बचपन सच में जादुई था. बीते कल की छोटी-छोटी बातें आज भी हमारे चेहरे पर मुस्कान दे जाती हैं. हमारे दौर में एंटरटेनमेंट के लिये डिजिटल साधन नहीं थे. पर भी हम ख़ूब मस्ती करते थे. मतलब यार… बचपन में क्या कुछ नहीं किया है हमने. कभी गुड़िया के बाल काटना, कभी उसकी शादी रचाना. कभी स्कूल से आते वक़्त पड़ोसियों के गेट पर लगी घंटी बजाना कर भागना.

आज के समय में हम जब भी उन दिनों के बारे में सोचते हैं, तो यकीन नहीं होता कि हम ऐसा कुछ कर सकते हैं. बचपन को याद कर रहे थे, तो सोचा क्यों न एक बार फिर से उन पलों को जिया जाये. चलिये आप भी हमारे साथ इन ख़ूबसूरत पलों के साथ बन जाइये

1. पेंसिल से रबर पर छेद करना भी मस्त टाइम पास था. 

quoracdn

2. नॉली में गई बॉल को चार टप्पे मार कर बाहर निकाल लेते थे. 

wp

3. कौन-कौन पेंसिल को इस हालत में लाकर छोड़ कर देता था?

quoracdn

4. ये भी एक बड़ा चैलेंज होता था. 

funjokesjoy

5. दीपावली में असली मज़ा, तो इससे चुट-पुट करने में आता था. 

modernkabootar

6. इससे उंगली में बहुत चोट मारी है. 

blogspot

7. आज ज़रा सी बात पर हल्ला मचा देते हैं, लेकिन तब कितने धैर्य के साथ फ़ोन का तार सुलझाते थे. 

dailymoss

8. ओह… बस इसी काम से बहुत डरते थे. 

quoracdn

9. ये मूमेंट भी काफ़ी मज़ेदार था. 

dailymoss

10. तस्वीर का मतलब सिर्फ़ 90s Kids ही समझ सकते हैं.  

brightside

11. Slap bracelets साथ भी एक Toxic रिश्ता रहा है.  

quoracdn

12. क्या आपने ऐसा Bandage यूज़ किया है 

quoracdn

13. हमारे टाइम यही कला थी. 

quoracdn

14. जिसने पेंसिल छिलने के बाद उसके छिक्कल को टेस्ट नहीं किया, उसके क्या बचपन जिया यार!

quoracdn

15. ये हुनर सब में नहीं होता था. 

quoracdn

16. सही निशाना लगाने के बाद अलग ही Confidence आ जाता था. 

pinimg

17. इस स्केल से ख़ूब खेल है. 

quoracdn

18. क्या तुम ये कर सकते हो. 

888

19. बैटिंग ऑर्डर. 

pinimg

20. अब तो खींचा-तानी सिर्फ़ रिश्तों में रह गई है. 

edtimes

सच बताना बचपन में खो गये हो न!