Difference Between Highway And Expressway: दुनिया के किसी भी देश के लिए सड़कें उसकी अर्थव्यवस्था की ‘रीड की हड्डी’ समझी जाती हैं. किसी देश की आधारभूत संरचना तभी मज़बूत होती है जब उस देश के Highway और Expressway अच्छे हों. अगर किसी देश में सड़कें ही अच्छी नहीं होंगी तो उसका विकास कैसे हो पाएगा! इसलिए भी सड़कों का होना बेहद अहम माना जाता है. भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़ देश में वर्तमान में कुल 599 हाईवे (Highway) हैं, जिनकी लंबाई क़रीब 1.32 लाख किलोमीटर है. इनमें से सबसे लंबा नेशनल हाईवे NH 44 है, जिसकी लंबाई 3745 किलोमीटर है. श्रीनगर से शुरू होकर ये कन्याकुमारी तक जाता है. अगर देश में एक्सप्रेसवे (Expressway) की बात करें तो इनकी संख्या 23 है, जिन पर परिचालन पूरी तरह से चालू है. इसके अलावा 18 एक्सप्रेसवे ऐसे हैं जिनपर काम चल रहा है.

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भारत में Highway और Expressway का इतिहास

21वीं सदी में सड़क निर्माण कार्य में Expressway विकास की एक नई लहर लेकर आ रहे हैं. भारत में क़रीब 23 साल पहले मुंबई-पुणे के बीच पहला एक्‍सप्रेसवे शुरू हुआ था. लेकिन आज देश के हर बड़े राज्‍यों के बीच एक एक्‍सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं. आज देश में 23 एक्सप्रेसवे बन चुके हैं. इनकी मदद से दो शहरों के बीच की दूरी आधी हो गई है. जबकि देश का पहला Highway नेशनल हाईवे (NH 1) है, जो दिल्ली से पंजाब के अटारी तक के लिए बना था. ये हाईवे ऐतिहासिक Grand Trunk Road का हिस्सा है.

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आमतौर पर Highway और Expressway एक सामान प्रतीत होते हैं, लेकिन असल में ये दोनों एक दूसरे से एकदम अलग होते हैं. इसीलिए आज हम आपको Highway और Expressway के बीच के अंतर को बताने जा रहे हैं.

क्या होता है एक्सेस कंट्रोल?

हाईवे और एक्सप्रेसवे के बीच मुख्य अंतर ‘एक्सेस कंट्रोल’ का होता है. आमतौर पर हाईवे 4 लेन के होते हैं और कई शहरों को जोड़ते हैं. हाईवे में प्रवेश पर कोई रोक नहीं होती है. आप कहीं से भी इसमें एंट्री कर सकते हैं. इसीलिए ये दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं. इसी तरह एक्सप्रेसवे भी शहरों को जोड़ने का काम करते हैं, लेकिन इसकी लेन्स की संख्या ज़्यादा होती है और उनमें प्रवेश प्रतिबंधित होता है. एक्सप्रेसवे में एंट्री बेहद सीमित होती है. ये ज़मीन से कुछ ऊंचाई पर बनते हैं. इसीलिए इसमें कोई भी आसानी से प्रवेश नहीं कर पाता. इसमें निर्धारित एंट्री व एग्जिट पॉइंट होते हैं.

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क्यों होते हैं एक दूसरे से अलग?

भारत में 20वीं सदी तक हाईवे ही अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी भूमिका निभाते आए हैं. ये सड़कें देश के मुख्य शहरों और बंदरगाहों को जोड़ने का काम करती हैं. वहीं एक्सप्रेसवे क्वालिटी और उसमें मिलने वाली सुविधाओं के मामले में हाईवे से कहीं आगे हैं. भारत में ये शीर्ष श्रेणी की सड़कें मानी जाती हैं. इन तक पहुंचने के लिए रैम्प बनाए जाते हैं. इनमें ग्रेड सेपरेशन (सड़कों को एक-दूसरे के ऊपर या नीचे से निकालना) और लेन डिवाइडर दिए जाते हैं. हाईवे पर जहां अधिकतम स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है. वहीं एक्सप्रेसवे पर स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा होती है.

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