जयपुरवासी अपने शहर में घूमने के बाद आस-पास किसी अच्छी लोकेशन की तलाश में होते हैं. ऐसे लोगों के लिए जयपुर से चंद घंटों की दूरी पर बसा चित्तौड़गढ़ का क़िला बेस्ट डेस्टिनेशन है. ये कभी मेवाड़ साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी. राजपूत घराने का भी इतिहास इससे जुड़ा है. जयपुर वासियों को इसे एक बार ज़रूर एक्सप्लोर करना चाहिए. 

एशिया का सबसे बड़ा क़िला

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चित्तौड़गढ़ का क़िला क़रीब 700 एकड़ में फैला है. ये एशिया का सबसे बड़ा क़िला है. इसे युनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया है. चित्तौड़गढ़ के क़िले को 7वीं सदी में मौर्यों द्वारा बनवाया गया था. ये क़िला राजस्थान के राजपूत घराने के राजाओं, उनके साहस, बड़प्पन, शौर्य और त्याग का प्रतीक है. इसमें कई फ़िल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है. दीपिका पादुकोण की सुपरहिट फ़िल्म ‘पद्मावत’ भी इसमें शामिल है.

चित्तौड़गढ़ के मुख्य आकर्षण

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इस क़िले के अंदर फतेह प्रकाश पैलेस, पद्मिनी महल, राणा कुंभा महल, विजय स्तम्भ और कीर्ति स्तम्भ जैसे कई ऐतिहासिक स्मारक हैं. ये क़िला बेराच नदी के किनारे बना है. यहां जाएं तो कालका मंदिर ज़रूर जाना. इस मंदिर की नक्काशी आपका मन मोह लेगी.

जौहर कुंड

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चित्तौड़गढ़ का क़िला ‘जौहर कुंड’ के लिए भी जाना जाता है. जौहर एक प्राचीन प्रथा है. इसके अनुसार यदि कोई राजा किसी युद्ध में अपने शत्रु से हार जाता था तो अपने सम्मान को बचाने के लिए शत्रुओं के हाथ लगने की बजाय, महल की स्त्रियां कुंड की अग्नि में ख़ुद को अग्नी को समर्पित कर देती थीं. कहते हैं यहां कभी सैंकड़ों कुंड थे जो हज़ारों सैनिकों की सेना को कई वर्षों तक पानी की आपूर्ती करते थे. अब इनमें से कुछ ही बचे हैं.

कैसे पहुंचे?

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चित्तौड़गढ़ के लिए आप सोलो ट्रिप से लेकर फ़ैमिली ट्रिप दोनों प्लान कर सकते हैं. जयपुर से चित्तौड़गढ़ के लिए बस और ट्रेन दोनों उपलब्ध हैं. वैसे यहां के लिए रोड ट्रिप प्लान करना बेस्ट रहेगा. ये जयपुर से 6 घंटे की दूरी पर है. यहां जाने के लिए बेस्ट समय अक्टूबर से मार्च के बीच है. बाकी के समय में यहां काफ़ी गर्मी होती है. 

तो कब जा रहे हैं आप राजपूतों के नगर चित्तौड़गढ़?