Birthday Special Manmohan Singh: देश में कई ऐसे मौक़े आये हैं जब लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को याद किया है. पूर्व प्रधानमंत्री देश के सफ़ल प्रधानमंत्रियों में से एक हैं. जिनके कार्यकाल में देश ने काफ़ी तरक्की भी की है. आज उनकी ग़ैरमौजूदगी में कई बार ऐसा लगता है कि अगर वो सत्ता में होते, तो शायद राजनीति का नज़ारा अलग होता.

मनमोहन सिंह न सिर्फ़ एक अच्छे नेता है, बल्कि एक सुलझे हुए इंसान भी हैं. इसलिये आज के युवाओं को उनसे बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है. अगर कोई बंदा पूर्व पीएम की कुछ ख़ास क्वालिटी सीख लें, तो दावा है कि वो बहुत आगे निकल जाएगा. 

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1. ईमानदारी 

मनमोहन सिंह जी के जीवन से सबसे पहली क्वालिटी तो हमें यही सीखनी चाहिये. एक ओर जहां राजनीति में हर दिन नेता लोग एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाते हैं. वहीं पूर्व पीएम सदियों से क्रांगेस के साथ जुड़े हुए हैं. वो क्रांगेस के अच्छे दिनों में उनके साथ थे और अब बुरे दिनों में भी हैं. मनमोहन सिंह हमेशा से पार्टी के प्रति वफ़ादार रहे हैं. आज के दौर में ये ख़ासियत हर किसी में देखने को नहीं मिलती.

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2. शिक्षा  

कहते हैं कि एक पढ़े-लिखे और न पढ़े लिखे इंसान में बहुत फ़र्फ़ होता है. पंजाब यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने के बाद वो कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये. जहां से उन्होंने पीएच. डी. की. इसके बाद ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. भी किया. ये उनकी पढ़ाई-लिखाई का ही नतीजा है, जो उन्हें एक बेहतरीन अर्शशास्त्री भी माना जाता है.  

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3. आलोचना सहने की क्षमता 

कई बार हम अपनी आलोचना सह नहीं पाते और इसी चक्कर में कई बार हम ग़लत क़दम भी उठा लेते हैं. पर पूर्व प्रधानमंत्री के अंदर ये बुरी आदत नहीं है. अगर वो अपनी प्रशंसा सुनना जानते हैं, तो आलोचना भी सहते हैं. आये दिन उन्हें लेकर मीडिया में अंट-शंट बातें कही जाती हैं, लेकिन उन्होंने कभी पलट कर उन पर रिएक्शन नहीं दिया. 

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4. धैर्य  

आज भी अगर लोग पूर्व पीएम को इतना सम्मान देते हैं, तो उसकी वजह उनका धैर्य है. देश की राजनीति में रोज़ाना कई तरह की उथल-पुथल होती रहती है, लेकिन उन्होंने हमेशा अपना धैर्य बनाये रखा. कई मामलों में बात कोर्ट तक पहुंची, पर फिर भी उन्होंने हिम्मत से काम लिया.

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5. शांत रह कर काम करना 

दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं. पहले वो जिन्हें चिल्ला-चिल्ला कर अपना काम जतना पड़ता है. दूसरे वो जिनका काम बिना बोले दिख जाता है. हमारे पूर्व पीएम भी कुछ ऐसे हैं. गंदी राजनीति के शोर के बीच भी उन्होंने हमेशा शांत रहकर अपना काम किया, जिसके लिये आज दुनिया उन्हें याद करती रहती है. 

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6. हर भूमिका के लिये तैयार रहना  

मनमोहन इतने क़ाबिल और पढ़े-लिखे नेता हैं कि समय-समय पर उनकी भूमिकाओं में बदलाव किया गया. पहले वो रिज़र्व बैंक के गर्वनर थे. इसके बाद देश के वित्त मंत्री बने. फिर उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनने का मौक़ा मिला. गर्वनर से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक उन्होंने हर चुनौती को स्वीकारा और अपने हर किरदार को बाखू़बी निभाया.

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7. संयमित रहना  

कहते हैं जिस इंसान का ख़ुद पर नियंत्रण होता है. वो ज़िंदगी की कोई भी जंग जीत सकता है. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह इस बात को बख़ूबी समझते हैं. इसलिये वो ख़ुद को इतना संयमित रखते हैं कि उन पर निगेटिव चीज़ों का असर नहीं होता है. इसलिये उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान न तो कभी भड़काऊ भाषण दिया और न कोई आपत्तिजनक बयान दिया.

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8. समझ का उपयोग 

एक अच्छा नेता वही होता है जो कठिन हालातों में अपनी समझ का उपयोग करे. हाल ही में मनमोहन सिंह जी ने पीएम मोदी को ख़त लिख कर 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिये ख़त लिखा था. इसके बाद सरकार ने एक मई से 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाने की घोषणा कर दी. पूर्व पीएम विपक्षी नेता हैं, इसके बावजूद उन्होंने देश हित के लिये ख़त लिखा, जो वाकई क़ाबिले-ए-तारीफ़ है.  

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9. इंसानियत 

मनमोहन सिंह के लिये राजनीति जितनी महत्वपूर्ण है, उतनी ही महत्वपूर्ण इंसानियत भी है. अगर आपको निर्भया केस याद है, तो ये भी याद होगा कि उन्होंने निर्भया को इलाज के लिये सिंगापुर भिजवाया था. अफ़सोस सरकार और डॉक्टर्स की लाख़ कोशिश के बावजूद वो नहीं बच पाई. वहीं जब निर्भया का शव एयरपोर्ट आया, तो वो मृतिका के माता-पिता का दुःख बांटने के लिए वो खुद वहां मौजूद थे.

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10. चिल्लाकर बात करने से आप सही नहीं हो जाते

एक ओर जहां कई नेता चिल्ला-चिल्ला कर अपनी बातें सच साबित करना चाहते हैं. वहीं मनमोहन हमेशा शांति से जनता के सामने अपनी बात रखते आये हैं. अच्छी बात है कि समझदार लोग उनकी बातों को सुनते भी हैं और समझते भी हैं. इसलिये हमेशा चिल्ला-चिल्ला कर बोलने से बात सच नहीं हो जाती.

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आज कल के युवा छोटी-छोटी चीज़ों से प्रभावित होते हैं. इसके बाद परेशान होते हैं, निराश होते हैं और फिर ख़ुद को दोष देते हैं. इसलिये बहुत ज़रूरी है कि हम सफ़ल लोगों की ज़िंदगी से कुछ बातें अपना कर आगे बढ़ें.