दीपावली यानी कि रौशनी और हर्षोल्लास का पर्व. देश के कोने-कोने में दिवाली का त्योहार धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. ये कहना ग़लत नहीं होगा कि दिवाली के नाम से दिमाग़ में सबसे पहले पटाखों की गूंज आती है. मानो दिवाली और पटाखों का मेल ही दीपावली को शुभ और मज़ेदार बनाता है. लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बेचने पर रोक लगा दी है. शायद आप जानते हों कि दिवाली की शुरुआत होते ही देश में प्रदूषण 20 गुना बढ़ जाता है. इंसान तो इंसान पटाखों के धुंएं और शोर से जानवर भी परेशान होते हैं. वैसे देखा जाए तो दिवाली दीपों का त्यौहार है, पटाखों का नहीं और बिना पटाखों के भी दिवाली को धूम-धाम और रोमांचक तरीके से मनाया जा सकता है.
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अब आप सोचेंगे वो कैसे, इसीलिए हम आज आपको बताएंगे कि बिना पटाखों के शोर-गुल और धुंएं के कैसे आप उठा सकते हैं मज़ा.
घर सजाएं
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दिवाली दीपों का पर्व है और इसका घर की साफ़-सफाई और सजावट से भी गहरा सम्बन्ध है. माना जाता है जो घर साफ़-सुथरा होता है उसमें लक्ष्मी जी वास करती हैं. इसलिए दिवाली मनाने के लिए अपने घर के हर हिस्से की सफ़ाई करें, दीपक जलाएं, घर को फूल-पत्तियों से सजाएं और लाइटिंग करें.
खुशियां बांटकर मनाये दिवाली
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दिवाली मानने के लिए हम लोग पटाखें खरीदने में जितना पैसा खर्च करते हैं, अगर उतना पैसा हम किसी ज़रूरत मंद को दें, तो उसके घर में भी उजाला हो जाएगा. वो भी दिवाली मना पायेगा. एक बार ऐसा करके तो देखिये आपको दिवाली का असली मतलब समझ आएगा कि दिवाली पटाखे जलाने का नहीं, बल्कि खुशियां बांटने और दूसरों के घरों में रौशनी करने का त्यौहार है.
खुद भी खाएं और लोगों को भी खिलाएं
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दिवाली नहीं, बल्कि धनतेरस से ही दिवाली शुरू हो जाती है. लोग एक-दूसरे को बधाई देने लगते हैं. दिवाली को अगर पकवानों का पर्व कहा जाए तो भी कुछ ग़लत नहीं होगा. तो दिवाली पर तरह-तरह के पकवान बनायें और घर पर आने वाले अतिथियों को भी खिलाएं और खुद भी खाएं. वैसे भी आज की दौड़ती-भागती ज़िन्दगी में लोगों के पास साथ बैठकर खाने-पीने का टाइम ही नहीं है, तो क्यों न पटाखे जलाने में समय बर्बाद करने के बजाये साथ बैठकर खाना खाएं और गप्पे लड़ायें.
गीत और संगीत का आयोजन करें
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भारतीय संस्कृति में कोई भी पर्व हो, शादी समारोह, उत्सव हो बिना गीत-संगीत के वो अधूरा ही लगता है. वैसे भी खुशी मनाने का ये सबसे अच्छा तरीका माना जाता है. इस दीपावली आप भी कुछ ऐसा ही करें. दोस्तों और रिश्तेदारों को बुलाएं, उनके साथ अंताक्षरी खेलें. कहते हैं दीपावली और दशहरे पर बुराई का अंत हुआ था. इसलिए अपनी सारी बुरी आदतों को छोड़ कर इस दीपावली अच्छी आदतों को अपनाएं और लोगों से दोस्ती बढ़ाएं. नाचे-गायें और खुशियां मनांए.
दिवाली पार्टी करें
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बिना पटाखों के दिवाली मानने का ये एक अच्छा विकल्प हो सकता है. आप अपने मोहल्ले में सबकी मदद से पार्टी का आयोजन करें. इस पार्टी में अलग-अलग तरह की थीम रखें. पार्टी में तरह-तरह की प्रतियोगिताएं भी कराये और उसके विजेताओं को इनाम भी दें, जैसे बेस्ट ड्रेस्ड, बेस्ट रंगोली, बेस्ट डांसर आदि. इसके साथ ही आप अंताक्षरी जैसे कई खेल भी खिला सकते हैं.
घर के आस-पास की सफ़ाई करें
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दीपावली से पहले अपने घर के साथ-साथ आस-पड़ोस में गंदगी को भी साफ़ करें. आसपास सफ़ाई होगी तो माहौल भी खुशियों से भरा होगा. उस दिन घर के आसपास या बाग-बगीचों में एक पौधा लगाएं, जो आगे जाकर वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा और आसपास के वातावरण को भी स्वच्छ रखेगा. साथ ही अपने घर में और घर के आसपास पौधें लगाएं, ऐसा करके आप अपने आसपास के वातावरण को प्रदूषण मुक्त करने में सहयोग कर सकते हैं.
उपहार बांटें
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सबके साथ मिलजुल कर दिवाली मनाने का अपना अलग ही मज़ा होता है. अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों, बच्चों सबको तोहफे बांटें. असली मज़ा तो इसी में आता है. बच्चों को घुमाने ले जाएं और उनको उसकी पसंद का गिफ्ट दिलाएं फिर देखिये उनके चेहरे के चमक किसी दिवाली के पटाखे की रौशनी से कहीं ज़्यादा तेज़ होगी और आपको सुकून देगी.
किसी गरीब की मदद करें
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हम लोग हमेशा ये भूल जाते हैं कि पटाखों पे खर्च होने वाले पैसे से बहुत कुछ अच्छा काम भी किया जा सकता है. दिवाली पर आप किसी गरीब की मदद करें उसे खाना खिला दें या फिर उसे कपड़े दें जिससे आपको शांति मिलेगी. आप परिवार के साथ किसी वृद्धाश्रम या अनाथालय जाकर उनके साथ भी दिवाली मना सकते हैं.
पटाखों के साथ नहीं, अपनों के साथ मनायें दिवाली
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आज का समय ऐसा है कि लोगो नौकरी के कारण अपने घरों से दूर रहते हैं, और दिवाली पर घर नहीं जाते हैं. उन लोगों के लिए मरे सुझाव है कि कोशिश करके अपने घर ज़रूर जायें और अपने परिवार के साथ खुशियों वाली दिवाली मनाएं.
आज के दौर में दीपावली का मतलब बम-पटाखों के अलावा कुछ नहीं रहा है और हमारी कोशिश है कि हम सभी दिवाली की खुशियों को पटाखों के शोर में गुम न होने दें. दीपावली खुशियों का पर्व है, दीयों को जगमग करने का त्योहार है और सभी कड़वाहटों को मिटाकर अपनों के गले मिलने, बड़ों से आशीष लेने का दिन है. इसी के साथ आप सभी को ग़ज़बपोस्ट की ओर से शुभ दीपावली.