हमारे देश का इतिहास बहुत समृद्ध है. यहां के राजा-महाराजाओं ने ऐसे बहुत से नायाब महल और क़िले बनाए थे, जिनका आकार, स्थापत्य और बनावट आज के कला और विज्ञान को भी शर्मिंदा कर दें. ऐसा ही एक क़िला है नासिक में ‘हर्षगढ़ का क़िला’, जिसे लोग ‘हरिहर का क़िला’ भी कहते हैं. ये क़िला जिस ऊंचाई पर है और वहां तक पहुंचने का जो दुर्गम रास्ता है, उसे देखते हुए Mountaineer इसे दुनिया के सबसे ख़तरनाक Treks में गिनते हैं.
आज हम आपको बताएंगे इसी क़िले और Trek के बारे में और दिखाएंगे यहां की कुछ रोमांचक तस्वीरें.
1. ये ट्रेक शुरू होती है निर्गुनपाड़ा गांव से, जो त्रयम्बकेश्वर से 22 किलोमीटर और नासिक से 45 किलोमीटर दूर है.
2. ये क़िला एक पहाड़ पर स्थित है, जिसकी उंचाई समुद्रतल से 1120 मीटर है. ये पहाड़ नीचे से चौकोर दिखाई देता है मगर इसका आकार प्रिज़्म जैसा है.
3. ये पहाड़ दो तरफ़ से 90 डिग्री सीधा है और तीसरे तरफ़ से 75 डिग्री पर झुका है, इसलिए इस पहाड़ की चढ़ाई बहुत कठिन है.
4. इस पहाड़ पर चढ़ने के लिए लगभग एक मीटर चौड़ी, 117 सीढ़ियां हैं.
5. लगभग 50 सीढ़ियां चढ़ने के बाद यहां एक बड़ा दरवाज़ा आता है, जिसे मुख्यद्वार या महादरवाज़ा कहते हैं. पुराना होने के बावजूद ये दरवाज़ा अभी ज़्यादा ख़राब नहीं हुआ है.
6. इससे आगे की सीढ़ियां एक चट्टान से होकर गुज़रती हैं, जिन पर चढ़ते हुए आप मुख्य क़िले तक पहुंचते हैं. यहां भगवान शिव और हनुमान जी का मंदिर है.
7. इस मंदिर के पास ही एक छोटा तालाब है, जिसका पानी इतना साफ़ होता है कि इसे बिना Filter किए पिया जा सकता है.
8. इससे आगे बढ़ें तो दो कमरों का एक महल आता है. यहां 8-10 व्यक्तियों के रुकने की जगह है.
9. इन कमरों से आस-पास का ख़ूबसूरत नज़ारा और कई अन्य क़िले दिखाई देते हैं.
यहां से आप बासगढ़ क़िला, उतावड़ चोटी और ब्रह्मा हिल्स देख सकते हैं. इसके अलावा सामान्य मौसम में यहां से दक्षिण में कालासुबई रेंज, अवध-पट्टा और उत्तर में शैलबारी रेंज और सतमाला रेंज भी दिखाई देते हैं.
10. इस क़िले तक सबसे पहला Trek 1986 में मशहूर Mountaineer, Doug Scott ने किया थी.
अगर आपको भी ख़तरों से खेलने की आदत है या आप रोमांच के शौक़ीन हैं, तो आपको इस क़िले में एक बार ज़रूर जाना चाहिए. यहां के ट्रेक का अनुभव आपको ज़िन्दगी भर याद रहने वाला है.