लोग ख़ूबसूरत होने के लिए क्या-क्या नहीं करते. खाना-पीन छोड़ देते हैं, दिन-रात डाइटिंग पर रहते हैं. स्टीम-स्पा का सहारा लेते हैं, ब्लीचिंग का सहारा लेते हैं. और ऐसा नहीं है कि वे इतने पर ही मान जाते हैं. कुछ ऐसे भी सिरफिरे लोग होते हैं जो ख़ूबसूरत होने के चक्कर में प्लास्टिक सर्जरी तक का सहारा लेते हैं. अब मुझे ये तो पता नहीं कि वे इससे कितना ख़ूबसूरत और कितना बदसूरत हो पाते हैं, मगर मैं उनसे न इत्तिफाक़ रखता हूं और न सहानुभूति. तो हम आप सभी के सामने पेश कर रहे हैं देश-दुनिया के ऐसे ही अजीबो-गरीब फैशन एक्सपेरिमेंट्स जो इस दुनिया में नहीं होते तो ही भला होता…
1. चिड़िया की बीट से फेशियल
गाइशा के नाम से प्रचलित यह फेशियल आदि-अनादि काल का है जिसे हाल में काफी प्रसिद्धि मिल रही है. लोगों का कहना है कि इससे चेहरे पर अभूतपूर्व ग्लो आती है. जापान में प्रचलित और विकसित इस फेशियल के लिए लोग 180 डॉलर तक की धनराशि खर्च करते हैं. अब ऐसे लोगों के लिए मैं तो कुछ नहीं कहना चाहता.
2. फ्रेश सांसों के लिए कोयले का इस्तेमाल करना
ताज़ी और ज़िंदादिल सांस के लिए हमने कई तरह के प्रचार देखे हैं. क्या आपके टूथपेस्ट में नमक है? सुबह बबूल की तो दिन तुम्हारा. और न जाने क्या-क्या. मगर लोगों की कल्पना और एक्सपेरिमेंट की कोई सीमा नहीं है. आज भी गांवों और अलग-अलग कस्बाई इलाकों में लोग गुल और तम्बाकू से दांत चमकाते नज़र आते हैं. मगर यहां तो हद ही हो गई. पुरातन काल में रोमवासी कोयले से दांत चमकाने और सांसों को तरोताज़ा रखने में विश्वास रखते थे. अब बाद बाकी तो रोमन ही जानें…
3. सिर पर बाल उगवाने के लिए स्पेन की जहरीली मक्खी से कटवाना और जोंक से ख़ून चुसवाना
अगर किसी भी इंसान को किसी एक चीज़ से सबसे अधिक मोहब्बत होती है तो वह एक चीज़ इंसान के बाल हो सकते हैं.झड़ गए बालों को वापस लाने के लिए इंसान क्या-क्या नहीं करता? और इसी सिलसिले में बात आती है स्पेन की जहां लोग उनके झड़ते बालों को रोकने के लिए जहरीली मक्खियों का दंश झेलते हैं. और भारत में लोग उनके झड़ते बालों को वापस लाने के लिए जोकों से सिर का ख़ून चुसवाते हैं. उनका ऐसा मानना है कि जोंक सिर से गंदा ख़ून चूस लेते हैं. और उसके बाद वहां फिर से बाल आने लगते हैं. अब इसमें कितनी सच्चाई है ये तो वही जानें.
4. चेहरे को बेदाग और चमकदार बनाने के लिए भ्रम में डालने वाली दवा
अब दुनिया में शायद ही कोई ऐसा इंसान हो जिसे बढ़िया चेहरा और उससे भी बढ़कर बेदाग चेहरे की लालसा न हो. किशोरावस्था में कील और मुंहासे की दिक्कत से निजात पाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं अपना लेते हैं. कोई नींबू-टमाटर रगड़ रहा होता है तो कोई स्क्रब लगवा रहा होता है. यह कुछ-कुछ इस तरह की दवाईयां हैं कि इसे खाने के बाद लोगों को कोई होश नहीं रह जाता. अब ये तो खाने वाले ही जानें, मगर आप इसे भूल कर भी ट्राइ मत कीजिएगा.
5. स्किन ब्लीचिंग
जो सांवला है उसे गोरा होना है, जो गोरा है उसे और टैन होना है. लोग जहां के हैं वहां से अलग दिखना चाहते हैं. कोई नहीं है जो संतुष्ट हो. लोग ब्लीचिंग में उनके चमड़े को जलाने की हद तक प्रेशर में रखते हैं. अरे भैया अब जैसा प्रकृति ने बना दिया है उसे लेकर थोड़ा संयन काहे नहीं रखते. आख़िर दुनिया में हर कोई ख़ूबसूरत ही तो है गर ख़ुद की दूसरों से तुलना न करे तो!
6. ब्रोमिन से ओठों को रंगना
कहते हैं कि दुनिया में सबसे पहले स्त्री ने जो मेकअप शुरू किया था वह उसके ओठों को रंगना था. और इसके लिए वह तरह-तरह के फूलों और अनार के दानों तक का सहारा लिया करतीं थीं. ब्रोमिन जो कि सामान्य तापमान पर लाल रंग का होता है. बहुतों द्वारा लिपस्टिक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. मगर इसके लगातार इस्तेमाल पर ओठ जल भी सकते हैं, मगर इस सब के बावजूद लोग इनका इस्तेमाल करने से बाज नहीं आते.
7. मछलियों से ख़ुद को कटवाना
हालांकि आज इसका जो स्वरूप देखने को मिलता है वो थोड़ा सा परिमार्जित हो चुका है. लोग उनके पैर के डेड स्किन्स को हटाने के लिए पानी में पैर डाल कर बैठ जाते हैं और मछलियां उनके पैर के डेड स्किन्स को खा जाती हैं. अब यह काम कई स्पा करने वालों ने शुरू कर दिया है और वे इसके एवज में अच्छी ख़ासी रकम वसूलते हैं. अब हमें तो पता नहीं कि ये लोग कैसी-कैसी सनक रखते हैं.
8. लेड नामक केमिकल के सहारे महिलाओं की छातियों में उभार लाना
अब ये तो हद ही हो गई है. महिलाएं ख़ूबसूरत दिखने के लिए लेड नामक केमिकल के इंजेक्शन्स और दवाईयां तक ले रही हैं. जो उनके शरीर के लिए काफ़ी नुकसानदेह भी हो सकता है, मगर इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. जहां पहले के जमाने में लोग तेल मालिश जैसे उपचारों में यकीन रखते थे वहीं आज न जाने कौन-कौन से उल-जलूल केमिकल्स का सहारा ले रहे हैं.
9. धारियों से छुटकारे के लिए ब्लेड और सिजर का सहारा लेना
लोगों में उम्र के बदलाव होने के साथ-साथ कई तरह के शारीरिक बदलाव भी देखने में आते हैं. लोगों का वजन उम्र के साथ घटता-बढ़ता है और इसके साथ ही कई लोगों के शरीरों पर देखी जाती हैं धारियां. जो वजन के घटने-बढ़ने का परिणाम होती हैं. तो वहीं इस प्रकार के कई बदलाव लोगों को रास नहीं आते और इससे छुटकारा पाने के लिए लोग ऑपरेशन टेबल तक पहुंचने में नहीं हिचकिचाते.
ये तो रही इन सिरफिरों की बात, मगर आप इनसे बच कर रहिएगा. कहीं ऐसा न हो कि आप भी इसी भंवरजाल में फंस जाएं…