इंग्लैंड में प्रागैतिहासिक स्मारक स्टोनहेंज ही की तरह ब्राज़ील में कई प्राचीन पत्थरों की संरचना मिली है. वैज्ञानिकों ने धरती की इस करामात को ड्रोन की मदद से ढूंढ निकाला है. लगभग 2000 साल पहले बनी इन संरचनाओं की तस्वीरों को ड्रोन ने हवा में उड़ते हुए खींचा था.

हालिया वर्षों में वनों की कटाई और विमान में बैठकर ली गई इन तस्वीरों की मदद से लगभग 450  ऐसी गोल संरचनाएं धरती के गर्भ में मिली हैं. गौरतलब है कि इनमें से ज्यादातर पश्चिमी ब्राज़ील के एमेजॉन जंगलों में मिली हैं.

रिसर्चरों के मुताबिक, ये खोज साबित करती है कि इन जंगलों का प्राचीन लोगों द्वारा हज़ारों सालों से परिवर्तन किया जा रहा था जिन्होंने इन वादियों में रहस्यमयी गोलाकार आकृतियां बना डाली हैं. इन वर्षा-जंगलों को कई हज़ारों सालों से प्राचीन लोगों द्वारा बदला जा रहा था.

हालांकि इन रहस्यमयी आकृतियों का मकसद क्या था, ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ये जगह इन प्राचीन लोगों के धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल हो सकते हैं जहां वे अपनी आलौकिक प्रार्थनाएं और आध्यात्मिक गतिविधियों को  संपन्न करते होंगे.

वैज्ञानिक का एक समूह उसी समय ये जानना चाहता था कि ये Geoglyphes उस समय पहले ही जंगलों से घिरे हुए थे  या नहीं और लोगों ने पर्यावरण पर कितना असर डालते हुए धरती की इन अद्भुत संरचनाओं के साथ प्रयोग किए थे.

ये रिसर्च जो नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंस के जर्नल में छपी थी, के अनुसार मानवों ने इन बैंबू जंगलों में आकर  छोटे और किफायती पौधों को लेकर, जंगल में एक प्राचीन सुपरमार्केट बनाई थी. 

वाटलिंग जिन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटेर में पढ़ते हुए इस रिसर्च को अंजाम दिया था,  ने कहा कि इस रिसर्च से सामने आया है कि यह क्षेत्र लोगों के द्वारा अछूता नहीं है जबकि ऐसी धारणा थी कि इस क्षेत्र में मानव कभी पांव नहीं रख पाया.

रिसर्च साबित करती है कि एमेज़ॉन के जंगलों को रहस्यमयी लोग संभालते थे और सिर्फ यूरोप के लोगों को वन के खत्म होने और पर्यावरण के नुकसान होने की ज़िम्मेदारी नहीं दी जा सकती.

एमेजॉन के जंगलों में ये संरचनाएं मूल निवासियों की प्रासंगिकता को साबित करती है जिनकी वजह से वनों पर किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ा. इससे ये भी साबित होता है कि पर्यावरण की स्थानीय और स्वदेशी जानकारी ऐसी जगहों के लिए कितनी महत्वपूर्ण है.