अगर कोई आगरा घूमने का प्लान बनाये, तो भला फ़तेहपुर सीकरी जाना कैसे भूल सकता है. कई लोग फ़तेहपुर सीकरी को छोटा शाही शहर भी बुलाते हैं, जिसमें पूरे मुग़ल साम्राज्य की सभ्यता और संस्कृति की झलक है. वैसे जिन्हें नहीं पता है उन्हें बता दें कि आगरा और फ़तेहपुर सीकरी के बीच लगभग 40 किमी की दूरी है, जिसे तय करके आप कई ख़ूबसूरत चीज़ें देख सकते हैं.
वैसे फ़तेहपुर सीकरी जब घूमना तब घूमना, लेकिन उससे पहले इस शाही क़िले के बारे में कुछ तथ्य जानना ज़रूरी है, ताकि जब कभी वहां जाना हो, उसे घूमने में और आनंद आये.
चलिए ‘फ़तेहपुर सिकरी’ से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं-
1. 16वीं शताब्दी के मध्य में मुग़ल सम्राट अक़बर ने फ़तेहपुर सीकरी की स्थापना की थी. 1571 के दौरान इसे अक़बर द्वारा मुगल साम्राज्य की राजधानी के रूप में विकसित किया गया था.
2. फ़तेहपुर सीकरी में तलाब के बीच एक मंच बना हुआ है, जिसका इस्तेमाल सिंगिंग प्रतियोगिता के लिये किया जाता था.
3. कहते हैं कि 1601 में मिली जीत के बाद अक़बर ने बुलंद दरवाज़े का निर्माण कराया था, जो कि उनके खुले धार्मिक विचारों को भी दर्शाता है.
4. फ़तेहपुर सीकरी एक अरबी नाम है. इसमें ‘फ़तेह’ का मतलब ‘विजय’ है और ‘सीकरी’ का अर्थ है ‘ईश्वर का धन्यवाद’.
5. अक़बर काफ़ी लंबे समय तक निर्दयी थे, उन्हें बदलने का श्रेय सूफ़ी संत सलीम चिश्ती को जाता है. अक़बर एक बार बच्चे के लिये आशीर्वाद लेने सीकरी सूफ़ी संत सलीम चिश्ती के पहुंचे. संत ने उन्हें दो वर्ष के अंदर बच्चा होने का आशीर्वाद दिया, उनकी भविष्यवाणी एकदम सही साबित हुई और अक़बर को ठीक दो साल बाद बेटे के रूप में जहांगीर की प्राप्ति हुई. इसके बाद अक़बर ने सलीम चिश्ती के सम्मान में फ़तेहपुर सीकरी का निर्माण कराया.
6. बुलंद दरवाज़ा दुनिया का सबसे ऊंचा प्रवेश द्वार है.
7. फ़तेहपुर सीकरी को अक़बर के सपनों का नगर भी कहा जाता है, जिसकी योजना तैयार करने में उन्हें 15 साल लगे थे.
8. दीवान-ए-आम का निर्माण सम्राट अक़बर ने आम जनता की परेशानियां सुनने के लिये कराया था. यहां बैठ कर वो लोगों की परेशानी सुनते और फिर उसका हल निकालते.
फ़तेहपुर सीकरी के बारे में ये सच जानकर कैसा लगा हमें कमेंट में बताना और साथ ही ये भी बताना कि अगली बार हम कौन से Facts लेकर हाज़िर हों.