11 मिनट लंबी इस उड़ान में जेफ बेजोस के साथ उनके भाई और उद्योगपति मार्क बेजोस, पूर्व पायलट 80 वर्ष से ऊपर की वॉली फंक और एक किशोर होगा. 60 फुट ऊंचा न्यू शेपर्ड एक पूरी तरह स्वचालित रॉकेट विमान है जिसे भीतर से नहीं चलाया जा सकता. इसलिए चालक दल में सारे नागरिक हैं और ब्लू ओरिजिन का कोई कर्मचारी या अंतरिक्ष यात्री इसमें सवार नहीं होगा.
तस्वीरों मेंः ऐसा है ब्रम्हांड
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1. ह्यूस्टन, एक समस्या है
हबल अंतरिक्ष दूरबीन 13 जून 2021 से तस्वीरें वापस भेज नहीं पाई है. कंप्यूटर की मेमरी में आई एक खराबी की वजह से वो लगभग एक हफ्ते से ठप्प पड़ी है. बैकअप मेमरी का इस्तेमाल करने की कोशिशें अभी तक नाकामयाब रही हैं और दूरबीन को “सेफ मोड” में डाल दिया गया है. तीन दशकों से भी ज्यादा से हबल दूर स्थित सितारों और तारों के समूहों की दिलचस्प तस्वीरें भेज रही है.

2. जहां बनते हैं सितारे
ये हबल की बेहतरीन तस्वीरों में से एक है. इसमें विशालकाय नेब्युला एनजीसी 2014 और उसकी पड़ोसी नेब्युला एनजीसी 2020 को देखा जा सकता है, जो पृथ्वी की आकाशगंगा से दूर एक ऐसे बड़े इलाके का हिस्सा हैं जहां सितारे बनते हैं. ये इलाका आकाशगंगा से लगभग 1,63,000 प्रकाश वर्ष दूर है.

3. ‘स्टार वॉर्स’ से भी बेहतर
2015 में जैसे ही सिनेमाघरों में ‘स्टार वॉर्स’ की नई फिल्म लगी, हबल ने एक अंतरिक्षीय लाइटसेबर की यह तस्वीर ली. ये पृथ्वी से करीब 1,300 प्रकाश वर्ष दूर है. यह एक स्टार सिस्टम के जन्म की तस्वीर है, जिसमें एक नवजात सितारे से निकली दो अंतरिक्षीय किरणें और तारों के बीच की थोड़ी धूल है.

4. आकाश पर नजर
1990 से हबल दूरबीन 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर 27,000 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा तेज रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रही है. हबल 11 मीटर लंबी है और 11 टन वजनी है, मतलब ये लगभग एक स्कूल बस के आकार की है.

5. दूरबीन को लगा चश्मा
हबल की सबसे पहली तस्वीरें बेहद बेकार थीं, क्योंकि उसके मुख्य शीशे को लगाने में कुछ गड़बड़ी हो गई थी. 1993 में स्पेस शटल एंडेवर विशेषज्ञों को हबल पर ले गई और उन्होंने दूरबीन को एक तरह के खास चश्मे लगाए. बीते सालों में हबल को पांच अपडेट दिए गए हैं, जिनमें से आखिरी 2009 में दिया गया था.

6. अंतरिक्ष में किंडरगार्टन
हबल ने ये असाधारण तस्वीर दिसंबर 2009 में ली थी. नीले बिंदु युवा सितारे हैं, यानी जिनकी उम्र बस कुछ लाख साल है. सितारों का यह किंडरगार्टन आकाशगंगा के पास ही स्थित लार्ज मैगेलैनिक क्लाउड नाम की दूसरी आकाशगंगा में है.

7. क्या वो एक तितली है?
हबल की इस तस्वीर में जो दिख रहा है वो क्या है ये कोई नहीं जानता. ये इस दूरबीन द्वारा ली गई 30,000 तस्वीरों में से एक है.

8. हबल के जनक
हबल दूरबीन का नाम अमेरिकी खगोलशास्त्री एडविन पोवेल हबल के नाम पर रखा गया था. ब्रह्मांड का लगातार विस्तार हो रहा है, हबल ये पता लगाने वाले पहले व्यक्ति थे.

9. हबल की उत्तराधिकारी
हबल की कक्षा या ऑर्बिट लगातार छोटी हो रही है और ऐसी संभावना है कि दूरबीन 2024 में पृथ्वी की वायुमंडल में वापस आ कर जल जाए. लेकिन इसकी उत्तराधिकारी पहले से ही तैयार है. इसका नाम है जेम्स वेब्ब और इसे 2021 में ही लॉन्च किया जाना है. इसे पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर तैनात किया जाएगा. – जूडिथ हार्टल

पिछले हफ्ते ही रिचर्ड ब्रैन्सन ने अपनी कंपनी वर्जिन गैलक्टिक के रॉकेट विमान में अंतरिक्ष की यात्रा की है. रविवार को न्यू मेक्सिको स्थित हवाई अड्डे से उनके रॉकेट ने उड़ान भरी थी और एक घंटे से ज्यादा समय की यात्रा की. उस विमान में दो पायलटों के अलावा अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग देने वाले एक प्रशिक्षक और इस अभियान के मुख्य इंजीनियर भी शामिल थे.
न्यू शेपर्ड उड़ान के तरीके के लिहाज से भी वर्जिन गैलक्टिक से अलग है. वर्जिन गैलक्टिक एक रॉकेट के सहारे चलने वाले अंतरिक्ष यान था जिसे कैरियर प्लेन ने हवा में ले जाकर लॉन्च किया था. न्यू शेपर्ड रॉकेट की तरह खड़ा होगा और सीधे उड़ान भरेगा. वर्जिन गैलक्टिक की तरह न्यू शेपर्ड पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश नहीं करेगा बल्किन यात्रियों को लगभग 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर ले जाएगा. वहां से कैपस्यूल पैराशूट के सहारे वापसी करेगा. वर्जिन गैलक्टिक 86 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया था.
21 साल का सफर
ब्लू ओरिजिन को निर्माण में दो दशक का वक्त लगा है. बेजोस ने 2000 में इस कंपनी की स्थापना की थी. कई साल पहले कंपनी ने फैसला किया कि वह अपने अभियान के लिए बिना पायलट के उड़ने वाला विमान इस्तेमाल करेंगे. कंपनी की सोच से परिचित एक व्यक्ति के मुताबिक उनका गणित बहुत साधारण है. वह कहते हैं, “अगर आप ऐसा सिस्टम बनाते हैं कि आपको पायलट या सह पायलट की जरूरत न पड़े, तो जाहिर है आप ऐसे ज्यादा यात्री ले जा पाएंगे जो टिकट के लिए पैसे देंगे.”
तस्वीरों मेंः क्या यहां हैं एलियंस क्या यहां एलियंस हो सकते हैं
10. केपलर 22बी
यह पृथ्वी से 600 प्रकाश वर्ष दूर है. काम शुरू करने के सिर्फ तीन दिन के भीतर केपलर ने इसे खोज लिया था. वैज्ञानिक मानते हैं कि इसकी सतह पानी से पटी है. इसलिए इसे समुद्री ग्रह भी कहते हैं.

11. ग्लीज 667सी
धरती से 22 प्रकाश वर्ष दूस यह ग्रह पृथ्वी से साढ़े चार गुना भारी है. वैज्ञानिकों को नहीं पता कि यहां की जमीन चट्टानी है या नहीं लेकिन यह है एकदम धरती जैसा.

12. केपलर 62
केपलर टेलीस्कोप के द्वारा खोजे गए बाहरी सौरमंडलों में से पानी होने की सबसे ज्यादा संभावना इसी ग्रह पर है.

13. केपलर 452बी
यह अपने तारे से इतनी दूर है कि वहां जीवन संभव है, ठीक वैसे ही जैसे पृथ्वी पर. इसका आकार पृथ्वी से कुछ ही बड़ा है. यह छह अरब साल पुराना ग्रह है और इसका तापमान इतना है कि वहां पानी हो सकता है.

14. केपलर 62एफ
यह ग्रह भी अपने तारे से बहुत सुरक्षित दूरी पर है और यहां पानी भी है. पृथ्वी से यह 1200 प्रकाश वर्ष दूर है.

15. ग्लीज 581डी
यह पृथ्वी से सात गुना भारी है. हमारे सौरमंडल से 20.3 प्रकाश वर्ष दूर यह ग्रह एक छोटे से तारे का चक्कर लगाता है. माना जाता है कि इस पर पानी भी है.

16. केपलर 62ई
इसका आकार भी पृथ्वी जितना ही है और यह भी अपने तारे से इतनी दूर है कि वहां जीवन संभव है. यह भी एक समुद्री ग्रह है यानी यहां समुद्र जितनी विशाल मात्रा में पानी है.

17. केपलर 186एफ
केपलर ने जितने ग्रह खोजे, उनमें से यह सबसे अहम है. इसका आकार तो पृथ्वी जितना है ही, यह अपने तारे से बहुत सुरक्षित दूरी पर है. इस पर चट्टानें भी हैं जिनमें सिलिकेट और आयरन हो सकता है. हालांकि इसका तारा उतना चमकीला नहीं है.

18. केपलर 69सी
इसका आकार पृथ्वी से करीब 70 फीसदी बड़ा है. हमसे 2700 प्रकाश वर्ष दूर इस ग्रह को सुपर अर्थ भी कहा जाता है. लेकिन इसका वातावरण शुक्र ग्रह से ज्यादा मिलता जुलता है.

19. केपलर की करामात
2009 से 2013 के बीच अपनी चार साल की छोटी सी जिंदगी में केपलर नाम की दूरबीन ने दर्जनों ग्रह खोजे जो पृथ्वी जैसे थे. इस दूरबीन का नाम जर्मन एस्ट्रोनॉमर योहानेस केपलर के नाम पर रखा गया. इसके खोजे किसी भी ग्रह पर जीवन हो सकता है. रिपोर्ट: आरजे/वीके

न्यू शेपर्ड में थह यात्री यात्रा कर सकते हैं. अंतरिक्ष यात्रा से पहले सवारियों को दो दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन यात्रियों को विमान में बिठाने आदि के लिए दो कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है जो हर तरह की परिस्थितियों को लिए यात्रियों को तैयार करेंगे. कैसर्स कहते हैं, “यह किसी मनोरंजन पार्क में झूले की सवारी करने जैसा है. आप बस भरोसा करते हैं कि सब कुछ जांच लिया गया होगा और ठीक ठाक है. बस फिर आप बैठते हैं और राइड का आनंद लेते हैं.”
Soucre: DW