टीवी पर अक्सर आपने विज्ञापनों में देखा होगा कि फ़लां प्रोडक्ट 99.9 प्रतिशत कीटाणुओ को मार गिराता है. अगर आप भी किसी ऐसे ही साबुन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको सतर्क हो जाने की ज़रुरत है. लगभग 200 से ज़्यादा वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के द्वारा एक बयान पर हस्ताक्षर किए गए हैं जिसके अनुसार इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि ये Anti-microbials वाकई बीमारियों से बचाने में कारगर हैं. बल्कि ये संभव है कि ये आपकी सेहत को नुकसान ही पहुंचाते हों.

US के Food and Drug Administration ने 19 Anti-microbials पर बैन लगा दिया है. इसमें Triclosan और Triclocarban भी शामिल हैं. इन दोनों केमिकल्स का रोज़मर्रा के इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स में खूब इस्तेमाल होता है. साबुन में हाईजीन प्रोडक्ट की तरह इस्तेमाल होने के अलावा ये पेन्ट, चटाई, टूथ पेस्ट, Flooring, कपड़े, किचेन के कंटेनर और बर्तनों में भी इन केमिकल्स का इस्तेमाल होता है.

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सैन फ्रांसिस्को की प्रोफ़ेसर बारबरा सेटलर ने कहा कि लोगों को लगता है कि Anti-microbials वाले साबुन बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं, जबकि हकीकत ये है कि ये साबुन भी साधारण साबुन की तरह ही काम करते हैं.

हालांकि, कुछ प्रोडक्ट्स जैसे, पेन्ट, दरवाज़े का हैन्डल, बिजली के स्विच में इसका इस्तेमाल अच्छा होता है, लेकिन ये साफ़ है कि इन साबुनों के हाइजीन बढ़ाने के दावे गलत हैं.

कीटाणुओं को खत्म कर देने का दावा तो बेबुनियाद है ही, साथ ही इसके कुछ नुकसान भी हैं. इनसे फ़ूड एलर्जी और दमा जैसी बीमारियों का खतरा हो सकता है. इससे गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को भी नुकसान पहुंचने का खतरा होता है.

गौरतलब है कि इस बयान में कुछ केमिकल्स के इस्तेमाल के लिए नए नियमों का सुझाव भी दिया गया है. इस सुझाव के तहत जब तक Triclosan, Triclocarban या दूसरे Anti-microbial केमिकल के फ़ायदों की पुष्टि नहीं हो जाती, इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए और इनके सुरक्षित विकल्प ढूंढने चाहिए. किसी भी Anti-microbial के इस्तेमाल से पहले उसके स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ने वाले दूरगामी परिणामों के बारे में जान लेना चाहिए.

वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन केमिकल्स का Non-Medical इस्तेमाल कम से कम होना चाहिए साथ ही आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि लोकल केमिस्ट आपको इनके विकल्प के तौर पर इससे भी ज़्यादा हानिकारक केमिकल न थमा दें. 

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