भारत देश में महिला सैनिकों की बहादुरी और हिम्मत इनकी यूनिफ़ॉर्म में झलकती है, जो उनकी वीरता की कहानी को बताती है. इतना ही नहीं यूनिफ़ॉर्म पहने महिला को देखकर लोगों की नज़रें भी उन्हें सम्मान से देखने लगती है. एक महिला सैनिक को बनेने में उनकी कड़ी मेहनत, साहस और जी तोड़ पसीना लगता है. मगर ऐसा हर देश में नहीं होता, अब चीन को ही ले लीजिए वहां पर महिला सैनिकों को किसी भी तरह की फ़िज़िकल ट्रेनिंग नहीं दी जाती है. आप सुनकर हैरान रह जाएंगे, क्योंकि वहां की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (People’s Liberation Army) में महिला सैनिकों की भर्तियां तो हो रही हैं, लेकिन उन्हें बाल लंबे रखने और डांस सीखने की हिदायत दी जा रही है, न कि एक्सरसाइज़ करने की.
महिला सैनिकों को नीची नज़रों से देखा जाता है
अन्य देशों की बात की जाए तो कहीं महिलाएं देश संभाल रही हैं तो कहीं फ़ाइटर प्लेन उड़ा रही हैं, लेकिन चीन में महिलाओं को इस लायक नहीं समझा जाता है. इतना ही नहीं आज से कई सालों पहले चीन में 16 महिला अफ़सरों को फ़ाइटर जेट उड़ाने की ट्रेनिंग दी जा चुकी है. इसके बावजूद भी आज चीन की सेना में महिला सैनिकों की स्थिति बहुत ख़राब है, उन्हें नीची नज़रों से तो देखा जाता ही है साथ ही उनके यौन शोषण की ख़बरें आती रहती हैं. उनमें हिम्मत और साहस होने के बावजूद भी उनसे हल्के-फुल्के काम ही लिए जाते हैं.
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सैनिकों की डांस की ट्रेनिंग होती है
चीन में महिला सैनिकों के कारनामे को उजागर करने की बजाए उनके डांस स्टेप पर ध्यान दिया जाता है, जबकि चीन में साल 2009 में 16 फ़ीमेल फ़ाइटर पायलट ट्रेंड की गई थीं. इसे बावजूद भी PLA के टैलेंट सेगमेंट में महिला अफ़सरों के कारनामे नहीं, बल्कि डांस या मेकअप को प्रमोट किया जाता है. चीन का सरकारी मीडिया पीपल्स डेली अपनी सोशल साइट पर उनके इन्हीं वीडियो को डालता है.
सॉफ़्ट स्किल के वीडियो पोस्ट होते हैं
1 अगस्त को People’s Liberation Army का फ़ाउंडिंग डे होता है, उस अवसर पर भी महिला सैनिकों से जुड़ीं ख़बरें और वीडियो सोशल मीडिया, अख़बारों और टीवी पर देखने को मिलते हैं. ये वीडियो उनकी बहादुरी के नहीं होते हैं, बल्कि उनके साफ़्ट स्किल के बारे में होते हैं कि वो कैसे मेकअप करती हैं? कैसे फ़ोन उठाती हैं? इसके अलावा डांस वीडियोज़ भी अपलोड किए जाते हैं.
जिनपिंग की पत्नी आर्मी में मेजर
चीन में आम महिला सैनिकों की ये हालत नहीं है, बल्कि चीन के राष्ट्रपति Xi Jinping की पत्नी Peng Liyuan PLA फ़ीमेल मिलिट्री में मेजर जनरल के पद पर होने के बाद भी आज तक एक सिंगर के तौर पर ही जानी जाती हैं. इन्होंने इस भेदभाव को स्वीकार लिया जिसके बाद सेना की हर महिला सैनिक से इसी बत की उम्मीद की जाने लगी.आपको बता दें, चीन की सेना PLA में फ़िलहाल महिला सैनिकों की संख्या 4.5% है, जो एक अच्छी संख्या है.
ट्रेनिंग से ज़्यादा बालों की लंबाई पर ध्यान देना होता है
भर्ती के समय उनके दमखम की बजाय उनके बालों की लंबाई देखी जाती है और उनकी गाइडलाइन के अनुसार बाल छोटे होने की वजह से उन्हें रिजेक्ट कर दिया जाता है. Quartz की एक रिपोर्ट के अनुसार, जूड़े की लंबाई-चौड़ाई-ऊंचाई में 13 सेंटीमीटर और 6-6 सेंटीमीटर होना चाहिए. इतना ही नहीं चाइना न्यूज.कॉम की ख़बर के मुताबिक, जिन महिला सैनिकों के बाल लंबे नहीं होते हैं वो लंबे बालों के लिए नकली बाल लगाती हैं. PLA ख़ुद भी महिला सैनिकों को उनके मेकअप और डांस पर फ़ोकस करने की हिदायत देता है.
टेलीफ़ोन ऑपरेटर बन कर रह जाती हैं
मेकअप, डांस या फ़ोन उठाना सारे काम महिला सैनिकों के लिए तय थे, लेकिन पुरुषों के लिए ऐसा कोई काम ज़रूरी नहीं किया गया. साल 2017 में मिलिट्री न्यूज़पेपर ने उन सभी महिला सैनिकों के बारे में छापा, जो टेलीफ़ोन ऑपरेटर का काम करती हैं और ट्रांसफ़र करती हैं. चीनी आर्मी में महिला सैनिकों को ये काम साल 1960 से दिये जा रहे हैं.
फ़ोन ऑपरेटर होना भी बहुत मुश्किल काम है
महिलाएं भर्ती होने से पहले युद्ध में जांबाज़ी का सपना देखती हैं, लेकिन इन्हें फ़ोन ऑपरेटर बनाकर रख दिया जाता है. हालांकि, ये नौकरी भी आसान नहीं हैं. Quartz.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक. जो महिला सैनिक फ़ोन उठाती हैं उन्हें 3000 से ज़्यादा फ़ोन नंबर याद रखने पड़ते हैं और उन्हें चीन में रहने वाले हर इंसान की बोली को बोलना और समझना आना चाहिए. इतना ही नहीं उन्हें हर आवाज़ को याद रखना पड़ता है ताकि दोबारा कॉल आए तो वो फ़ौरन समझ जाएं.
बात सिर्फ़ महिलाओं के सम्मान की नहीं है, बल्कि जिस वर्दी को महिला सैनिक पहनती हैं उस वर्दी का भी सम्मान करना बहुत ज़रूरी है.