Mawlynnong Village: भारत में साफ़-सफ़ाई को लेकर सरकार समय-समय पर अक्सर तरह-तरह की योजनायें चलाती रही है. इस दौरान टीवी व प्रिंट विज्ञापनों, होल्डिंग्स, पोस्टर्स से लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है, लेकिन सरकार की ये बातें हमारे देश के कुछ परम अज्ञानी लोगों के सिर के ऊपर से निकल जाती हैं. भारत में आपको अपनी पान की पीक से सरकारी इमारतों की दीवारों को खूनी दीवार बनाने वालों से लेकर दीवार पर ‘यहां पेशाब करना मना है’ लिखने के बावजूद वहां पेशाब की गंगा-जमुना बहाने वाले हज़ारों मिल जायेंगे. लेकिन भारत में एक ऐसा गांव भी है जहां के लोगों ने साफ़-सफ़ाई के मामले में एक मिसाल पेश की है.

चलिए इन 15 ख़ूबसूरत तस्वीरों के ज़रिए भारत में स्थित एशिया के इस सबसे स्वच्छ गांव का टूर कर लेते हैं- 

1- भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय की पूर्व खासी पहाड़ियों में बसे इस गांव का नाम मावलिननांग (Mawlynnong Village) है.

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2- भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर पर स्थित होने के कारण यहां से बांग्लादेश के बॉर्डर को भी साफ़ तौर पर देखा जा सकता है.  

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3- मावलिननांग गांव (Mawlynnong Village) को साल 2003 में एशिया के सबसे साफ़-सुथरे गांव का दर्जा मिला था.   

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4- अपनी बेजोड़ स्वच्छता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध मेघालय के मावलिननांग गांव को ‘God’s Own Garden’ भी कहा जाता है.

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5- मेघालय (Meghalaya) के इस गांव में खासी जनजाति के लोग निवास करते हैं, जो स्वच्छता को बहुत ही गंभीरता से लेते हैं.

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6- गांव के सभी अपने घरों की सफ़ाई के साथ-साथ सड़कों की भी सफ़ाई करते हैं. सभी घरोंं के आगे बांस से बने कुड़ेदान लगे हुए हैं.

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7- मावलिननांग (Mawlynnong Village) भारत का एकमात्र ऐसा जनजातीय गांव है जहां के हर घर में शौचालय मौजूद है.

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8- मावलिननांग गांव के लोग प्लास्टिक की जगह कपड़े के बने थैले इस्तेमाल करते हैं. ये गांव पूरी तरह से प्लास्टिक फ़्री है.

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9- गांव के लोगों का आय का मुख्य स्त्रोत खेती-बाड़ी है. इसके अलावा गांव के लोग लकड़ी का प्रयोग अधिक करते हैं.

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10- मावलिननांग गांव की सबसे ख़ास बात ये है यहां बच्चे अपने पिता के स्थान पर मां का सरनेम इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में ये गांव सभी के लिए मिसाल है.

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11- मावलिननांग गांव की साक्षरता दर 100 प्रतिशत है. गांव के अधिकतर लोग अच्छी अंग्रेज़ी बोल लेते हैं.

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12- गांव के लोग कचड़े को रिसाइकिल करके उसका प्रयोग खाद के रूप में करते हैं. इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहता है और अनाज का उत्पादन भी बेहतर होता है.

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13- इस गांव में ब्रिज का निर्माण पेड़ की जड़ों से किया गया है जो देखने में बेहद ख़ूबसूरत और आकर्षक लगता है. ट्रेकिंग के लिए ये ब्रिज बेहद ख़ास हैं.

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14- मावलिननांग गांव चारों ओर से हरियाली से घिरा हुआ है. यहां नदी, झरने, लिविंग रूट ब्रिज, पहाड़ आदि बेहद मनमोहक हैं जो गांव की ख़ूबसूरती में चार चांद लगाते हैं.

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15- मावलिननांग के Dwaki नदी का पानी इतना साफ़ है कि इसमें चलती नाव से देखने पर ऐसा लगता है मानो पानी में नहीं आप हवा में तैर रहे हों.

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मावलिननांग गांव आज अपनी इन्हीं ख़ूबियों की वजह से मेघालय का प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन चुका है.