खाने-पीने की चीज़ें जब विज्ञापनों में दिखाई पड़ती हैं, तो जीभ एकदम लपलपा के बाहर आ जाती है. इतना ग़ज़ब लुक कि आदमी बिल्कुल लबरा ही जाता है. मग़र वही चीज़ें जब असलियत में सामने आती हैं, तो पता चलता है कि भाई की भावनाओं के साथ खेल हो गया. मतलब, दूर के ढोल सुहावने तो भूल जाइए एकदम ही फटे मालूम पड़ते हैं. 

आप सोचते होंगे कि ऐसा क्यों होता है? तो इसका सीधा सा जवाब गुरू, जो दिखता है वही बिकता है. बस इसिलए विज्ञापनों में तमाम फ़ूड आइटम्स को दिखाते वक़्त जमकर कलाकारी पेली जाती है. आज हम इन्हीं कलाकारियों से पर्दा उठाने जा रहे हैं. 

1. सॉफ़्ट ड्रिंक्स में झाग दिखाने के लिए उसमें antacids मिलाई जाती हैं

विज्ञापनों में सॉफ़्ट ड्रिंक में बुलबुले ही बुलबुले नज़र आते हैं. क्योंकि उसमें antacids मिलाई जाती है. बाकी असल में जब ये सामने आती है तो सारी हवा फ़ुस्स हो जाती है. 

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2.  धुंआ खाने से नहीं बल्कि गर्मागर्म गीली रुई से निकलता है

अब ठंडा खाना तो कोई क्यों ही खाना चाहेगा. इसलिए खाने को मस्त गर्मागर्म दिखाने के लिए बड़ी ही चालाकी से उसके पीछे एक गीली रुई को जलाकर रखा जाता है. उसमें हौले-हौले भांप निकलती है, जिसे देखने से ऐसा लगता है कि ये खाने से निकल रही है. 

3. चमकदार फल-सब्ज़ियों के पीछे ड्योडोरेंट या हेयर स्प्रे होता है

विज्ञापनों में दिखने वाली फल-सब्ज़ियां इतनी ताज़ी दिखती हैं कि दुनिया के किसी बाज़ार मेें नहीं मिलेंगी. क्योंकि इनकी चमकान दरअसल, ड्योडोरेंट या फिर हेयर स्प्रे की बदौलत होती है. और आप हैं कि फालतू अपने सब्ज़ी वाले को गरियाते रहते हैं. 

4. आइस्क्रीम नहीं आलू देखते हैं आप

जी हां, विज्ञापनों में जो कोन के ऊपर जबर आइस्क्रीम लगी रहती है, वो वास्तव में आइस्क्रीम होती ही नहीं. वो तो आलू को मैश करके लगा दिया जाता है. इसके पीछे कारण ये है कि शूट के दौरान आइस्क्रीम पिघलने लगेगी, मग़र आलू नहीं.

5. बन की चमकान के पीछे होती है जूतों की पॉलिश

बन की चमकान के पीछे और कुछ नहीं, जूतों की पॉलिश है. तब ही तो हकीकत में जब बन लेते हैं, तो एकदम रूखा-रूखा दिखाई देता है.

6. टेढ़ी-मेढ़ी प्लेट घुमा लो फिर भी खाना हिलता नहीं, क्यों?

इसके पीछे क्ले का कमाल होता है. इसी की मदद से फ़ोटोग्राफ़र प्लेट को किसी भी एंगल में रख लेते हैं, और फिर एक शानदार फ़ोटो आपके सामने आ जाती है. 

7. Cereal Bowl में दूध नहीं ग्लू होता है

अब दूध में कुछ डालोगे तो मामला छलका-छलका नज़र आएगा. कुछ डूबा कुछ ऊपर तैरता. मग़र ग्लू में सब बेहतरीन तरीके से ऊपर ही चिपका दिखाई देगा. इसलिए विज्ञापनों में दूध की जगह ग्लू इस्तेमाल होता है. 

8. आइस नहीं प्लास्टिब क्यूब होते हैं

विज्ञापनों में नज़र आने वाले आइस क्यूब ऐसे लगते हैं, मानो एक-एक टुकड़ा जैसे तराशा गया हो. जैसे क्या, हकीकत ही ये है. दरअसल, ये प्लास्टिक के क्यूब होते हैं, जिन्हें बड़े प्यार से तराश कर आइस क्यूब का रूप दिया जाता है. क्योंकि प्लास्टिक के क्यूब यू हीं पिघलते नहीं.

9. चिकन के अंदर भरा होता है कागज़

एकदम भरा-पूरा दिखने वाले रोस्ट चिकन के अंदर दरअसल, कागजी तौलिए भरे जाते हैं. साथ ही, इसे पूरी तरह पकाया भी नहीं जाता, ताकि ये ज़्यादा फूला और जूसी लगे. यही वजह है कि जब आप घर पर या दुकानों पर इसे बनते देखते हैं तो ये उतना शानदार नज़र नहीं आता. 

10. टेस्टी पैन केक चाहिए तो थोड़ा motor oil मिला दें

वाक़ई में. विज्ञापन वालों को हम कोहनियां तक जोड़कर प्रणाम कर लेते हैं. क्योंकि जिसे हम मेपल सिरप या शहद समझते थे, वो दरअसल, motor oil होता है.

11. बन के ऊपर ये तिल के बीच इतने परफ़ेक्ट कैसे लगते हैं?

जब आप कायदे से मेहनत करके इन्हें प्यार से सजाएंगे तो फिर परफ़ेक्ट तो लगने ही हैं. 

12. ग्रिल्ड चिकन को परफ़ेक्ट लुक जूते की पॉलिश से मिलता है

जी हां, जूते की पॉलिश ही ग्रिल्ड चिकन के चमकदार लुक का राज़ है. 

13. ये भरा-पूरा बर्गर सिर्फ़ विज्ञापनों में ही क्यों दिखता है?

अब अंदर भरी मटन या चिकन पैटी को एक तरफ़ से ही पकाएं और चीज़ को हलका से पिघलाकर सबसे बेस्ट एंगल से फ़ोटो खीचिएगा, तो कुछ ऐसा ही बर्गर देखने को मिल जाएगा. हालांकि, इसे बस देख ही सकते हैं. 

14. स्ट्रॉबेरी की लाली के पीछे लिपस्टिक होती है

बढ़िया लाल-लाल दिखने वाली स्ट्रॉबेरी का रंग लिपस्टिक की मदद से आता है.

15. केक की ख़ूबसूरती के पीछे होता है कार्डबोर्ड

स्वादिष्ट सा दिखने वाले केक के बीच में कार्डबोर्ड होता है. इसे टूथपिक की मदद से होल्ड किया जाता है. इससे ब्रेड इधर-उधर नहीं भागती और एक शानदार फ़ोटो भी आ जाती है.

तैयारी के दौरान-

फ़ाइनल रिज़ल्ट- 

इसलिए कहते हैं हर आंखों देखी चीज़ सही नहीं होती.