सन् 1947 को भारत देश को अंग्रेज़ों के अत्याचार से आज़ादी मिली थी. उससे पहले भारत देश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन शासित था, जिसपर अंग्रेज़ों ने ख़ूब अत्याचार किए. इसलिए हर भारतीय का ख़ून खौल उठता है क्योंकि आज़ादी को पाने के लिए हमने कई भारतीयों की जान गवांई हैं. हालांकि इनके अत्याचारों को भूलना आसान नहीं है और भूलना चाहिए भी नहीं, लेकिन इन सबको थोड़ी देर के लिए किनारे रखा जाए तो हमें वो चीज़ें दिखेंगी, जो शायद हम अपने दर्द के आगे नहीं देख पाते हैं, जिनका हम आज फ़ायदा उठा रहे हैं.

इसलिए आइए और जान लीजिए की वो क्या काम और चीज़ें हैं, जो अंग्रेज़ भारतीयों को दे गए हैं? 

1. भारतीय रेलवे

भारत में रेल नेटवर्क की स्थापना अंग्रेज़ों ने ही की थी. इसी वजह से भारत में ज़्यादातर रेलवे स्टेशन ब्रिटिश वास्तुकला के अनुसार बने. ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश में माल एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने के लिए की थी. भारत की पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को बॉम्बे (मुंबई) से ठाणे तक लगभग 34 किलोमीटर तक चली थी.

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2. टीके

19वीं और 20वीं सदी के दौरान जब भारत में चेचक की महामारी फैली थी, तब ब्रिटिश सरकार ने इस बीमारी को रोकने के लिए 1892 में एक अनिवार्य टीकाकरण अधिनियम पारित किया. बीमारी के प्रसार की जांच के लिए स्वच्छता आयुक्तों को भी तैनात किया गया था. तभी से भारतीयों को टीके के बारे में पता चला.

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3. अंग्रेज़ी भाषा

ईस्ट इंडिया कंपनी ने सरकार में कार्यरत भारतीयों को अंग्रेज़ी इसलिए सिखाई ताकि उन्हें अंग्रेज़ों के साथ काम करने में आसानी हो. इस तरह अंग्रेज़ी भाषा ने भारतीय संस्कृति में पैठ बनाई.

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4. भारतीय सेना

दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना, भारतीय सेना भी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की देन है. भारतीय सेना में संस्कृति, ट्रेनिंग और दिनचर्या आज भी ईस्ट इंडिया कंपनी की याद दिलाती है. 

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5. सामाजिक सुधार

भारतीयों द्वारा चलाई जा रही कई कुप्रथाओं को अंग्रेज़ों ने ख़त्म कर दिया था. इनमें सती प्रथा, बाल विवाह, अस्पृश्यता आदि जैसी कुप्रथाएं शामिल हैं. अंग्रेज़ों ने विधवा पुनर्विवाह को भी बढ़ावा दिया, जिससे कम उम्र में विधना हुई लड़कियों को दोबारा अपनी ज़िंदगी को रंगों से भरने और उसे जीने का मौक़ा मिले. इस नेक काम में प्रसिद्ध समाज सुधारक राजा राम मोहन राय ने अंग्रेज़ों का साथ दिया.

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6. सर्वेक्षण

1851 में अंग्रेज़ों द्वारा भारतीय भौगोलिक सर्वेक्षण की स्थापना की गई थी. संस्थान की स्थापना गांवों, शहरों का सर्वेक्षण करने और भारत का नक्शा बनाने के लिए की गई थी. कई जगह आज भी अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए उसी नक्शे का उपयोग किया जाता है, उन्होंने भारत की लंबाई और चौड़ाई का सर्वेक्षण करने के लिए कई उन्नत उपकरण पेश किए. 

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7. जनगणना

भारत की जनसंख्या की गणना 1871 से पहले कभी नहीं की गई थी. अंग्रेज़ों ने 1871 से हर 10 वर्षों में जनसंख्या की गणना करने के लिए भारत में जनगणना शुरू की. वे हर 10 साल में उम्र, लिंग, धर्म, जाति, शिक्षा और जनसंख्या जैसे सांख्यिकीय आंकड़े एकत्र करते थे.

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आपमें से कौन-कौन हैं जिन्हें ये नहीं पता था, क्योंकि हमारे पास तो लिस्ट बहुत लंबी है.