प्रकृति के सौंदर्य के आगे सब रंग फीके पड़ जाते हैं. वास्विकता में सुंदरता की परिभाषा क़ायनात से शुरू हो कर क़ायनात पर ही ख़त्म हो जाती है. फ़ारसी साहित्य और प्रेम की इबारतों को अपनी कलम से दर्ज करने वाले जलालुद्दीन रूमी ने सही ही कहा है, “ मैं तुम्हें सही और ग़लत से परे एक दूसरी दुनिया में मिलूगां”. यहां रूमी ने दूसरी दुनिया, क़ायनात की गोद को कहा है, जिसमें सारे का सारा सौंदर्य, सारा प्रकाश और सभी आकांक्षाएं शामिल हो जाती हैं.
धरती पर ऐसी बहुत सी जगहें हैं जहां आप आबादी देख सकते हैं, लेकिन कई ऐसी जगहें भी हैं जहां मानव सिर्फ़ अहसासों को महसूस करने के लिए जाता है. जहां वो ख़ुद के वजूद को भूल कर बस जीना चाहता है.
Tiina Tormanen फिनलैंड की एक फ़ोटोग्राफ़र हैं. इन्होंने अपने कैमरे से आर्कटिक महासागर के साथ-साथ बर्फ़ से ढकी हुई कुछ ख़ूबसूरत जगहों की ऐसी तस्वीरें कैद की, जो सच में जन्नत-सा अहसास महसूस करवाती हैं.
1. आसमां की छांव तले कुछ दरख़्त इंतज़ार में खड़े हैं
2. श्वेत दुनिया के भी हैं रंगबिरंगे चेहरे…
3. एक क्षितिज पर मिलेंगे ज़मीन और आसमां
4. ओस की बूंदें शायद तारों पर बसती हैं
5. यहां पहले फ़रिश्ते बंदगी किया करते थे
6. एक अंतहीन छोर पर कोई राही इंतज़ार कर रहा है
7. कदम कभी-कभी अहसासहीन हो जाते हैं…
8. सितारों में भी होता है दीवानापन
9. राही की राहों पर अनुभव बिखरे पड़े हैं…
10. ताप जड़ों में बसता है, बर्फ़ ऊपरी परतों पर लेटी रहती है
11. आसमां को ये किसने गुलाल लगाया
12. आख़िर हो ही गया पत्तों का रंग ज़र्द (पीलापन)
13. सागर के फलसफ़े अकसर बहता पानी बयां कर देता है
गौरतलब है कि इन्होंने ये सारी तस्वीरें अकेले ही कैमरे में कैद की हैं. ये सब एक तकनीक के कारण संभव हो पाया है. अगर आप भी प्रकृति के नज़ारों को महसूस करना चाहते हैं तो सोचें नहीं, बस निकल पड़ें… मंजिल अपने आप मिल जायेगी. आर्टिकल को शेयर करना न भूलें.