Can Spiders Weave Webs in Space: प्रकृति की गोद में एक से बढ़कर जीव मौजूद हैं. कोई बहुत बड़े, तो कोई बहुत ही छोटे. कुछ देखने में ख़ूबसूरत, तो कुछ बहुत ही अजीबो-ग़रीब. लेकिन, एक चीज़ जो सभी में समान है कि प्रकृति ने इन सभी को अपना भरण-पोषण करने के लिए ख़ास चीज़ से नवाज़ा है. जैसे शेर को भरपूर ताक़त, तो गिलहरी को फ़ुर्ती. वहीं, मकड़ी को जाल बुनने की अनोखी कला प्रकृति ने दी है, ताकि वो शिकार को अपने जाल में फंसा कर अपना पेट भर सके. 

दोस्तों, मकड़ी की ख़ास बात ये है कि वो अपने शिकार के लिए मज़बूत और बड़ा जाल बुन सकती है. ये सब काम वो धरती पर ही कर सकती है. लेकिन, आपने कभी सोचा है कि अगर किसी मकड़ी को अंतरिक्ष (Can Spiders Weave Webs in Space) में छोड़ दिया जाए, तो क्या वो जाल बुन सकती है? आज का हमारा ख़ास आर्टिकल इसी अटपटे, लेकिन दिलचस्प सवाल पर आधारित है.

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आइये, अब विस्तार से जानते हैं क्या एक मकड़ी अंतरिक्ष (Can spiders Weave Webs in Space) में जाल बुन सकती है? 

1973 में किया गया पहला प्रयोग

 

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Can Spiders Weave Webs in Space in Hindi: ये सवाल भले आपको अटपटा-सा लगे, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसे बड़ी गंभीरता से लिया है. पृथ्वी से क़रीब 400 कि.मी ऊपर International Space Station मौजूद है, जहां सिर्फ़ इंसान नहीं, बल्कि कई जीवों को रखा गया है, जैसे मेंढक, चूहे, चींटियां, मक्खियां और कई सूक्ष्म जीव. इनमें मकड़ी भी शामिल है. 

उस दौरान वैज्ञानिकों के दिमाग़ में सवाल आया कि क्या मकड़ी अंतरिक्ष में जाल बुन सकती है, तो इसके लिए जुलाई 1973 को पहली बार मकड़ी को अंतरिक्ष में भेजा गया. ये दो European garden spider (क्रॉस स्पाइडर) थे, जिन्हें US Space Station, Skylab में रखा गया था, ये देखने के लिये कि ये ज़ीरो ग्रैविटी में जाल बुनने में सक्षम हैं कि नहीं. वहीं, ये पाया गया कि, स्पाइडर ऐसा कर सकते हैं. 

लेकिन, अंतरिक्ष में बनाए गए उनके जाल धरती पर बनाए जाने वाले जाल से बहुत अलग थे यानी एक अलग ही आकार के जाल उन्होंने बुने. वहीं, वैज्ञानिक ये निष्कर्ष नहीं निकाल पाए कि ऐसा ज़ीरो ग्रैविटी के कारण हुआ है या खाने या नमी की कमी के कारण. 

2008 में फिर भेजे गए स्पाइडर

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2008 में NASA ने मकड़ी की दो प्रजातियों (Metepeira labyrinthea और Larinioides Patagiatus) को अंतरिक्ष में भेजा. Metepeira labyrinthea को मुख़्य रिसर्च के लिए रखा गया था और Larinioides Patagiatus को बैकअप के लिए. मकड़ियों के भोजन के लिए Drosophila नाम की मक्खियों को भेजा गया.  लेकिन,  इस बीच बैकअप वाली मकड़ी मुख्य मकड़ी के चेंबर में चली गई और दोनों मकड़ियों ने वहां जाले बुनने शुरू कर दिये. परिणामस्वरूप, रैंडम जाल बुना हुआ सामने आया और जो मक्खियां उनके खाने के लिए भेजी गईं थी, उन्होंने उन्हें न के बराबर खाया, जिससे मक्खियों की संख्या अधिक बढ़ गई थी. 

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2011 में फिर भेजी गई मकड़ियां 

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Can Spiders Weave Webs in Space in Hindi: इस रिसर्च को आगे बढ़ाते हुए NASA ने 2011 में फिर से मकड़ियों को  International Space Station भेजा. इस बार दो ‘Golden Silk Orb Weavers’ को भेजा गया.  प्राकृतिक परिस्थितियों में मकड़ियों ने असममित जाले का निर्माण किया, जिनमें केंद्र शीर्ष के क़रीब था. फिर वे अपने सिर को नीचे की ओर करके जाले के शीर्ष आधे भाग पर बने रहते है. इस तरह ग्रैविटी उन्हें जाल में पकड़े गए शिकार की ओर भागने में मदद करती है.  

प्रकाश जाले बुनने को प्रभावित करता है 

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एक जर्नल के अनुसार, प्रकाश मकड़ियों द्वारा जाले बुनने के प्रभावित करता है. एक स्टडी में देखा गया है कि अंतरिक्ष में मकड़ियों द्वारा बनाए गए जाले काफ़ी Symmetric थे, लेकिन जैसे ही लाइट ऑन की गई उन्होंने प्रकाश स्रोत के सामने Asymmetric जाले बनाने शुरू कर दिए.  

ज़ीरो ग्रैविटी में मकड़ी के पास कोई और ऑप्शन नहीं 

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Can Spiders Weave Webs in Space in Hindi: University of Basel (Switzerland) के लेखक Samuel Zschokke बताते हैं कि ज़ीरो ग्रैविटी में मकड़ी के पास कोई और विकल्प नहीं होता है. साथ ही उन्हें पता नहीं लग पाता कि क्या ऊपर है और क्या नीचे, इसलिए उस स्थिति में वो जैसा जाल बुन सकते हैं, वैसा ही बना लेते हैं. लेकिन, जैसे ही उन्हें प्रकाश दिखता है, वो शायद समझ लेते हैं कि ये ऊपर है, तो वो उसी अनुसार अपनी प्रतिक्रिया देते हैं यानी जाल बुनते हैं.

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