस्याओं में हल्दी लाभदायक होती है. हल्दी लीवर की क्षति को कम करती है और उसे दुरुस्त भी करती है. अल्कोहल से हुए लीवर के नुकसान की भरपाई हल्दी के सेवन से भी होती है. भोजन में मौजूद अत्यधिक आयरन से होने वाले नुकसान को भी हल्दी कंट्रोल में रखती है.
उपर्युक्त सभी खाद्यसामग्री मैजिक फ़ूड या सुपरफ़ुड कहे जाते हैं. अगर आपको इनके जादू को देखना है, तो प्रतिदिन इनका सेवन करें.
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