दुनिया के बड़े से बड़े साम्राज्य और साम्राज्यवादियों को यदि किसी एक चीज़ से डर लगता है तो वह कलाकारों की कल्पना है. एक कलाकार अपनी कल्पनाओं में इस संसार की तमाम विषमताओं को मिटाने के लिए प्रयासरत होता है. कई बार वह इसमें सफ़ल हो जाता है, तो कई बार वह औंधे मुंह गिर पड़ता है. मगर फ़िर भी वो हार नहीं मानता और अनवरत संघर्षरत रहता है.
एक ऐसी ही ईमानदार कोशिश फ़ोटोग्राफ़र कोहेन ने भी की है, जिन्होंने मोजावे, सहारा और अटाकामा रेगिस्तान के अंधेरी रातों की तस्वीरों को दुनिया की सबसे ज़्यादा जगमगाती और प्रकाशमयी शहरी नज़ारों के ऊपर फिट करने की कोशिश की है. ये नज़ारे ख़ुद में जितने राजनीतिक हैं, उतने ही आध्यात्मिक भी. तो आप भी इन तस्वीरों और नज़ारों के माध्यम से इन सितारों और रातों के असीम ऊर्जा को ख़ुद में महसूसिए…