हर साल भारत में Civil Services Examination कराए जाते हैं. ये एग्ज़ाम यूपीएससी यानी Union Public Service Commission द्वारा भारत सरकार के सबसे उच्च पदों के लिए आयोजित कराए जाते हैं. इनमें IAS, IPS व IFS जैसे पद शामिल हैं. इन पदों के लिए होने वाले एग्ज़ाम को क्रैक करने के लिए छात्र दिन-रात पढ़ाई करते हैं. हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं है कि यूपीएससी की परीक्षा एक कठीन परीक्षा है, लेकिन इससे जुड़े कुछ ऐसे मिथक प्रचलित हैं, जिन्हें हौआ बनाकर रख दिया गया है. अगर ये मिथक छात्र के दिमाग़ से हट जाएं, तो बहुत हद तक यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में मदद मिल सकती है. आइये जानते हैं यूपीएससी से जुड़े उन मिथकों को.   

1. सिर्फ़ किस्मत वाले ही IAS ऑफ़िसर बनते हैं.

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इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो किस्मत के भरोसे किसी भी काम को करना पसंद करते हैं. लेकिन, बता हैं किस्मत उन्हीं के साथ होती है, जो मेहनत करते हैं. इसलिए, ऐसा कुछ नहीं है कि किस्मत वाले ही IAS ऑफ़िसर बनते हैं. अगर आप मेहनत करेंगे और आप भी UPSC एग्ज़ाम क्लीयर कर सकेंगे.  

2. कोचिंग के बिना यूपीएससी एग्ज़ाम पास करना असंभव है.

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कोचिंग के ज़रिए यूपीएससी एग्ज़ाम की तैयारी अच्छी हो सकती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इसके बिना आप UPSC Crack नहीं कर सकते हैं. अगर आप सही स्केड्यूल बनाएं, सही किताबों का चयन करें, तो सफ़लता ज़रूर हाथ लगेगी. वहीं, आपको ऑनलाइन कई पत्रिकाएं व किताबें भी मिल जाएंगी. इंटरनेट के ज़रिए आप करेंट अफ़ेयर्स से अपडेट रह सकते हैं. एक बात हमेशा ध्यान रखें, बिना लगन के आपको कोई भी कोचिंग या ट्यूशन इग्ज़ाम पास नहीं करा सकती है. इसलिए, इस बात को दिमाग़ से निकाल दें कि कोचिंग के बिना यूपीएससी एग्ज़ाम क्लीयर नहीं होगा.  

3. अंग्रेज़ी मीडियम वाले छात्र अधिक अंक प्राप्त करते हैं.  

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देखिए किसी भी विषय में ज़्यादा या कम अंक लाना विषय से जुड़ी जानकारी और दिलचस्पी पर निर्भर करता है. इसलिए, ये एक मिथक है कि अंग्रेजी मीडियम वाले छात्र अधिक अंक प्राप्त करते हैं या ज़्यादा बुद्धिमान होते हैं. अगर आप ऐसा सोचते हैं, तो ख़ुद को कमज़ोर करेंगे. इसलिए, बिना ये सब सोचे अच्छी तरह विषय पर ध्यान दें.

4. सब कुछ बारीकी से पता होना चाहिए.

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ये एक और मिथक है कि अगर आप यूपीएससी की तैयार कर रहे हैं, तो आपको हर विषय की पूरी यानी एकदम बारीकी से जानकारी होनी चाहिए. ऐसा बिल्कुल नहीं है. ऐसा इस धरती पर कोई इंसान नहीं है, जिसे सब कुछ पता हो. यूपीएससी का जो सिलेबस है, उसी पर ध्यान केंद्रित करें और उसी आधार पर एग्ज़ाम की तैयारी करें. लेकिन, कोशिश हमेशा यही रखें कि विषय की आपको ज़्यादा से ज़्यादा से जानकारी हो.  

5. एकेडमिक टॉपर्स ही UPSC CRACK कर सकते हैं. 

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ये मात्र एक मिथक है कि सिर्फ़ एकेडमिक टॉपर्स ही यूपीएससी एग्ज़ाम को क्रैक कर सकते हैं. अगर आप पिछली लिस्ट उठाकर देखें,तो आपको कई नॉन एकेडमिक टॉपर्स भी मिल जाएंगे. चाहे कोई भी इग्ज़ाम हो, उसे पास करने करना आपकी मेहनत और सही रणनिति पर निर्भर करता है. 

6. रोज़ाना 15 से 18 घंटे पढ़ाई.

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ये भी एक मिथक है कि यूपीएससी की तैयारी करने के लिए आपको रोज़ाना 15 से 18 घंटे पढ़ाई करनी होगी. देखिए, यहां घंटों से ज्यादा आपकी पढ़ाई का तरीका और रणनिति मायने रखती है. अगर आप सही स्केड्यूल बनाकर रोजाना कम घंटे मगर लगन से पढ़ाई करें, तो सफलता हासिल हो सकती है. इसके अलावा सही मार्गदर्शन भी ज़रूरी है.  

7. यूपीएससी सबसे कठीन परीक्षा है. 

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ये भी एक बड़ा मिथक है, जिसे लेकर छात्र डरते हैं. देखिए, इग्ज़ाम कोई भी हो, बिना सही पढ़ाई या सही रणनिति के आप कोई भी परीक्षा पास नहीं कर सकते हैं. ये भारत में एक उच्चे दर्जे का इग्ज़ाम है, इसलिए इसे क्लीयर करने के लिए पढ़ाई के साथ सही रणनीति भी ज़रूरी है. 

8. एक ही विषय की बहुत सी किताबें पढ़नी पड़ती है.   

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ये भी एक बड़ा मिथक है कि अगर आप UPSC की तैयार कर रहे हैं, तो आपको ढेर सारी किताबें पढ़नी होंगी. ऐसा कुछ नहीं है. अपने विषय से जुड़ी सटीक किताबें आपके लिए काफ़ी हो सकती हैं. ये ज़रूरी नहीं है कि एक ही विषय की 50-60 किताबें आप रट लें. इससे समय की बर्बादी होगी. इसलिए, अगर आप पहली बार इस इग्ज़ाम की तैयारी करने जा रहे हैं, तो किसी सीनियर से किताबों के बारे में सलाह ले सकते हैं.