टैक्स, जिससे लगभग सब ही परेशान रहते हैं मगर ये एक ऐसी चीज़ है जसी भरना तो पड़ता ही है. आप अपना जीवन ठीक से जी रहे होते हैं तभी सरकार एक नया सेस ले आती है जिससे आप भी खीझ जाते होंगे. लेकिन आप ख़ुद को क़िस्मत वाला समझिये जनाब क्योंकि आप पुराने समय में नहीं रह रहे हैं, उस ज़माने में इतनी अजीब-अजीब चीजों पर टैक्स देना पड़ता था कि आपको जानकर भी ताज्जुब होगा. 

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1. खाना पकाने के तेल पर टैक्स

प्राचीन मिस्र में लोगों को खाना पकाने के तेल पर टैक्स देना पड़ता था. लोग टैक्स वाला तेल ही ख़रीद सकते थे. टैक्स लेने वाले घर-घर जाकर इस बात की तलाशी भी लेते थे कि कहीं कोई तेल का दोबारा इस्तेमाल या खाना पकाने के लिए दूसरे तेल का तो इस्तेमाल नहीं कर रहा.

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2. मूत्र पर टैक्स

प्राचीन रोम में मानव मूत्र की बहुत अधिक क़ीमत थी क्योंकि इसमें अमोनिया होता है. इसके चलते तब के लोग इसका इस्तेमाल कपड़े धोने और दांत साफ करने में इस्तेमाल करते थे. जो लोग पब्लिक टॉयलेट्स से पेशाब इकठ्ठा करते थे उन पर ये टैक्स लगाया गया.

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3. दाढ़ी पर टैक्स 

साल 1705 में रूस के राजा पीटर द ग्रेट ने दाढ़ी पर टैक्स लगा दिया. जिन लोगों को दाढ़ी रखनी होती थी वे टैक्स देते थे. उन्हें एक टोकन दिया जाता था. माना जाता है कि राजा का ऐसा करने के पीछे मकसद था कि लोग क्लीन-शेव ज़्यादा रहें जैसा उस समय पश्चिमी यूरोप में पुरुष रहते थे. ऐसा आज हो जाए तो आधे लड़कों की तो पूरी सेविंग टैक्स ही ले जाए.

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4. चीन के लोगों पर टैक्स 

1885 में कनाडा ने एक टैक्स निकाला जिसका नाम था ‘Chinese Head Tax’. इस टैक्स में कनाडा में चीनी प्रवासियों के प्रवेश पर कर लगाया था. 1923 में कुछ अपवादों के साथ चीनी प्रवासियों पर एकदम ही रोक लगा दी गयी.

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5. चिमनी पर टैक्स 

1660 में इंग्लैंड ने Fireplaces यानी चिमनियों पर टैक्स लगा दिया. टैक्स न चुकाना पड़े उसकी वजह से लोगों ने अपने घरों के फ़ायरप्लेसेस को ढकना शुरू कर दिया. याद रखिये कि ये 17वीं शताब्दी का इंग्लैंड था और तब भीषण ठण्ड पड़ती थी.1689 में ये टैक्स हटा लिया गया.

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6. खिड़की पर टैक्स

इंग्लैंड ने Fireplaces के बाद साल 1696 में खिड़की में टैक्स लगा दिया. जिन लोगों के घर में ज़्यादा खिड़कियां थीं उन्हें ज़्यादा टैक्स देना पड़ता था. इसके बाद लोगों ने अपने घरों की खिड़कियां बंद करनी शुरू कर दीं. जल्द ही ये स्वास्थ्य-सम्बन्धी समस्या बन गया और 1851 में इस टैक्स को हटा लिया गया. आप पूरे इंग्लैंड में आज भी ऐसे घर देख सकते हैं जिनकी खिड़कियां बंद कर दी गयी थीं.

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7. स्तन ढकने पर टैक्स

19वीं सदी में केरल के बड़े हिस्से में त्रावणकोर के राजा का शासन था. यहां निचली जातियों की महिलाएं अपने स्तन नहीं ढक सकती थीं. अगर वे ऐसा करते पायीं जातीं तो उन्हें ‘ब्रेस्ट टैक्स’ यानी ‘स्तन कर’ देना पड़ता था. यहीं पर नंगेली नाम की महिला थीं, जब उनसे स्तन ढकने के लिए कर मांगा गया तो नंगेली ने अपना स्तन ख़ुद काटकर उनके सामने रख दिया. ख़ून बहने से उनकी मौत हो गयी मगर ये टैक्स हटा लिया गया. 

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8. साबुन पर टैक्स

1712 में यूरोप की सरकार ने साबुन पर भारी टैक्स लगाया. यह टैक्स इतना ज़्यादा था कि साबुन बनाने वाले भी ब्लैक में साबुन बनाने लगे. अजीब बात तो ये है कि ये अजीब टैक्स 141 साल चला. साल 1835 में इस टैक्स को हटा लिया गया. 

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9.  ईंटों पर टैक्स 

इंग्लैंड ने काफी ज़्यादा अजीब-अजीब टैक्स लगाए हैं. साल 1700 के आसपास इंग्लैंड ने ईंटों पर टैक्स लगा दिया. इससे बचने के लिए ईंट बनाने वालों ने बड़े-बड़े ईंट बनाने शुरू कर दिए, जिससे ईंटों की संख्या कम हो गयी और उन्हें टैक्स कम देना पड़ता था. जब सरकार को ये बात पता चली तो उन्होंने बड़ी ईंटों पर ज़्यादा टैक्स लगाना शुरू कर दिया. साल 1850 में इस टैक्स को हटाया गया. इस सारे अजीब टैक्स से ये तो साबित होता है कि पहले इंग्लैंड सिर्फ़ दुनिया भर के लोगों को ही नहीं अपने भी नागरिकों को परेशान करके रखती थी.

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तो ये थे सबसे अलग तरह के टैक्स. आपको सबसे बेकार टैक्स कौन सा लगा हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं.