इतिहास हमें इसलिए दिलचस्प लगता है क्योंकि इसकी गोद में हमारे वर्तमान के चिन्ह उसी तरह मिलते हैं, जैसे मां की गोद में कोई बच्चा और इतिहास से जुड़ी चीज़ों को देखना उस फ़ोटो एल्बम को देखने जैसा है, जिसे देखकर मां और बेटे दोनों को सुख मिलता है. ये सच है कि इतिहास कभी लौटकर नहीं आता मगर ऐतिहासिक इमारतों, क़िलों, खंडहरों और कलाकृतियों को देखकर हम उस इतिहास को अपने अन्दर महसूस ज़रूर कर सकते हैं.
आज हम आपको बताएंगे भारत की कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में, जहां आपको हमारी पुरानी सभ्यता, संस्कृति, जीवनशैली और कलाओं के दर्शन होंगे.
1. Unakoti, Tripura
Unakoti पहाड़ियां अगरतला से लगभग 180 किलोमीटर दूर हैं. यहां के पत्थरों पर उकेरी गई कलाकृतियां 7वीं से 9वीं शताब्दी के बीच की हैं. यहां पत्थरों पर खुदी हुई भगवान शिव की मूर्ति अद्भुत है. भगवान शिव के अलावा यहां अन्य हिन्दू देवी-देवताओं जैसे भगवान गणेश, देवी दुर्गा आदि की भी प्रतिमाएं खुदी हुई हैं.
2. Burhanpur, Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर का नाम ‘शेख़ बुरहानुद्दीन’ के नाम पर पड़ा. यहां पहाड़ों पर आपको मुग़लकालीन कई कलात्मक चित्र मिल जाएंगे. मुमताज़ महल की मौत के बाद पहले उनका शरीर यहीं पर 6 महीने तक दफ़न था, जिसे बाद में ताजमहल ले जाकर दफ़नाया गया था. बुरहानपुर में जामा मस्जिद, राजा की छतरी, दरगाह-ए-हकीमी शाही क़िला, गुरुद्वारा और मंदिर हैं, जहां आप घूम सकते हैं.
3. The Laxman Temple, Sirpur
छत्तीसगढ़ के सिरपुर में बने लक्ष्मण मंदिर को देखकर आपको पुराने समय की तकनीक और जानकारी पर आश्चर्य होगा. लक्ष्मण मंदिर ईंट से बना हुआ भारत का सबसे पुराना और ख़ूबसूरत मंदिर है. ये मंदिर काफ़ी ऊंचा बना हुआ है. ये मंदिर जिस वक़्त का है, तब ऐसी तकनीक नहीं थी कि इतनी ऊंचाई तक पत्थर और ईंट ले जाया जा सके. सिरपुर, रायपुर से लगभग 80 किलोमीटर दूर है.
4. Ruins of Devrani and Jethani Temples, Bilaspur
बिलासपुर छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. यहां से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर 5वीं शताब्दी में बना ‘देवरानी और जेठानी’ का मंदिर है. इनमें से ‘देवरानी’ मंदिर थोड़ी अच्छी हालत में हैं जबकि ‘जेठानी’ मंदिर खंडहर बन चुका है. खंडहर होने के बावजूद यहां आपको इतिहास की उन्नत कला के दर्शन होंगे. यहां 7 फुट ऊंची और 4 फुट चौड़ी एक प्रतिमा है, जिसका वज़न 8 टन से ज़्यादा है. इस मंदिर के स्थापत्य की कई बार नकल करने की कोशिश की गई, मगर वैसा मंदिर दोबारा कोई नहीं बना पाया.
5. Farrukhnagar, Gurugram
फ़ार्रुख़नगर में मुग़लकालीन कई महल, क़िले और खंडहर हैं. इसे पहली बार 1732 में फौजदार ख़ान ने खोजा था, जो यहां के पहले नवाब भी बने थे. यहां फौजदार ख़ान द्वारा बनवाए गए शीश महल, जामा मस्जिद और बावली हैं.
6. Bishnupur, West Bengal
कोलकाता से लगभग 140 किलोमीटर दूर बिश्नुपुर, कोलकाता निवासियों का पॉपुलर वीकेंड डेस्टिनेशन है. यहां 7वीं शताब्दी के मध्य में बनाए गए कई मंदिर हैं, जिनमें आपको टेराकोटा कला के दर्शन होंगे. टेराकोटा कला राजस्थान की प्रसिद्ध हस्तकलाओं में से एक है. इस कला में चीज़ों को लाल मिट्टी को पकाकर बनाया जाता है. यहां सबसे ज़्यादा 17वीं शताब्दी में बने टेराकोटा कलाओं वाले 21 मंदिर हैं.
7. Domkhar, Ladakh
लद्दाख के दोमखर में पुराने समय में पत्थरों पर बनाए गए चित्र आपको इतिहास की झलक दिखाएंगे. यहां रात की हल्की रौशनी में टिमटिमाते तारों के बीच इन पत्थरों पर बैठना और इस पर उकेरी कलाकृतियां को देखना आपको अच्छा लगेगा. इन पत्थरों पर दूसरी और तीसरी शताब्दी के बीच की जीवनशैली को चित्रित किया गया है. इसे पहली बार 1902 में A.H. Francke ने खोजा था. दोमखर लेह से लगभग 120 किलोमीटर दूर है.
आपको इन खंडहरों, इमारतों, क़िलों और कलाकृतियों को देखने एक बार ज़रूर जाना चाहिए क्योंकि यही हमारे उन पुरखों की कला का सम्मान होगा, जिन्होंने इसे बनाया था.