पिछले साल पूरी दुनिया में कोरोना वायरस घूम रहा था, लेकिन इस साल हम अपने घूमने की उम्मीद लगा सकते हैं. काहे कि 2020 निपट लिया और हम 2021 के हो लिए हैं. वैक्सीन दरवाज़े पर है और हम भी आस्तीन खींचे सुई लगवाने की फ़िराक़ में हैं. 

ऐसे में जो लोग कहां जाएं के फेर में हैं, वो ज़्यादा माथा-पच्ची किए बिना कश्मीर निकल सकते हैं. जगह चौकस है, ये बताने की ज़रूरत नहीं. लेकिन कश्मीर में कहां जाएं, ये जान लो तो घुमक्कड़ी करने में ज़्यादा मौज आएगी. 

तो भइया कश्मीर में कहीं जाओ न जाओ पर ‘अहरबाल झरना’ जाना मत भूलना. बहुत जबर जगह है. चारों तरफ़ ख़ूबसूरत हरी-भरी सीनरी से घिरा कलकल कर बहता ये झरना 2020 का सारा दुख-दर्द ख़त्म कर देगा. यहां एडवेंचर का शौक़ रखने वाले भी बवाल काट सकते हैं. अहरबाल में झरने के अलावा ट्रैकिंग, फ़िशिंग, घुड़सवारी वगैरह का भी मज़ा ले सकते हैं. 

कश्मीर के ‘नियाग्रा फ़ॉल्स’ के नाम से फ़ेमस है

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अहरबाल झरने को कश्मीर के ‘नियाग्रा फ़ॉल्स’ के रूप में भी जाना जाता है. ये जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के नूराबाद एरिया में पड़ता है और झेलम की सहायक विशभ नदी पर स्थित है.

घने पाइन और देवदार के पेड़ों से घिरी घाटी के बीच 24.4 मीटर की ऊंचाई से गिरते झरने का नज़ारा आपको ताउम्र याद रहेगा. भले ही ये ऊंचाई आपको बहुत ज़्यादा न लगे, लेकिन जब ये झरना नीचे चट्टानों से टकराता है, तो इसकी आवाज़ दूर तक सुनी जा सकती है. यहां का प्राकृतिक सौंदर्य आपका दिल जीत लेगा. 

यही वजह है कि कश्मीर के पहाड़ और घाटियों की तरह अहरबाल झरना भी बेहद फ़ेमस हैं. लोकल टूरिस्ट के साथ ही दूर-दूर से आए पर्यटक भी यहां घूमने पहुंचते हैं. 

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कैसे पहुंचें यहां

श्रीनगर से अहरबाल झरने की दूसरी क़रीब 70 किमी हो, तो यहां आसानी से पहुंचा सकता है. शोपिया से यहां कार या बस से पहुंचने में क़रीब 2 घंटे लगेंगे. बाकी कुलगाम होते हुए भी अहरबाल पहुंचने का ऑप्शन है. 

Source: Curlytales