एक वक़्त था, जब ट्रेनों को महज़ बड़ी दूरियां कम समय में तय करने की चीज़ समझा जाता था. ये बात आज भी सही है. बस अब लोगों की भारतीय रेलवे (Indian Railway) से एक्पेक्टेशन काफ़ी बढ़ चुकी है. उन्हें ट्रैवल करने के लिए रेवले की अब सिर्फ़ सुविधा ही नहीं, बल्कि सुविधाजनक सफ़र भी चाहिए.

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भारतीय रेलवे बदलते इंडिया की सोच को समझता भी है. इसलिए वो लगातार तब्दीलियां कर रहा है. इसी बदलाव की दिशा में रेलवे ने इकोनॉमी थर्ड ऐसी क्लास की सुविधा यात्रियों को दी. इसे एसी -3 टियर इकोनॉमी कोच ( AC 3 tier economy coach) भी कहते हैं. आपको पता ही है कि ट्रेन में फ़र्स्ट एसी, सेकेंड एसी और थर्ड एसी या स्लीपर जैसे कोच होते हैं. मगर अब थर्ड एसी की तरह एसी-3 इकोनॉमी के कोच भी जोड़े जाने लगे हैं. 

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मगर लोग अभी भी समझ नहीं पाते हैं कि आख़िर इकॉनमी थर्ड ऐसी क्लास पहले से चले आ रहे थर्ड एसी से कैसे अलग है? आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देंगे.

थर्ड एसी की तरह ही है एसी-3 इकोनॉमी

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भारतीय रेलवे एसी-3 इकोनॉमी कोच का संंचालन साल 2021 करने लगा है. ये थर्ड एसी की तरह ही है. इसका मकसद आम लोग भी किफायती दर पर आरामदेह यात्रा की सुविधा देना है, ताकि इससे स्लीपर क्लास के लोग भी एसी डिब्बों की तरफ़ आकर्षित हों.

थर्ड एसी और एसी-3 इकोनॉमी डिब्बों में अंतर क्या है?

अब सवाल और कंफ़्यूज़न यही है कि जब ये थर्ड एसी की तरह है, तो फिर दोनों में अंतर क्या है? बता दें, एसी-3 इकोनॉमी कोच नए हैं और आधुनिक सुविधाओं को इसमें शामिल किया गया है. इसको डिज़ाइन भी पहले की तुलना में बेहतर और अलग तरीके से किया गया है. 

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मसलन, थर्ड एसी में एक कोच में अधिकतम 72 सीटें होती हैं. जबकि एसी-3 इकोनॉमी कोच में बर्थ की संख्या 83 की गई है. मतलब है कि इसमें 11 सीटें ज़्यादा हैं. इसके लिए रेलवे ने 2 सीटों के बीच के गैप को कम किया है. 

एसी3 इकोनॉमी कोच के इंटीरियर डिज़ाइन में ज़बरदस्त बदलाव किया गया है. हर सीट के यात्री के लिए AC डक अलग अलग लगाया गया है. इसके साथ हर सीट के लिए बोतल स्टैंड, रीडिंग लाइट और चार्जिंग की व्यवस्था की गई है. जो कि थर्ड एसी में उस तरह से नहीं मिलतींं.

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इतना ही नहीं, बॉथरूम और वॉशवेशिंग के नल वगैरह में भी बदलाव किए गए हैं. इसमें कोरोना प्रोटोकॉल्स का ध्यान भी रखा गया है. यानि, टैब ऐसे हैं, जिन्हें हाथ से खोलने की ज़रूरत नहींं, बस नीचे पैर से दबाना होगा और पानी चलने लगेगा. बॉथरूम में मोबाइल और पर्स वगैरह रखने की जगह भी दी गई है.

इसके अलावा, दिव्यांगों के लिहाज़ से सहूलियत भरे टॉयलेट डिज़ाइन किए गए हैं. स्मोक डिटेक्टर और इंफॉर्मेशन डिस्प्ले बोर्ड की व्यवस्था कर कोच के इंटीरियर को बेहतर बनाया गया है. सबसे बड़ी बात ये है कि ये सब किफ़ायती दर पर मिल रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, AC3 इकोनॉमी क्लास में किराया थर्ड एसी कोच से 3 से 8 फ़ीसदी तक कम रहता है.

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वहीं, जिस तरह थर्ड एसी के कोच आमतौर पर B1, B2, B3 आदि से पहचाने जाते हैं, वैसे ही इकोनॉमी के कोच M1, M2, M3 आदि से पहचाने जाते हैं. 

इन ट्रेनों में मिल रही AC3 इकोनॉमी क्लास की सुविधा-

जानकारी के मुताबिक, अभी 8 ट्रेनें हैं, जिनमें ये कोच शामिल किए गए हैं. 

गोरखपुर-कोचुवेली एक्सप्रेस, गोरखपुर-सिकंदराबाद एक्सप्रेस, गोरखपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक (टी)-गोरखपुर एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक (टी)-वाराणसी एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक (टी) -सुल्तानपुर एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक (टी)-छपरा एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक (टी)-फैजाबाद एक्सप्रेस.